CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3 are part of CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Here we have given CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3.

CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 3

Board CBSE
Class IX
Subject Hindi B
Sample Paper Set Paper 3
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश

1. इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं-क, ख, ग और घ।
2. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
3. यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]

प्रश्न 1:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (9)
परिवर्तन प्रकृति का नियम है और परिवर्तन ही अटल सत्य है। अत: पर्यावरण में भी परिवर्तन हो रहा है, लेकिन वर्तमान समय में चिंता की बात यह है कि जो पर्यावरणीय परिवर्तन पहले एक शताब्दी में दिखते थे, अब उतने परिवर्तन एक दशक में ही दिखने लगे हैं। पर्यावरण संबंधी परिवर्तन की इस तेज़ी का कारण है – विस्फोटक ढंग से बढ़ती आबादी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी उन्नति का अधिकाधिक प्रयोग तथा सभ्यता का विकास। पर्यावरण संबंधी समस्या के अंतर्गत सबसे महत्त्वपूर्ण समस्या है – ओज़ोन परत में छिद्र होना और धरती के तापमान में वृद्धि। ये दोनों क्रियाएँ परस्पर संबंधित हैं।

उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशकों में सुपरसोनिक वायुयाने आए और वे ऊपरी आकाश में उड़ाए जाने लगे। उन वायुयानों के द्वारा निष्कासित पदार्थों में उपस्थित नाइट्रिक ऑक्साइड के द्वारा ओज़ोन परत का क्षय महसूस किया गया। यह ओज़ोन परत वायुमंडल के समतापमंडल या बाहरी घेरे में होती है। आगे शोध द्वारा यह भी पता चला कि वायुमंडल की ओज़ोन परत पर क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, प्रशीतक रासायनिक पदार्थ, नाभिकीय विस्फोटकों इत्यादि का भी दुष्प्रभाव पड़ता है। ओज़ोन परत जीवमंडल के लिए रक्षा कवच है। यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों के विकिरण को रोकती है, जो जीवमंडल के लिए घातक है। ओज़ोन परत के क्षरण के लिए क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (सी एफ सी) एवं हाइड्रो क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (एच सी एफ सी) जैसे रासायनिक पदार्थ सर्वाधिक ज़िम्मेदार हैं। इन सब रासायनिक तत्त्वों में अत्यधिक वृद्धि औद्योगीकरण के बाद हुई है। इसलिए यह आवश्यक है कि विकास को पर्यावरण के साथ जोड़कर अपनाया जाए तथा पर्यावरण एवं ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का आविष्कार किया जाए।

(क) वर्तमान समय में होने वाले पर्यावरणीय परिवर्तन में सर्वाधिक चिंता की बात कौन-सी है? (2)
(ख) पर्यावरण संबंधी सबसे महत्त्वपूर्ण समस्या कौन-सी है? इसके क्या कारण हैं?  (2)
(ग) ओज़ोन परत को जीवमंडल का रक्षा कवच क्यों कहा जाता है? (2)
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक तर्क सहित लिखिए।  (2)
(ङ) ‘उन्नति’ शब्द का विलोम शब्द लिखिए।  (1)

प्रश्न 2:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए

छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए,
मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए।
दो बार नहीं यमराज कंठ धरता है,
मरता है जो, एक बार ही मरता है।
तुम स्वयं मरण के मुख पर चरण धरो रे।
जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे।
स्वातंत्र्य जाति की लगन, व्यक्ति की धुन है,
बाहरी वस्तु यह नहीं, भीतरी गुण है।
नत हुए बिना जो अशनि-घात सहती है।
स्वाधीन जगत में वही जाति रहती है।
वीरत्व छोड़, मेत पर का चरण गहो रे।
जो पड़े आन, खुद ही सब आने सहो रे।
दासत्व जहाँ है, वहीं स्तब्ध जीवन है,
स्वातंत्र्य निरंतर समर, सनातन रण है।
स्वातंत्र्य समस्या नहीं आज या कल की,
जागृति तीव्र यह घड़ी-घड़ी पल-पल की।
पहरे पर चारों ओर सतर्क लगो रे।।
घर धनुष-बाण उद्यत दिन-रात जगो रे।

(क) देश की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए क्या किया जाना चाहिए? (2)
(ख) जीवन कहाँ पर ठहर जाता है और क्यों? (2)
(ग) निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद कीजिए (2)
(i) निरंतर (ii) स्वाधीन

खंड {ख} व्याकरण [15 अंक]

प्रश्न 3:
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए। (2)
(i) शत्रुता
(ii) क्षत्री।

प्रश्न 4:
(क) निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त स्थान पर लगे अनुनासिक वाले शब्द छाँटिए (1)
ऊँचाई, काव्याँश, मॅडित, पूँजी
(ख) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्द छाँटिए (1)
संभावना, सुगंधित, असभंव, सयोंग
(ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थानों पर नुक्ते का प्रयोग (1)
करके उन्हें पुनः लिखिए
(i) तरफ
(ii) जहर

प्रश्न 5:
(क) ‘निस्संकोच’ शब्द में से उपसर्ग व मूल शब्द को अलग-अलग करके लिखिए। (1)
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द व प्रयुक्त प्रत्यय को अलग-अलग करके लिखिए। (2)
(i) दुकानदार
(ii) भारतीय ।

प्रश्न 6:
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (4)
(i) बहिष्कार
(ii) दिग्गज
(iii) वाण्यूर्मि
(iv) नवोढ़ा

प्रश्न 7:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए (3)
(क) ‘बाहर कौन है?’ में कौन-सा चिह्न प्रयुक्त हुआ है?
(ख) कृ.पृ.उ.’ में कौन-सा चिह्न प्रयुक्त हुआ है?
(ग) “गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल स्वतंत्रता सेनानी थे।” वाक्य के अंतर्गत कौन-सा विराम चिह्न प्रयुक्त हुआ है?

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [25 अंक]

प्रश्न 8:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) अंगदोरजी दिन में ही पर्वत शिखर पर जाकर वापस क्यों लौटना चाहता था? ‘एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा’ पाठ के आधार पर बताइए। (2)
(ख) “धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर बताइए कि पाश्चात्य देशों में आर्थिक विषमता का स्वरूप कैसा है? (2)
(ग) लेखक अतिथि को कैसे और क्या अहसास दिलाना चाहता है? (1)

प्रश्न 9:
महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाडली बना दिया था? ‘शुक्रतारे के समान’ पाठ के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
‘कीचड़ का काव्य पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि सर्वत्र सनातन कीचड़ कहाँ-कहाँ दिखाई देता है। तथा उसकी विशेषताएँ क्या हैं? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 10:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) “अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी” पंक्ति में रैदास ने क्या भाव उत्पन्न किया है? (2)
(ख) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया? ‘एक फूल की चाह’ कविता के आधार पर बताइए। (2)
(ग) “पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी” पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है? (1)

प्रश्न 11:
कवि अग्नि पथ पर चलते हुए छाँह माँगने के लिए मनुष्य को मना करता है। क्यों? ‘अग्नि पथ’ कविता के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में कवि ने किस सच को प्रकट किया है तथा कैसे? स्पष्ट कीजिए। उत्तर लगभग100 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 12:
मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और विपरीत निकलती हैं? लेखक ने ऐसा क्यों कहा पाठ ‘स्मृति के आधार पर लगभग 150 शब्दों में उत्तर लिखिए। (5)
अथवा
‘दीये जल उठे’ पाठ के आधार पर बताइए कि गांधीजी व सत्याग्रहियों ने महिसागर नदी को किस प्रकार पार किया? उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए।

खंड {घ} लेखन [25 अंक]

प्रश्न 13:
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)

1. पुस्तक मेला
संकेत बिंदु

  • प्रमुख आकर्षण
  • लाभ
  •  मेरी प्रिय पुस्तकें

2. मातृभाषा
संकेत बिंदु

  • मातृभाषा से अभिप्राय
  • मातृभाषा की आवश्यकता
  • एकता का मूल प्रेरक

3. राष्ट्रप्रेम
संकेत बिंदु

  • राष्ट्रप्रेम का अर्थ
  • राष्ट्रप्रेम का उद्देश्य
  • एकता का प्रेरक तत्त्व

प्रश्न 14:
अपने छोटे भाई को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर उसे अत्यधिक टेलीविज़न देखने से मना करते हुए अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहिए।
अथवा
आप अपने मित्र की बहन के विवाह में सम्मिलित न हो सके। अतः लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर कारण सहित पूर्ण विवरण देकर मित्र से क्षमा याचना कीजिए।

प्रश्न 15:
दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर 20 से 30 शब्दों में चित्र का वर्णन अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए।
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi b Paper 3 15
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi b Paper 3 15a

प्रश्न 16:
एक प्रतियोगिता के लिए जाते हुए दो प्रतिभागियों का संवाद लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अथवा
एक अच्छे अध्यापक के बारे में दो विद्यार्थियों के मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 17:
सर्दियों के कपड़ों की सेल के लिए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप अपना पुराना कंप्यूटर बेचना चाहते हैं इससे संबंधित विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

जवाब

उत्तर 1:
(क) वर्तमान समय में होने वाले पर्यावरणीय परिवर्तन में सर्वाधिक चिंता की बात यह है कि अब कम समय में अधिक परिवर्तन दिखाई देने लगे हैं। अतः पर्यावरणीय परिवर्तन में तीव्र गति से विकास हो रहा है। यह तीव्रता मानव जाति के लिए सकारात्मक नहीं हैं।

(ख) प्रस्तुत गद्यांश में कहा गया है कि पर्यावरण संबंधी समस्या के अंतर्गत सबसे महत्त्वपूर्ण समस्या ओज़ोन परत में छिद्र तथा धरती के तापमान में वृद्धि से संबंधित है। जिसका कारण विस्फोटक ढंग से बढ़ती जनसंख्या, वैज्ञानिक एवं तकनीकी उन्नति का अधिकाधिक प्रयोग तथा सभ्यता का तेजी से विकास इत्यादि हैं।

(ग) ओज़ोन परत को जीवमंडल का रक्षा कवच इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती है। प्राणियों की त्वचा के लिए पराबैंगनी किरणे अत्यंत घातक होती हैं।
ओज़ोन परत के क्षरण की स्थिति में पृथ्वी पर सूर्य की पराबैंगनी किरणों की मात्रा अत्यधिक बढ़ने से पृथ्वी के तापमान में भी अत्यधिक वृद्धि होगी एवं पेड़-पौधों का विकास भी बाधित होगा।

(घ) प्रस्तुत गद्यांश के केंद्र में पर्यावरणीय परिवर्तन को रखा गया है। गद्यांश में तेज़ी से होने वाले पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण ओज़ोन परत के ह्रास, उसके कारण व उसके दुष्प्रभावों से मानव-जीवन को होने वाली क्षति पर प्रकाश डाला गया है। अतः इसका उचित शीर्षक ‘पर्यावरणीय परिवर्तन’ हो सकता है।

(ङ) “उन्नति’ शब्द का विलोम शब्द ‘अवनति’ है।

उत्तर 2:
(क) कवि कहता है कि देश की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए देशवासियों को निरंतर संघर्ष करते हुए सजग एवं सावधान रहना होगा, क्योंकि कोई भी जाति तभी स्वतंत्र रहती है जब वह दुनिया के सामने दृढ़ रहे और आवश्यकता पड़ने पर अपना बलिदान देने के लिए सदैव तैयार रहे।
(ख) प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, मनुष्य का जीवन वहाँ पर ठहर जाता है, जहाँ दासता होती है, क्योंकि दास बने मनुष्य का जीवन जड़ हो जाता है, उसमें गतिशीलता नहीं होती। अतः ऐसा जीवन
मृत्यु के समान है।
(ग) (i) निरंतर – निर + अंतर
(ii) स्वाधीन – स्व + अधीन

उत्तर 3:
(i) श् + अ + त् + र् + उ + त् + आ
(ii) क् + ष् + अ + त् + र् + ई

उत्तर 4:
(क) ऊँचाई, पूँजी
(ख) संभावना, सुगंधित
(ग) (i) तरफ़ (ii) ज़हर

उत्तर 5:
(क) (i) उपसर्ग निस् मूल शब्द संकोच
(ख) (i) मूल शब्द दुकान प्रत्यय दार
(ii) मूल शब्द भारत प्रत्यय ईय |

उत्तर 6:
(i) बहिः + कार
(ii) दिक् + गज
(iii) वाणी + ऊर्मि
(iv) नव + ऊढ़ा

उत्तर 7:
(क) ‘बाहर कौन है?’ वाक्य में प्रश्न किया जा रहा है, अतः यहाँ प्रश्नवाचक चिह्न प्रयुक्त हुआ है।
(ख) ‘कृ.पृ.उ.’ में लाघव चिह्न का प्रयोग हुआ है। इसका पूर्ण रूप ‘कृपया पृष्ठ उल्टे’ होगा। अतः यहाँ शब्द को छोटा दिखाने के लिए उसके प्रथम अक्षर के आगे शून्य (०) का प्रयोग किया गया है।
(ग) ‘गांधीजी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल स्वतंत्रता सेनानी थे।’ वाक्य में अल्पविराम (,) चिह्न का प्रयोग थोड़ा-सा रुकने के संदर्भ में हुआ है।

उत्तर 8:
(क) अंगदोरजी ऑक्सीजन नहीं लगाता था, इसलिए उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे। इससे बचने के लिए वह अधिक देर तक खुली बर्फ में नहीं रहना चाहता था और न ही रात का समय बर्फ में व्यतीत करना चाहता था। यही कारण था कि वह दिन में ही पर्वत शिखर पर जाकर वापस लौट आना चाहता था।

(ख) ‘धर्म की आड़’ पाठ के अनुसार, पाश्चात्य देशों में आर्थिक विषमता का स्वरूप कुछ ऐसा प्रतीत होता है; जैसे

  • वहाँ धनी लोगों की ऊँची-ऊँची इमारतें (अट्टालिकाएँ) गरीबों का उपहास करती हैं।
  • गरीबों का शोषण करके ही साधन संपन्न लोग धनी हुए
  • धनी लोग गरीबों को प्रलोभन देते हैं और गरीब लोग लालच में फंसकर जीवनभर शोषित किए जाते हैं।

(ग) लेखक कैलेंडर शब्द द्वारा अतिथि को यह अहसास दिलाना चाहता है कि मेहमाननवाज़ी कराते हुए अधिक दिन हो गए हैं, अतः अब उसे चले जाना चाहिए।

उत्तर 9:
महादेव जी जो भी लिखते थे, वह बड़ा सुंदर व सटीक होता था। वह चाहे साधारण लेख हो या विरोधी समाचार-पत्रों की प्रतिक्रियाओं का उत्तर, सभी में उनकी शिष्टाचार भरी शैली निहित होती थी। उनके कॉलम सीधी-सादी भाषा में सुस्पष्ट व उच्च भावों से भरे होते थे। महादेव जी देश-विदेश के उन समाचार-पत्रों पर आलोचक की दृष्टि रखते थे, जो गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखते थे और उन पर निरंतर टीका-टिप्पणी करते थे। गांधीजी को आड़े हाथ लेने वाले लेखों पर भी वे समय-समय पर लिखते थे। वे विरोधियों की बातों का उत्तर उदार हृदय से देते थे।

अपने बेजोड़ कॉलम, सतर्क दृष्टि तथा बड़े-बड़े समाचार-पत्रों के आदर्शों का अनुकरण करने के साथ ही अपने विरोधियों के प्रति भी पूरी निष्ठा के साथ विनय विवेक युक्त विवाद करने की चेतना ने ही उन्हें पूरी दुनिया में एवं एंग्लो-इंडियन समाचार-पत्रों के बीच सबका लाडला बना दिया था।

अथवा

‘कीचड़ का काव्य’ पाठ के आधार पर स्पष्ट होता है कि सर्वत्र । सनातन गहरा कीचड़ गंगा के किनारे या सिंधु के किनारे या फिर खंभात में महानदी के मुख से आगे देखने को मिलता है। यहाँ कीचड़ बहुत विशाल क्षेत्र में व्यापक स्तर पर दिखाई पड़ता है। सर्वत्र सनातन कीचड़ की विशेषता यह होती है कि इसकी गहराई इतनी अधिक होती है कि इसमें हाथी ही नहीं, बल्कि पूरा पहाड़ भी इसके अंदर समा सकता है। लेखक का मानना है कि इस सर्वत्र सनातन गहरे कीचड़ में पहाड़ के पहाड़ भी लुप्त हो सकते हैं। कहने का आशय यह है कि यहाँ कीचड़ अत्यधिक व्यापक स्तर पर विस्तृत क्षेत्र में काफ़ी गहराई तक फैला हुआ है। इसलिए लेखक इसे सर्वत्र सनातन कीचड़ कहकर संबोधित करता है।

उत्तर 10:
(क) रैदास के मन में प्रभु के नाम को बार-बार कहने व रटने से संबंधित भाव उत्पन्न हो रहे हैं। वे कहते हैं, हे ईश्वर! मुझे आपके नाम की ऐसी लगन लग गई है, जो छूट नहीं सकती। मैं आपका अनन्य भक्त बन गया हूँ। मैं धन्य हैं प्रभु! जो मुझे ऐसा रोग लगा है।
(ख) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को राख की ढेरी के रूप में पाया, क्योंकि उसकी फूल-सी कोमल बच्ची सुखिया मर चुकी थी और उसके परिचितों ने उसका दाह संस्कार कर दिया था। सुखिया की बुझी चिता को देखकर उसके पिता का हृदय शोक से व्याकुल हो उठा।।
(ग) प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि ने यह कहने का प्रयास किया है कि समाज में दूसरे आदमी को अपमानित करने वाला भी आदमी है, जो पगड़ी उतारकर उसे अपमानित करता है।

उत्तर 11:
कवि अग्नि पथ पर चलते हुए मनुष्य को छाँह माँगने के लिएb मना करता है, क्योंकि वह चाहता है कि संघर्षशील मनुष्य अपने मन के संकल्प को कमज़ोर न होने दे। वह सुख-सुविधा के मोह में न पड़े। इससे मनुष्य को सुविधा भोगने की आदत लग जाती है। इस कारण वह संघर्ष की कठिनाइयों से बचने की कोशिश करने लगता है। कवि मनुष्य को सुविधाभोगी बनने से रोकना चाहता है, क्योंकि सुविधाभोगी व्यक्ति के अंदर का तेज कम हो जाता है, वह सुविधापरस्त हो जाता है, जीवन में संघर्ष करने की इच्छा एवं क्षमता दोनों कम होने लगती हैं। कवि को अच्छी तरह ज्ञात है कि जीवन में संघर्ष करके ही आगे बढ़ा जा सकता है। छाँह मनुष्य को अकर्मण्य बना देती है, जिससे मनुष्य की विकास प्रक्रिया बाधित होती है।

अथवा

‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में कवि ने खुशबू का नहीं, बल्कि खुशबू के पीछे छिपे दुर्गंधपूर्ण सत्य को प्रकट किया है। खुशबू रचने वाले हाथ नाक फटने वाली दुर्गंध भरे इलाके में रहते हैं। दुर्गंध केवल वातावरण में ही नहीं है, यह लोगों के जीवन में भी प्रवेश कर गई है। चारों ओर गंदगी का वातावरण है, वे उस अहसास से दूर केवल अगरबत्तियाँ बनाने में लगे रहते हैं। यह कितनी त्रासद अवस्था है कि खुशबू का व्यापार करने वाले हाथ सुख सुविधा संपन्न हैं, साफ़-सुथरे स्वस्थ वातावरण में रहते हैं, सब सुविधाएँ–खुशियाँ उनके पास उपलब्ध हैं। इसके विपरीत, खुशबू रचने वाले हाथ उपरोक्त सभी सुख-सुविधाओं से वंचित हैं।
उन्हें तो इस विषय में सोचने का भी शायद समय नहीं मिलता होगा। इसलिए हाथों के कटे-फटे, नसों के उभरे होने तथा कोमल-कठोर होने पर भी खुशबू रचने का कार्य नहीं रुकता। वातावरण और आपसी संबंधों में उठती भयंकर दुर्गंध के बाद भी खुशबूदार वस्तु की खुशबू में कोई कमी नहीं होती। इसी खुशबू का दुर्गंधपूर्ण सत्य कवि ने बड़ी सूक्ष्मता से अभिव्यक्त किया है।

उत्तर 12:
मनुष्य की कल्पना और वास्तविकता में बड़ा अंतर होता है। सब सुविचारित योजनाएँ प्रत्येक बार सफल नहीं हो पातीं। लेखक सोच रहा था कि वह कुएँ में घुसकर साँप को मार देगा। वह पहले भी अनेक साँपों को मार चुका था। इसलिए उसे यह कार्य सरल प्रतीत हुआ, किंतु जब वह कुएँ में घुसा तो साँप की आक्रामक स्थिति देखकर उसकी बुद्धि चकरा गई। वहाँ इतना भी स्थान नहीं था कि वह डंडा चला सके। उसे अनुभव हुआ कि साँप को मारने का प्रयत्न करने का अर्थ है-अपनी मृत्यु को बुलावा देना। कुएँ के धरातल पर उतरकर उसे साँप को मारकर चिट्ठियाँ उठाना बहुत ही दुष्कर कार्य लगा। अतः उसने साँप को मारने का विचार त्याग दिया। इसलिए लेखक ने कहा है कि हम कभी-कभी भविष्य का अनुमान लगाकर योजनाएँ बना लेते हैं, परंतु जब वास्तविकता से सामना होता है, तब वे मिथ्या और विपरीत निकलती हैं।

अथवा

सत्याग्रह के समय नियम के अनुसार उस दिन की यात्रा कनकापुरा में गांधीजी के भाषण के बाद समाप्त हो जानी थी, लेकिन उसमें कुछ परिवर्तन किए गए, क्योंकि नदी को आधी रात के समय समुद्र का पानी चढ़ने पर पार किए जाने से उसमें कीचड़ व दलदल कम मिलती, जिसमें चलना सरल हो जाता। अब गांधीजी आधी रात को नदी पार करने वाले थे। चारों ओर घनघोर अँधेरा था। गांधीजी को महिसागर नदी पार कराने की ज़िम्मेदारी रघुनाथ काका को दी गई। रघुनाथ काका ने बड़े उत्साहपूर्वक नई नाव खरीदी तथा गांधीजी को नदी पार कराने की योजना बनाई। स्वतंत्रता आंदोलन के उत्साही लोगों ने उन्हें ‘निषादराज’ की संज्ञा दी। उनके अनुसार, रघुनाथ काका गांधी रूपी राम को पार कराने वाले केवट के समान थे। महिसागर के पास घनघोर अँधेरे को मिटाने के लिए हज़ारों की संख्या में लोगों ने हाथ में दीये लेकर रोशनी की, ताकि गांधीजी तथा अन्य सत्याग्रही सरलता से महिसागर नदी पार कर सकें। जब रात 12 बजे महिसागर का पानी नदी के किनारे चढ़ आया, तो गांधीजी घुटनों पानी में से होते हुए नाव पर बैठ गए। हजारों की भीड़ के बीच जयकारों की ध्वनि सुनाई पड़ रही थी। इस प्रकार गांधीजी व सत्याग्रहियों ने महिसागर नदी को पार किया।

उत्तर 13.1:
पुस्तकों को जन-जन तक पहुँचाने में पुस्तक मेलों का बहुत बड़ा योगदान है। पुस्तक मेले का प्रमुख आकर्षण यह होता है। कि वहाँ पाठकों को सभी महत्त्वपूर्ण विषयों तथा भाषाओं की अच्छी पुस्तकें सरलता से उपलब्ध हो जाती हैं। पुस्तक मेले में देश-विदेश के प्रसिद्ध लेखकों, साहित्यकारों, कलाकारों तथा प्रकाशकों को आमंत्रित किया जाता है। पुस्तक मेलों के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए हमारे देश में प्रतिवर्ष अनेक पुस्तक मेलों; जैसे दिल्ली पुस्तक मेला, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला, हैदराबाद पुस्तक मेला, पुणे पुस्तक मेला आदि का आयोजन किया जाता है। पुस्तकें मनुष्य की ज्ञान वृद्धि हेतु सहायक होती हैं। सभी विषयों की पुस्तकों को एक स्थान पर प्राप्त करना सरल नहीं होता।

सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को ढूंढने के लिए अधिक धन, परिश्रम, समय खर्च करना पड़ता है, तब भी उसे मनपसंद पुस्तके नहीं मिल पातीं। ऐसे में पुस्तक मेले का विशेष लाभ होता है। इसमें अनेक प्रसिद्ध लेखक भी उपस्थित रहते हैं, जो विभिन्न विषयों पर अपनी सलाह देते हैं। यहाँ देश की किसी-न-किसी ज्वलंत समस्या पर सेमिनार आयोजित किया जाता है। पुस्तक मेले का लाभ समाज के सभी वर्गों में पढ़ने की आदत का विकास करना भी है। मेरी प्रिय पुस्तकें, जिनमें प्रेमचंद का कहानी-संग्रह, आचार्य रामचंद्र शुक्ल का हिंदी का इतिहास आदि प्रमुख हैं, जिन्हें मैंने पुस्तक मेले से ही प्राप्त किया। इस प्रकार, पुस्तक मेले का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है।

उत्तर 13.2:
मातृभूमि की चेतना या संस्कार से प्राप्त होने वाली भाषा, मातृभाषा कहलाती है। मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषायी पहचान होती है। मातृभाषा के महत्त्व वे उसकी आवश्यकता को प्रतिपादित करते हुए भारतेंदु हरिश्चंद्र ने लिखा है।
“निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिनु निज भाषा ज्ञान कै, मिटत न हिय को शूल।।”

मातृभाषा देश के विकास और राष्ट्रीय चरित्र की सुरक्षा के लिए। अत्यंत आवश्यक है। यही कारण है कि भारतीय या पाश्चात्य सभी विचारकों ने मातृभाषा के गुण बताए हैं। व्यक्ति एवं राष्ट्र के मौलिक और सम्यक् विकास के लिए मातृभाषा का योगदान अनिवार्य है। किसी भी देश की मातृभाषा वहाँ की राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने का महत्त्वपूर्ण साधन होती है, जिसके उदाहरणस्वरूप भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को लिया जा सकता है। जब हिंदी भाषा ने सभी वर्गों, जातियों आदि के आपसी मतभेदों को दूर करके उन्हें एकता के सूत्र में पिरोकर देश को स्वतंत्रता दिलाई। मातृभाषा ही विभिन्न सांस्कृतिक पहचानों को एकसूत्र में पिरोने का कार्य करती है और देश की एकता की प्रेरक बनती है।

उत्तर 13.3:
स्वदेश के प्रति प्रेम ही राष्ट्रप्रेम है। राष्ट्रप्रेम का अर्थ है-राष्ट्र की प्रकृति से प्रेम, अतीत से प्रेम, वर्तमान के प्रति निष्ठा और भविष्य के प्रति उत्साह। इसके अंतर्गत राष्ट्र के प्रति अपनापन, निष्ठा, कर्तव्य और रक्षा की भावना अहम है। वास्तव में, एक नागरिक के जीवन की सार्थकता स्वदेश के प्रति समर्पण और निष्ठा में ही निहित है। राष्ट्र की एकता, अखंडता, उसका उज्ज्वल भविष्य व शत्रुओं से उसकी रक्षा करना ही राष्ट्रप्रेम का उद्देश्य है। आचार्य चाणक्य, छत्रपति शिवाजी, सुभाषचंद्र बोस, महात्मा गांधी, लक्ष्मीबाई जैसे अनेक देशभक्त महापुरुषों और स्वामी दयानंद एवं विवेकानंद जैसे विचारक, संतों ने अपने जीवन को राष्ट्रीय चेतना का पर्याय बना दिया। राष्ट्रहित ही उनका एकमात्र ध्येय था। राष्ट्रप्रेम राष्ट्रीय एकता का मूल है। भाषा, बोली, धर्म, संप्रदाय, वर्ण, संस्कृति, सभ्यता आदि के स्तर पर व्याप्त विविधता को राष्ट्रप्रेम ही एकताबद्ध करता है। राष्ट्रप्रेम एक अटूट बंधन है।

उत्तर 14:
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक 11 मार्च, 20XX
प्रिय रवि,
सदा खुश रहो।
आज ही तुम्हारे अध्यापक का पत्र प्राप्त हुआ। मुझे यह जानकर बहुत दुःख हुआ कि तुम अपना समय पढ़ाई-लिखाई में न लगाकर टेलीविज़न देखने में व्यर्थ कर रहे हो। यह अच्छी बात नहीं है। इस शौक में लाभ के स्थान पर हानियाँ ही होती हैं। तुम अभी विद्यार्थी हो, यदि तुम अपना अधिकतर समय टेलीविज़न देखने में लगाओगे, तो तुम्हारी पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और समय की भी हानि होगी।
टेलीविज़न देखने से उसका तुम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए यदि तुम्हें परीक्षा में अच्छे अंकों से सफल होना है, तो इस आदत को अवश्य परिवर्तित करना होगा। आशा है कि तुम अपने बड़े भाई की बातों को व्यर्थ न समझते हुए इस विषय पर अपना ध्यान केंद्रित करोगे और अपना मन पढ़ाई में लगाओगे। माताजी और पिताजी की ओर से तुम्हें आशीर्वाद।
तुम्हारा भाई।
क, ख, ग.

अथवा

ब-110, सोनिया विहार,
दिल्ली।
दिनांक 12 जून, 20XX
प्रिय मित्र मोहन,
प्यार भरी नमस्कार
मुझे तुम्हारा निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ था, जिसे पढ़कर अत्यंत खुशी हुई कि तुम्हारी बड़ी बहन का विवाह 10.06.20XX को होना निश्चित हुआ। मैं इस विवाह में सम्मिलित होने के लिए बहुत उत्सुक था, परंतु भाग्य में शायद यह नहीं लिखा था। मैं समझ सकता हूँ कि तुम बहुत नाराज़ होगे, परंतु परिस्थितियाँ ही इतनी प्रतिकूल हो गई थीं कि मैं चाहकर भी विवाह में सम्मिलित होने के लिए न आ सका।
मैं 09-06-20XX को विवाह में सम्मिलित होने की तैयारी कर रहा था। तभी अचानक सूचना मिली की मेरी नानीजी की तबीयत अत्यंत खराब हो गई है। अत: मुझे माताजी को लेकर उनके पास जाना पड़ा। वहाँ पहुँचकर भी 10-06-20XX को वापस आने की कोशिश की, परंतु नानीजी की स्थिति अत्यंत गंभीर थी। अतः मैं न आ सका। मुझे आशा है कि तुम पूरे घटनाक्रम को समझोगे और मेरी मज़बूरी को समझकर मुझे क्षमा कर दोगे। मेरी अनुपस्थिति अक्षम्य है, परंतु फिर भी मैं क्षमा की अपेक्षा रखता हूँ और आशा करता हूँ कि बहन के आगामी दौरे में, मैं स्वयं उनको लेने जाऊँगा, ताकि भाई होने का कुछ कर्तव्य निभा सकें।
सभी बड़ों को प्रणाम व छोटों को प्यार।
तुम्हारा मित्र
निकुंज ।

उत्तर 15:

  1.  प्रस्तुत चित्र में जल की समस्या को प्रदर्शित किया गया है।
  2. कुछ महिलाएँ अपने विभिन्न पात्रों में जल भर रही हैं।
  3.  प्रत्येक महिला लगभग दो-तीन पात्रों को भरने का प्रयास कर रही है, जो जल के संकट को दर्शाता है।
  4. अंतिम छोर पर खड़ी कुछ महिलाएँ अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
  5. कुछ महिलाएँ अत्यंत व्याकुल प्रतीत हो रही हैं।

अथवा

  1. प्रस्तुत चित्र में दस से बारह वर्ष की आयु का बालक दिखाई दे रहा है।
  2. उस बालक के सामने एक स्टोव जल रहा है।
  3. प्रस्तुत चित्र में बालक चाय छानता हुआ नजर आ रहा है।
  4. जिस आयु में बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं, उस आयु में यह बालक परिस्थितिवश चाय बना रहा है।
  5. इस प्रकार यह चित्र बाल मजदूरी की समस्या पर प्रकाश डाल रहा है।

उत्तर 16:
पहला प्रतिभागी   आप कहाँ से आए हैं?
दूसरा प्रतिभागी   जी, मैं हरियाणा से आया हूँ और आप?
पहला प्रतिभागी   मैं बैंगलौर (बंगलुरु) से आया हूँ।
दूसरा प्रतिभागी   आपने इससे पहले कितने टूर्नामेंट जीते हैं?
पहला प्रतिभागी   चार, और आपने?
दूसरा प्रतिभागी   मैंने भी अभी तक चार टूर्नामेंट जीते हैं। देखते हैं इस प्रतियोगिता में क्या होता है?
पहला प्रतिभागी   क्या तुमने इससे पहले राज्य स्तर पर कोई टूर्नामेंट खेला है?
दूसरा प्रतिभागी   नहीं! अभी तक मैंने ज़िला स्तर पर ही टूर्नामेंट खेले हैं। यह पहली बार है जब मैं राज्य स्तर पर खेलूंगा।
पहला प्रतिभागी   मेरी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं।
दूसरा प्रतिभागी   मेरी भी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं।

अथवा

पहला विद्यार्थी   (दूसरे विद्यार्थी से) तुम्हें हमारे सभी अध्यापकों में से सबसे अच्छे अध्यापक कौन लगते हैं?
दूसरा विद्यार्थी   मुझे तो गणित के अध्यापक सबसे अच्छे लगते हैं और तुम्हें?
पहला विद्यार्थी   अरे वाह! मुझे भी गणित के अध्यापक ही अच्छे लगते हैं, क्योंकि वे बहुत अच्छा पढ़ाते हैं।
दूसरा विद्यार्थी   हाँ! तुमने बिलकुल सही कहा। उनके पढ़ाने का तरीका मुझे बहुत पसंद है। वे गणित जैसे कठिन लगने वाले विषय को इतने सरल ढंग से समझाते हैं कि यह विषय अब कठिन नहीं लगता।
पहला विद्यार्थी   सही कह रहे हो। वे सभी विद्यार्थियों को एकसमान समझते हैं तथा कमजोर विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय देकर उन्हें समझाते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
दूसरा विद्यार्थी   हाँ! उसके अतिरिक्त सभी विद्यार्थियों के प्रति उनका व्यवहार भी अत्यंत नम्र है तथा वे क्रोध तो बिलकुल नहीं करते।
पहला विद्यार्थी   उनके इसी व्यवहार से तो मैं बहुत प्रसन्न हूँ। उनका यह नम्र व्यवहार उन्हें सभी अध्यापकों से श्रेष्ठ बनाता है।
दूसरा विद्यार्थी   यदि हमारे सभी अध्यापक उनकी भाँति पढ़ाएँ तो कितना अच्छा होगा।
पहला विद्यार्थी   हाँ! अगर सभी अध्यापक ऐसे पढ़ाएँ तो विद्यार्थियों को कोई भी विषय कठिन नहीं लगेगा।

उत्तर 17:
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi b Paper 3 17
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi b Paper 3 17a

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