CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1

Board CBSE
Class 10
Subject Social Science
Sample Paper Set Paper 1
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
सन् 1868 ई० में छपी जापान की सबसे पुरानी पुस्तक का नाम बताइए? 1
अथवा
पेन्नी पत्रिकाएँ किसे कहते है? 1

प्र० 2.
रबी फसल कब बोई जाती है? इसकी प्रमुख फसलों के नाम बताइए। 1

प्र० 3.
साहू महाराज, महात्मा फुले, नायकर और बाबा साहेब अम्बेडकर को कौन-सी पार्टी अपना आदर्श मानती है? 1

प्र० 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें क्या हैं? 1

प्र० 5.
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है? 1

प्र० 6.
UNDP किस मापदंडों पर विभिन्न देशों के विकास को मापती है? 1

प्र० 7. निवेश किसे कहते हैं? 1

प्र० 8.
आर्थिक महामंदी की शुरुआत कब हुई और यह कब तक चली? महामंदी की दो विशेषताएँ और दो कारण बताइये। 3
अथवा
सन् 1772 में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी ने कहा था कि, “ भारतीय कपड़े की माँग कभी कम नहीं हो सकती है क्योंकि किसी दूसरे देश में इतना बढ़िया कपड़ा नहीं बनता। तब ऐसा क्या हुआ कि 19वीं शताब्दी में भारतीय कपड़े की माँग लगातार गिरने लगी। स्पष्ट करें। 3
अथवा
बंबई में निर्मित चॉल और लंदन में निर्मित टेनेमेंटस के मध्य समानता बताइये। 3

प्र० 9.
स्वदेशी आंदोलन का क्या कारण था? इसके प्रमुख नेता कौन थे? 3

प्र० 10.
मुद्रण संस्कृति ने उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार सहायता की, स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
उपन्यास भारतीयों के लिए किस प्रकार उपयोग सिद्ध हुए? तीन तथ्यों द्वारा स्पष्ट करें। (3 x 1 = 3)

प्र० 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने किन-किन तीन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया? 3

प्र० 12.
उस अधात्विक खनिज का नाम बताइए, जिसका पतली चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसके उपयोगों का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 13.
(क) राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ बताइये? (1\(\frac { 1 }{ 2 }\) + 1\(\frac { 1 }{ 2 }\) = 3)
(ख) रेडियो और टी०वी० किस प्रकार जन संचार के महत्त्वपूर्ण साधन हैं? तीन बिंदुओं में स्पष्ट करें।

प्र० 14.
‘राजनीतिक सुधार’ या ‘लोकतांत्रिक सुधार’ से आप क्या समझते हैं? क्या सभी देशों को एक ही जैसे राजनीतिक सुधार अपनाने चाहिएँ? 3

प्र० 15.
लोकतांत्रिक सरकार को उत्तरदायी सरकार के रूप में किस प्रकार जाना जाता है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 16.
गाँधी जी द्वारा हरिजनों को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए किए तीन प्रयासों उल्लेख कीजिए। 3

प्र० 17.
COPRA ( कोपरा) को विस्तारपूर्वक लिखिये। COPRA, 1986 के निर्माण की आवश्यकता क्यों पड़ी? 3

प्र० 18.
उपभोक्ता कौन होता है? उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किस प्रकार कर सकते हैं, व्याख्या कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 19.
1815 के बाद क्रान्तिकारियों ने यूरोप के बहुत से राज्यों में अपने विचारों का किस प्रकार प्रसार किया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनाम में ‘टोंकिन स्कूल’ क्यों खोला गया था? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 20.
संसाधन नियोजन क्या है? संसाधन नियोजन क्यों आवश्यक है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। (2 + 3 = 5)

प्र० 21.
सूतीवस्त्र उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक विकसित क्यों हैं? कारण बताइए। 5

प्र० 22.
“लगभग 100 साल पहले दुनिया के कुछ ही देशों में गिनती के राजनीतिक दल थे। आज गिनती के ही देश ऐसे हैं, जहाँ राजनीतिक दल नहीं हैं।” इस कथन की परख कीजिए। 5

प्र० 23.
लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ किस प्रकार अनेक तरह के सामाजिक विभाजनों को सँभालती हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया किस प्रकार जटिल, खर्चीली और समय-साध्य हो रही है? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में क्यों जाना जाता है? स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेशों पर प्रतिबंध क्यों लगाया? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी? स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए :
(c) से अंकित की गई एक प्रकार की मृदा 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) पारादीप : प्रमुख समुद्री पत्तन
(ii) तुंगभद्रा बांध (1 + 1 = 2)
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 2
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 1927 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था।
(c) नामरूप तापीय ऊर्जा संयंत्र किस राज्य में स्थित है।
(d) राऊरकेला लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) कांदला समुद्री पत्तन किस राज्य में स्थित है?

Answers

उत्तर 1.
डायमंड सूत्र।
अथवा
यह पत्रिकाएँ विशेष रूप से महिलाओं के लिए होती थी। वैसे ही जैसे कि सही चाल चलन और गृहस्थी सिखाने वाली निर्देशिकाएँ।

उत्तर 2.
रबी फसल अक्टूबर से दिसम्बर तक बोई जाती है तथा इनमें गेहूँ, जौ, चना, सरसों तथा तोरिया प्रमुख फसलें हैं।

उत्तर 3.
बहुजन समाज पार्टी।

उत्तर 4.
संघीय व्यवस्था के गठन और कामकाज के लिए दो महत्त्वपूर्ण चीजें :

  • विभिन्न स्तरों की सरकारों के बीच सत्ता के बंटवारे के नियमों पर सहमति होनी चाहिए।
  • सरकारों का एक-दूसरे पर भरोसा होना चाहिए ताकि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों को मानें।

उत्तर 5.
24 दिसंबर।

उत्तर 6.
UNDP देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर करती है।

उत्तर 7.
सम्पत्ति जैसे भूमि आदि खरीदने में खर्च की गई धनराशि निवेश कहलाती है।

उत्तर 8.
आर्थिक महामंदी का आरम्भ 1929 से हुआ और यह संकट तीस के दशक के मध्य तक बना रहा।
महामंदी की विशेषताएँ :

  • दुनिया के अधिकतर हिस्सों में उत्पादन, रोजगार, आय और व्यापार में भयानक गिरावट दर्ज की गई।
  • इस मंदी का समय और प्रभाव सब देशों पर एक-जैसा नहीं था।

महामंदी के कारण :

  • कृषि क्षेत्र में अति-उत्पादन से कृषि उत्पादों की कीमतें गिरने लगीं जिस कारण किसानों की आय घटने लगी। आमदनी बढ़ाने के लिए किसान उत्पादन बढ़ाने लगे परंतु इससे बाजार में कृषि उत्पादों में और वृद्धि हुई जबकि कीमतें और नीचे गिर गईं और खरीददारों के अभाव में कृषि उपज सड़ने लगी।
  • 1920 के दशक के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लिए थे परंतु युद्ध के कारण ये देश कर्ज चुकाने में असमर्थ थे जिससे अमेरिकी उद्यमी धराशायी हो गए और अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा गई।

अथवा

  • जब इंग्लैंड में कपास उद्योग विकसित हुआ तो वहाँ के उद्योगपतियों ने सरकार पर दबाव डालकर भारतीय कपड़े पर आयात शुल्क बढवा दिया जिससे भारतीय कपड़ा महँगा हो गया और उसकी माँग गिरने लगी।
  • इंग्लैंड के उद्योगपतियों ने अपने माल को भारत में सस्ते दाम पर बेचने के लिए सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली जिससे भारतीय कपड़े की माँग भारत में भी लगातार गिरने लगीं।
  • उपभोक्ताओं ने भी आयतित सस्ते कपड़े को स्वीकारना प्रारंभ कर दिया जिससे भारतीय वस्त्र की माँग धराशायी हो गई।

अथवा
बंबई की चॉल बहुमंजिला इमारतें होती थीं। शहर के ‘नेटिव’ हिस्से में इस तरह की इमारतें कम से कम 1860 के दशक से तो बनने ही लगी थीं। लंदन के टेनेमेंटस की तरह ये मकान भी मोटे तौर पर निजी संपत्ति होते थे। बाहर से आने वालों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापारी, महाजन, भवन-निर्माता और ठेकेदार इस प्रकार की इमारतें बनवाते थे। प्रत्येक चॉल में कमरों की कतारें होती थीं। कमरों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं बनाए जाते थे।

उत्तर 9.
स्वदेशी आंदोलन का कारण – 1905 में बंगाल विभाजन के बाद चारों ओर अंग्रेजी शासन के प्रति विरोध प्रकट किया जाने लगा। शीघ्र ही बंगाल-विभाजन का असंतोष सारे देश में फैल गया। ब्रिटिश वस्तुओं का भी बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने का प्रचार किया गया। इसे ही स्वदेशी आंदोलन कहा गया है। इसमें विदेशी कपड़ों और पदों को भी बहिष्कार किया गया। विद्यार्थियों ने इस आंदोलन में भाग लिया और अंग्रेजी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया। सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा विपिनचंद्र पाल जैसे नेताओं ने स्वदेशी आंदोलन के प्रचार में मुख्य भूमिका निभाई।

उत्तर 10.
मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में निम्न प्रकार सहायता की :

  • भाषाई अखबारों के माध्यम से औपनिवेशिक सरकार के शोषण के तरीकों की जानकारी दी जाती थी। सरकार के गलत कानूनों के विरुद्ध विस्तार से छापा जाने लगा।
  • मुद्रण संस्कृति द्वारा क्रांतिकारी विचार भी गुपचुप तरीके से फैलाए जाते थे। उपन्यासों, गीतों, लेखों, पत्रिकाओं और अखबारों के माध्यम से लोगों में राष्ट्रवादी विचार पहुँचाए जाते थे।
  • मुद्रण संस्कृति के माध्यम से शिक्षा का प्रचार-प्रसार हुआ जिससे लोगों का मन सकारात्मक रूप से सुदढ़ हुआ। भारतीय नेताओं, सुधारकों और राष्ट्रवादियों के विचारों से जनमानस प्रभावित हुआ।

अथवा

  • भारतीय उपन्यासों ने देश में आधुनिक साहित्य का विकास करने और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया।
  • परीक्षा गुरू’ नामक उपन्यास द्वारा सम्पन्न परिवारों के युवाओं को बुरी संगत के नैतिक खतरों से आग्रह किया गया।
  • चंद्रकांता’ तथा ‘चंद्रकांता संतति’ ने हिंदी भाषा और नागरी लिपि को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई।

उत्तर 11.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने कई स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया। जिनमें से तीन नाम निम्नलिखित हैं :

  • 1916 में उन्होंने बिहार के चंपारने इलाके में किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
  • 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया।
  • 1918 में गाँधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद जा पहुँचे।

उत्तर 12.
अभ्रक एक ऐसा अधात्विक खनिज है जो प्लेटों अथवा पत्रण क्रम में पाया जाता है। इसका चादरों में विपाटन आसानी से हो सकता है। इसकी परतें इतनी बारीक होती हैं कि एक हज़ार परतें कुछ सेंटीमीटर ऊँचाई में समाहित हो सकती हैं। अभ्रक पारदर्शी, काले, हरे, लाल, पीले अथवा भूरे रंग के हो सकते हैं।
सर्वोच्च परावैद्युत शक्ति, ऊर्जा ह्रास का निम्न गुणांक, विंसवाहन के गुण और उच्च वोल्टेज की प्रतिरोधकता वाली होने के कारण अभ्रक विद्युत व इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में प्रयुक्त होता है।

उत्तर 13.
(क) वे महत्त्वपूर्ण सड़कें, जो देश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक कई राज्यों से होकर जाती हैं तथा देश के प्रमुख नगरों को जोड़ती है, राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाती हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग की तीन विशेषताएँ :

  • राष्ट्रीय राजमार्ग देश के दूरस्थ भागों को जोड़ते हैं। वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजमार्गों को उनके नंबर से जाना जाता है।
  • ये प्राथमिक सड़क तंत्र हैं।
  • इनका निर्माण व रख-रखाव का दायित्व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकार क्षेत्र में है।
  • भारत के प्रमुख राष्ट्रीय मार्ग ग्रांड ट्रंक रोड (GT Road), मुगल रोड, आगरा-मुंबई मार्ग आदि हैं।

(ख) रेडियो व टी०वी० का जनसंचार में महत्त्वपूर्ण स्थान है जिसे निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट किया किया जा सकता है :

  • रेडियो के माध्यम से देश के कोने-कोने में लोगों की भाषा में विभिन्न ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • टी०वी० पर भी विभिन्न भाषाओं में विविध प्रकार के मनोरंजक तथा शिक्षाप्रद कार्यक्रम प्रसारित होते हैं।
  • भारत में निरक्षरों की अधिक संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि रेडियो व टी०वी० ही ऐसे साधन हैं जो इन तक शिक्षा व जागरूकता संबंधी सूचनाएँ पहुँचा सकते हैं।

उत्तर 14.
लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों पर जीत हासिल करने सम्बंधी सभी तरह के सुझाव या प्रस्ताव, राजनीतिक सुधार या लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं।
राजनीतिक सुधारों की कोई एक सुनिश्चित सूची तैयार करना संभव नहीं है। यही कारण है कि सभी देशों में एक जैसे सुधार अपनाये नहीं जा सकते हैं क्योंकि प्रत्येक देश की राजनीतिक समस्याएँ अलग-अलग होती हैं। और उनको सुलझाने के उपाय भी उनके अनुसार ही होने चाहिएं। उदाहरण-जैसे किसी कार की खराबी जाने बिना उसे ठीक करने का तरीका बताना।

उत्तर 15.
लोकतंत्र एक उत्तरदायी, ज़िम्मेदार और वैध सरकार का गठन निम्न प्रकार करता है :

  • लोकतंत्र नियमित, स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराता है। यह शासन पद्धति सरकार की नीतियों के विषय में तथा उसकी कार्यशैली के विषय में जानने के लिए जनता को सूचना का अधिकार’ प्रदान करती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सेदार बना कर स्वयं को उनके प्रति उत्तरदायी बनाने वाली कार्यविधि विकसित करती है।
  • लोकतंत्र एक वैध सरकार का निर्माण करता है क्योंकि यह जनता ही होती है जो अपने द्वारा चुने गए। प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार बनाकर स्वयं के ऊपर शासन करवाती है।
  • लोकतांत्रिक सरकार देश के प्रति उत्तरदायी होती है। यह जनता की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करती रहती है।

उत्तर 16.

  1. गाँधी जी ने अछूतों को ‘हरिजन’ अर्थात् ईश्वर की संतान बताया।
  2. गाँधी जी ने उन्हें सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों, तालाबों, कुओं तथा सड़कों पर समान अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह किया।
  3. गाँधी जी मैला ढोने वालों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने व उसे समाप्त करवाने के लिए स्वयं शौचालय साफ करने लगे।
  4. गाँधी जी ने अस्पृश्यता का अंत करने के लिए उच्च जातियों के लोगों का आह्वान किया।

उत्तर 17.
कोपरा (COPRA) का विस्तारित रूप है-“उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम”। इस अधिनियम के द्वारा 1986 में भारत सरकार द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया। यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 कानून था, जो COPRA के नाम से प्रसिद्ध है। कोपरा अधिनियम ने केन्द्र और राज्य सरकारों में उपभोक्ता मामले के अलग विभागों को स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभाई है। यह उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन करता है तथा उन्हें शोषण से बचाता है। इस प्रकार, इस अधिनियम ने उपभोक्ता के रूप में उपभोक्ता न्यायालय में प्रतिनिधित्व का अधिकार देकर हमें समर्थ बनाया है।

उत्तर 18.
वह व्यक्ति, जो किसी वस्तु या सेवा का बाजार से क्रय करता है एवं उनका उपभोग करता है, उपभोक्ता कहलाता है।
उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन निम्नलिखित प्रकार से कर सकते हैं :

  • उपभोक्ता यूनियन का निर्माण करके।
  • कुछ निश्चित संगठनों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को उपयोग न करके।
  • धोखा देने वाली कंपनियों के विरुद्ध संयुक्त रूप से आवाज़ उठा कर।
  • उपभोक्ता अदालतों में शिकायत दर्ज करके।

उत्तर 19.
1815 के बाद के वर्षों में दमन के भय ने अनेक उदारवादी राष्ट्रवादियों को भूमिगत कर दिया। बहुत सारे यूरोपीय राज्यों में क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण देने और विचारों का प्रसार करने के लिए गुप्त संगठन उभर आए। उस समय क्रांतिकारी होने का मतलब उन राजतंत्रीय अवस्थाओं का विरोध करने से था जो कांग्रेस के बाद स्थापित की गई थीं। साथ ही स्वतंत्रता और मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध होना और संघर्ष करना क्रांतिकारी होने के लिए आवश्यक था। अधिकांश क्रांतिकारी राष्ट्र-राज्यों की स्थापना को आज़ादी के इस संघर्ष का अनिवार्य हिस्सा मानते थे। ज्युसेपी मेत्सिनी इटली का एक क्रांतिकारी था। मेत्सिनी ने दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की-यंग इटली और यंग यूरोप। जिसके सदस्य पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों में समान विचार रखने वाले युवा थे।

अथवा

पश्चिमी ढंग की शिक्षा देने के लिए 1907 में टोंकिन फ्री स्कूल खोला गया था। इस शिक्षा में विज्ञान, स्वच्छता और फ्रांसिसी भाषा की कक्षाएँ भी शामिल थीं। इस स्कूल की नज़र में ‘आधुनिक’ के क्या मायने थे इससे उस समय की सोच को अच्छी तरह समझा जा सकता है। स्कूल की राय में, सिर्फ विज्ञान और पश्चिमी विचारों की शिक्षा प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं था। आधुनिक बनने के लिए वियतनामियों को पश्चिम के लोगों जैसा ही दिखना भी पड़ेगा, इसलिए यह स्कूल अपने छात्रों को पश्चिमी शैलियों को अपनाने के लिए उकसाता था। जैसे-बच्चों को छोटे-छोटे बाल रखने की सलाह दी जाती थी। दूसरी ओर, वियतनामी बुद्धिजीवियों को यह भय था कि न सिर्फ वियतनाम अपने ही अधिकार क्षेत्र से वंचित हो रहा है बल्कि अपनी पहचान, अपनी सभ्यता, अपने मूल्य संस्कारों को भी खो रहा है।

उत्तर 20.
संसाधन नियोजन – संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए किया गया नियोजन संसाधन नियोजन कहलाता है।
संसाधन नियोजन की आवश्यकता के कारण निम्नलिखित हैं :

  1. राष्ट्रीय, प्रांतीय, प्रादेशिक और स्थानीय स्तर पर संतुलित विकास के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है।
  2. सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के लिए नियोजन आवश्यक है।
  3. संसाधनों का अधिक समय तक उपयोग करने के लिए तथा भावी पीढ़ी भी संसाधनों से वंचित न हो, इस बात का ध्यान रखने के लिए संसाधन नियोजन अति आवश्यक है।
  4. संसाधनों का नियोजन देश के विकास तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी अति आवश्यक है।
  5. भारत जैसे देश में जहाँ संसाधनों की उपलब्धता में बहुत अधिक विविधता है, इसके संरक्षण के लिए नियोजन बहुत अधिक आवश्यक है।

उत्तर 21.
महाराष्ट्र (मुंबई) और गुजरात (अहमदाबाद) में सूती वस्त्र उद्योग अधिक विकसित हैं :

  1. कच्चा माल – महाराष्ट्र और गुजरात, देश का सर्वप्रथम कपास उत्पादक क्षेत्र है। कपास इस उद्योग का कच्चा माल है। इस प्रकार इस उद्योग के लिए कच्चा माल आसानी से और पर्याप्त मात्रा में सुलभ रहता है। महाराष्ट्र में मुंबई तथा गुजरात में अहमदाबाद, देश के प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग केंद्र हैं।
  2. जलवायु – मुंबई की स्थिति तटवर्ती है और अहमदाबाद भी तट के निकट स्थित है। फलतः इन दोनों शहरों की जलवायु नम तथा आर्द्रतायुक्त है। आर्द्र जलवायु में धागा पतला और लंबा बनाया जा सकता है। इस
    प्रकार का धागा जल्दी टूटता नहीं एवं उसमें गाँठे भी नहीं पड़तीं।
  3. पत्तन – कारखानों की पत्तन से निकटता माल के आयात और निर्यात में सहायक होती है। अच्छी किस्म की कपास तथा मशीनों का आयात भी किया जाता है। सिले-सिलाए कपड़े तथा सूती कपड़ों का निर्यात
    किया जाता है।
  4. यातायात सुविधाएँ – ये दोनों शहर यातायात के साधनों से देश के शेष भागों से भली प्रकार जुड़े हैं। अतः कुशले श्रमिक दूर-दूर से यहाँ आजीविका कमाने आते हैं, साथ ही तैयार माल को देश के विभिन्न भागों
    में आसानी से पहुँचाया जाता है।
  5. शक्ति के साधन – इन केंद्रों को ताप विद्युत और जल विद्युत पर्याप्त मात्रा में नियमित रूप से सुलभ है।

उत्तर 22.
राजनीतिक दलों का उदय प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा है। जब समाज बड़े और जटिल हो जाते हैं तब उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को समेटने और सरकार की नज़र में लाने के लिए किसी माध्यम या एजेंसी की जरूरत होती है। विभिन्न जगहों से आए प्रतिनिधियों को साथ मिलाकर काम करने की आवश्यकता होती है ताकि एक जिम्मेदार सरकार का गठन हो सके। उन्हें सरकार का समर्थन करने या उस पर अंकुश रखने, नीतियाँ बनवाने और नीतियों का समर्थन अथवा विरोध करने के लिए अकारणों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक प्रतिनिधि सरकार की ऐसी जो भी आवश्यकता होती है, राजनीतिक दल उनको पूरा करते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि हमें दुनिया के लगभग सभी देशों में राजनीतिक दल नज़र आते हैं, चाहे वह देश बड़ा हो या छोटा, नया हो या पुराना, विकसित हो या विकासशील।

उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं यो बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

उत्तर 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय-साध्य सिद्ध हो रही है। कई बार उपभोक्ताओं को वकीलों का सहारा भी लेना पड़ता है। ये मुकदमे अदालती कार्यवाहियों में शामिल होने तथा आगे बढ़ने में काफी समय लेते हैं। अधिकांश क्रेताओं को वस्तु क्रय करते समय रसीद नहीं दी जाती अथवा वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते कि कोई भी वस्तु क्रय करने के समय रसीद लेना अनिवार्य है। रसीद न होने की स्थिति में विक्रेता के विरुद्ध ठोस प्रमाण जुटा पाना सरल नहीं होता। इसके अतिरिक्त बाजार में अधिकांश खरीदारियाँ छोटी तथा फुटकर दुकानों से होती हैं। सबसे प्रमुख तथ्य यह है कि दोषपूर्ण उत्पादों से पीड़ित उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर मौजूदा कानून भी बहुत स्पष्ट तथा मुखर नहीं हैं।

उत्तर 25.
आयात पर ‘कर’ को व्यापार अवरोधक के रूप में इसलिए जाना जाता है क्योंकि इससे सरकार विदेशी व्यापार पर कुछ प्रतिबंध लगा कर उन्हें नियमित करती है।
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधके लगाने के निम्नलिखित कारण हैं :

  • विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश से प्रतियोगिता उत्पन्न हो सकती थी तथा यह हमारे देश में छोटे उद्योगपतियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता था।
  • विदेशी कंपनियाँ अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ उपलब्ध कराती थीं जबकि भारतीय कंपनियों के लिए ऐसा करना कठिन था। सरकार अपने देश के उत्पादकों को संरक्षण देना चाहती थी।
  • विदेशी व्यापार के आने से भारतीय बाजार पर पुनः विदेशी उद्योगों तथा कंपनियों का अधिकार स्थापित हो जाने की भय था।

भारतीय सरकार इन अवरोधकों को इसलिए हटाना चाहती थी क्योंकि विदेशी व्यापार से प्रतियोगिता बढ़ती थी, जिससे ग्राहकों या उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ कम मूल्य पर वस्तुएँ तथा सेवाएँ प्राप्त हो सकती थीं। भारतीय उत्पादक उत्पादित वस्तुओं का निर्यात करके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते थे।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 1 4
(a) दांडी (गुजरात)
(b) मद्रास
(c) असम
(d) ओडिशा
(e) गुजरात

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