CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5.

CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5

 

Board CBSE
Class 10
Subject Social Science
Sample Paper Set Paper 5
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 5 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
“इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट” क्या था? 1

प्र० 2.
ईंधन के रूप में उपलों के उपयोग को क्यों हतोत्साहित करना चाहिए? 1

प्र० 3.
लोकतांत्रिक सुधार किसे कहते है तथा इसे किस प्रकार लागू किया जा सकता है? 1

प्र० 4.
विवाह, तलाक, उत्तराधिकार से संबंधित कानून क्या कहलाता है? (\(\frac { 1 }{ 2 }\) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 1)

प्र० 5.
किसी अर्थव्यवस्था में विकास को धारणीय कैसे बनाया जा सकता है, संसाधनों के उपयोग के संदर्भ में एक उदाहरण दीजिए। 1

प्र० 6.
यदि व्यापारी द्वारा उपभोक्ता को कोई क्षति पहुँचाई गई है, तो किस उपभोक्ता अधिकार के अन्तर्गत वह नुकसान की भरपाई के लिए उपभोक्ता न्यायालय जा सकता है? 1

प्र० 7.
ऋणों के औपचारिक स्रोतों की कार्य प्रणाली पर नज़र क्यों अनिवार्य है? 1

प्र० 8.
‘व्यापार अधिशेष’ शब्द की परिभाषा दीजिए। भारत के साथ व्यापार अधिशेष से प्राप्त आय का ब्रिटेन किस प्रकार उपयोग करता था? 3
अथवा
अठारहवीं सदी में नए आविष्कारों की श्रृंखला ने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता को किस प्रकार बढ़ाया? स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
“लंदन सीज़न” की परंपरा क्या थी? लोगों को मनोरंजन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए इंग्लैंड में 19वीं शताब्दी में अपनाए गए मनोरंजन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
बंगाल में स्वदेशी आंदोलन के दौरान किस प्रकार का झण्डो तैयार किया गया था? इसकी मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 10.
अठारहवीं सदी के यूरोप में कुछ लोगों को क्यों ऐसा लगता था कि मुद्रण संस्कृति से निरंकुशवाद का अंत और ज्ञानोदय होगा? 3
अथवा
उपन्यास परीक्षा-गुरु में दर्शायी गई नए मध्यवर्ग की तस्वीर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 3

प्र० 11.
“असम में बागानी मजदूरों की महात्मा गांधी के विचारों और स्वराज के बारे में अपनी अलग-अलग अवधारणा थी।” तर्क देकर कथन की पुष्टि कीजिए। 3

प्र० 12.
“हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है।” कथन की पुष्टि कीजिए। 3

प्र० 13.
“पूरे देश में ऊर्जा के सभी प्रकारों का उपयोग बढ़ रहा है। ऊर्जा की बचत और ऊर्जा के विकास के सतत् पोषणीय मार्ग को विकसित करने की तुरन्त आवश्यकता है।” इस ज्वलंत समस्या के निवारण के लिए कोई तीन उपाय सुझाइए और उन्हें स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 14.
क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी से क्या अभिप्राय है? क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी’ को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तों का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)

प्र० 15.
विकेन्द्रीकरण की दिशा में 1992 में क्या कदम लिया गया था? 3

प्र० 16.
“टकराव सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा करता है और सामंजस्य सँभालना अपेक्षाकृत आसान होता है।” स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 17.
“बाज़ार में उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम और विनियमों की आवश्यकता होती है।” इस कथन को न्यायोचित ठहराइए। 3

प्र० 18.
“बैंकों में जमा की गई धनराशियाँ जमाकर्ता के साथ-साथ राष्ट्र के लिए हितकर हैं।” कथन की परख कीजिए। 3

प्र० 19.
“फ्रांस में नेपोलियन ने प्रजातंत्र को नष्ट किया था परन्तु प्रशासनिक क्षेत्र में उसने क्रांतिकारी सिद्धान्तों का समावेश किया, जिससे पूरी व्यवस्था अधिक तर्कसंगत और कुशल बन सके।” तर्को सहित इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5
अथवा
“जिनेवा में चली शान्ति वार्ताओं ने वियतनाम का विभाजन किया, जिसके परिणामस्वरूप घटी घटनाओं की श्रृंखला ने वियतनाम को युद्ध क्षेत्र में बदल दिया।” तर्को सहित इस कथन का विश्लेषण कीजिए। 5

प्र० 20.
जलोढ़ मृदा का निर्माण कैसे होता है? जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 5

प्र० 21.
“भारत में सड़क परिवहन अभी भी रेल परिवहन की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक है।” तर्को सहित इस कथन का समर्थन कीजिए। 5

प्र० 22.
“साम्प्रदायिकता राजनीति में अनेक रूप धारण कर सकती है” कथने की व्याख्या कीजिए। 5

प्र० 23.
लोकतंत्र तथा आर्थिक संवृद्धि और विकास के मध्य संबंधों की व्याख्या कीजिए। 5

प्र० 24.
तृतीयक क्षेत्र किस प्रकार प्राथमिक और द्वितीय क्षेत्रों के विकास में सहायता करता है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 25.
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए किन्हीं पाँच संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाइए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ से सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ हुआ। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। 1
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(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक प्रमुख कपास उत्पादक राज्य 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) सूती वस्त्र उद्योग : मुरादाबाद
(ii) आणविक ऊर्जा संयंत्र : रावतभाटी (1 + 1 = 2)
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नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जो असहयोग आंदोलन के वापिस लेने से संबंधित है।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।
(c) डिगबोई तेल क्षेत्र किसे प्रदेश में स्थित है?
(d) बोकारो लोहा और इस्पात संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) भारत के पश्चिमी तट के दक्षिणतम समुद्री पत्तन का नाम लिखिए।

Answers

उत्तर 1.
1859 के इनलैंड इमिग्रेशन एक्ट के अंतर्गत बागानों में काम करने वाले मजदूरों को बिना इजाजत बागान से बाहर जाने की छूट नहीं होती थी।

उत्तर 2.
उपलों के उपयोग से वायु प्रदूषित होती है इसलिए इनके उपयोग को हतोत्साहित करना चाहिए।

उत्तर 3.
लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव अथवा प्रस्ताव लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं। लोकतांत्रिक सुधार को कानूनों, लोगों के सहयोग, लोकतांत्रिक आंदोलनों तथा समाचार पत्रों व टेलीविजन आदि द्वारा लागू किया जा सकता है।

उत्तर 4.
विवाह, तलाक, उत्तराधिकार से संबंधित कानून पारिवारिक कानून कहलाते हैं।

उत्तर 5.
विकास की धारणीयता नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग द्वारा बनाई जा सकती है, जैसे पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, जल ऊर्जा इत्यादि के उपयोग द्वारा विकास धारणीय बना रह सकता है।

उत्तर 6.
उपभोक्ता का ‘सुरक्षित रहने का अधिकार’।

उत्तर 7.
ऋणों के समान वितरण तथा ब्याज दरों को निम्न रखने के लिए।

उत्तर 8.
‘व्यापार अधिशेष’ का अर्थ है दो देशों के बीच आपसी व्यापार में एक राष्ट्र को मिलने वाला लाभ। 19वीं शताब्दी में भारतीय बाजारों में ब्रिटिश औद्यागिक उत्पादों की बिक्री में काफी वृद्धि हुई। ब्रिटेन से जो माल भारत भेजा जाता था उसकी कीमत भारत से ब्रिटेन भेजे जाने वाले माल की कीमत से बहुत ज्यादा होती थी। भारत के साथ ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की स्थिति में ही रहता था।

ब्रिटेन भारत के साथ व्यापार अधिशेष के सहारे दूसरे देशों के साथ होने वाले घाटे की भरपाई कर लेता था। ब्रिटेन को व्यापार से जो अधिशेष प्राप्त होता था, उससे देशी खर्चे का निपटारा होता था। इसके तहत ब्रिटिश अफ़सरों और व्यापारियों द्वारा अपने घर में भेजी गई निजी रकम, भारतीय बाहरी कर्जे पर ब्याज और भारत में काम कर चुके ब्रिटिश अफसरों की पेंशन शामिल थी।

अथवा

अठारहवीं सदी में कई ऐसे आविष्कार हुए जिन्होंने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के हर चरण की कुशलता को बढ़ा दिया। रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल की रूपरेखा को ही बदल डाला। अभी तक कपड़ा उत्पादन केवल पूरे देहात में फैला हुआ था। यह काम लोग अपने-अपने घर पर ही करते थे। लेकिन अब महँगी नयी मशीनें खरीदकर उन्हें कारखानों में लगाया जा सकता था। कारखाने में सारी प्रक्रियाएँ एक छत के नीचे और एक मालिक के हाथों में आ गई थीं। इसके चलते उत्पादन प्रक्रिया पर निगरानी, गुणवत्ता को ध्यान रखना और मजदूरों पर नज़र रखना संभव हो गया था। इस प्रकार नए आविष्कारों की श्रृंखला ने सूती वस्त्र उद्योग की उत्पादन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में कुशलता को बढ़ाया।

अथवा

अमीर ब्रिटेनवासियों में ‘लंदन सीज़न’ की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही थी। 18वीं शताब्दी के आखिरी दशकों में 300-400 संभ्रात परिवारों के समूह के लिए ऑपेरा, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत जैसे कई प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन किए जाते थे। 19वीं शताब्दी में अपनाए गए मनोरंजन के नए-नए साधन निम्नलिखित हैं :

  • मेहनत और मजदूरी करने वाले अपना खाली समय ‘पब’ और शराबखानों में बिताते थे। ये लोग कभी-कभी राजनीतिक कार्रवाइयों के लिए मोलबंदी भी करते थे।
  • आम लोग भी मन बहलाने के साधन तलाशने लगे। कुछ मनोरंजन के साधन सरकारी पैसे से शुरू किए मए।
  • 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में बहुत सारे पुस्तकालय, कलादीर्घाएँ और संग्रहालय खोले जाने लगे। इससे लोगों को मनोरंजन होने के साथ-साथ अपने गौरवशाली इतिहास को जानने को मौका भी मिला।

उत्तर 9.
बंगाल में ‘स्वदेशी आंदोलन के दौरान एक तिरंगा झण्डा (हरा, पीला, लाल) तैयार किया गया।
तिरंगे झण्डे की मुख्य विशेषताएँ निम्न थीं :

  • इसमें ब्रिटिश भारत के आठ प्रांतों का प्रतिनिधित्व करते कमल के आठ फूल दर्शाए गए थे।
  • हिन्दुओं वे मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता एक अर्धचंद्र भी दर्शाया गया था।

उत्तर 10.

  1. अठारहवीं सदी के यूरोप में यह विश्वास बन गया था कि किताबों के द्वारा प्रगति और ज्ञानोदय होता है। बहुत सारे लोगों का यह मानना था कि किताबें दुनिया बदल सकती है। मुद्रण निरंकुशवाद और आतंकी राजसत्ता से समाज को मुक्ति दिलाकर ऐसा दौर लाएँगी जब विवेक और बुद्धि का राज होगा।
  2. अठारहवीं सदी में फ्रांस के एक उपन्यासकार लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए ने घोषणा की, “छापाखाना प्रगति का सबसे बड़ा ताकतवर औज़ार है और इससे बन रही जनमत की आँधी में निरंकुशवाद उड़ जाएगा।” मर्सिए के उपन्यासों में नायक अक्सर किताबें पढ़ने से बदल जाते हैं। वे किताबों की दुनिया में जीते हैं और इसी क्रम में ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।
  3. ज्ञानोदय को लाने और निरंकुशवाद के आधार को नष्ट करने में छापेखाने की भूमिका के बारे में आश्वस्त मर्सिए का कहना था कि निरंकुशवादी शासक सावधान हो जाएँ क्योंकि अब उनके काँपने का वक्त आ गया है। आभासी लेखक के कलम के ज़ोर के आगे वे टिक नहीं पाएँगे।

अथवा

श्रीनिवास दास द्वारा रचित ‘परीक्षा-गुरु’ हिंदी भाषा का पहला उपन्यास है। इसका प्रकाशन 1882 में हुआ था। परीक्षा-गुरु में खुशहाल परिवारों के युवाओं को बुरी संग-सोहबत के नैतिक खतरों से आगाह किया गया था। परीक्षा-गुरु से नव-निर्मित मध्यवर्ग की अंदरूनी और बाहरी दुनिया का पता चलता है। उपन्यास के चरित्रों को औपनिवेशिक शासन से कदम मिलाने में कैसी मुश्किलें आती हैं और अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को लेकर वे क्या सोचते हैं, यह इस उपन्यास का तथ्य है। यह उपन्यास पाठकों को जीने का सही तरीका बताता है और हर विवेकवान इंसान से यह आशा करता है कि वे चतुर और व्यावहारिक बनें। साथ ही अपनी संस्कृति और परंपरा में रहकर सम्मान का जीवन व्यतीत करें। अपने तमाम अच्छे प्रयासों के बावजूद परीक्षा-गुरु बहुत ज्यादा पाठक नहीं जुटा पाया, शायद इसलिए कि इसकी शैली कुछ अधिक उपदेशात्मक थी।

उत्तर 11.
आसाम के बागान मजदूरों के लिए स्वराज की अवधारणा के विषय में आजादी का अर्थ यह था कि वे बागान की चारदीवारियों से जब चाहें आ-जा सकें और वे अपने गाँवों से संपर्क रख सकें।
आंतरिक उत्प्रवास अधिनियम (Inland Emigration Act), 1859 के अंतर्गत बागान मज़दूर चाय बागानों से बिना अनुमति प्राप्त किए बाहर नहीं जा सकते थे जो कि उन्हें बहुत मुश्किल से मिलती थी।
जब उन्होंने असहयोग आंदोलन के विषय में सुना तो हज़ारों मज़दूर अपने अधिकारियों की आज्ञा की अवहेलना करने लगे और बागान छोड़ कर अपने-अपने घरों को चल दिए।

उत्तर 12.
हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्नों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है अर्थात् हरित क्रांति के परिणामस्वरूप भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन बहुत बढ़ गया है जिससे भारत खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।
भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन निम्नलिखित कारणों से बढ़ा है :

  • हरित क्रांति के अंतर्गत गेहूँ, चावल, दालों आदि की बहुत-सी ऐसी किस्मों का विकास किया गया है। जो प्रति हैक्टेयर उत्पादन बहुत अधिक देती है। सिंचाई के साधनों को विकसित कर लिया गया है।
  • किसानों को नई-नई तकनीकों के प्रयोग करने के प्रशिक्षण दिए गए हैं।
  • कृषि में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तेज़ी से करके भूमि की उत्पादकता को बढ़ाया गया है। 1950-51 में गेहूँ तथा चावल का उत्पादन प्रति हैक्टेयर क्रमश: 608 तथा 660 किलोग्राम थी जो 2005-2006 में बढ़कर क्रमश: 2607 तथा 2093 किलोग्राम हो गया है। इसी प्रकार 1960-61 में कुल खाद्यान्नों का उत्पादन प्रति हैक्टेयर 710 किलोग्राम था जो बढ़कर 2005-2006 में 1708 किलोग्राम हो गया है।

उत्तर 13.
वर्तमान में भारत विश्व के अल्पतम ऊर्जादक्ष देशों में गिना जाता है। हमें ऊर्जा के सीमित संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग के लिए सावधानीपूर्ण उपागम अपनाना होगा।
इस समस्या के निवारण के लिए उपाय :

  • एक जागरूक नागरिक के रूप में हमें आवागमन के लिए निजी वाहनों की अपेक्षा सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए।
  • प्रयोग न होने पर बिजली के स्विस बंद कर देने चाहिएं तथा विद्युत बचत करने वाले उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए।
  • गैर-पारंपरिक ऊर्जा साधनों के प्रयोग से हम अपना-अपना छोटा योगदान दे सकते हैं अर्थात् ‘ऊर्जा की बचते ही ऊर्जा उत्पादन है।’

उत्तर 14.
वह दल, जो केवल किसी क्षेत्र विशेष में प्रभाव रखते हैं, क्षेत्रीय राजनीतिक दल कहलाते हैं। क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में नैशनल कान्फ्रेंस, अकाली दल, इण्डियन नैशनल लोकदल, तेलुगुदेशर्म आदि प्रमुख हैं।
‘क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्ते-

  • जब कोई पार्टी राज्य विधानसभा के चुनाव में पड़े कुल मतों का 6 फीसदी या उससे अधिक हासिल करती है; और
  • कम से कम दो सीटों पर जीत दर्ज करती है तो उसे अपने राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिल जाती है।

उत्तर 15.
जब केंद्र और राज्य सरकार से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती हैं तो इसे सत्ता का विकेंद्रीकरण कहते हैं।
विकेंद्रीकरण की दिशा में 1992 में उठाए गए कदम :

  • केंद्रीय सरकार ने स्थानीय निकायों के लिए नियमित चुनाव अनिवार्य कर दिए हैं।
  • चुनावों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण है।
  • कम-से-कम 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है।
  • हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
  • राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ भाग स्थानीय प्रशासन को देना पड़ेगा।

उत्तर 16.
सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अंतर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं। अमेरिका में श्वेत और अश्वेत का अंतर एक सामाजिक विभाजन भी बन जाता है क्योंकि अश्वेत लोग आमतौर पर गरीब हैं, बेघर हैं तथा भेदभाव का शिकार हैं। इसी प्रकार हमारे देश में भी दलित आमतौर पर गरीब और भूमिहीन है। उन्हें भी अक्सर भेदभाव और अन्याय का शिकार होना पड़ता है। इससे सामाजिक विभाजन की स्थिति पैदा होती है। सामाजिक विभिन्नताएँ एक-दूसरे से गुँथ जाती है तो एक गहरे सामाजिक विभाजन की ज़मीन तैयार होने लगती है।

उत्तर 17.
बाज़ार में नियमों एवं विनियमों की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है :

  • बाजार में उपभोक्ता का कई प्रकार से शोषण होता है, जैसे-उपभोक्ताओं को उचित माप से कम वस्तु देना तथा वस्तु के नियत मूल्य में उन शुल्कों को जोड़ देना जिनका उपभोक्ता को पहले पता न हो।
  • क्रय की गई वस्तु अथवा सेवा के विषय में जब भी कोई शिकायत होती है तो विनियमों के अभाव मे विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर ही डालने का प्रयास करता है।
  • जब उत्पादक अधिक शक्तिशाली होते हैं तो उपभोक्ता कम मात्रा में खरीददारी करते हैं। उपभोक्ता बिखरे हुए होते हैं तो बाजार उचित तरीके से कार्य नहीं कर पाता। कई बार बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए भ्रामक विज्ञापनों अथवा अन्य स्रोतों द्वारा गलत सूचना प्रदान करती हैं।
    उदाहरण : एक नामी शिशु आहार बनाने वाली कम्पनी ने स्वयं के द्वारा निर्मित दूध पाउडर को शिशुओं के लिए माता के दूध से बेहतर बताकर कई वर्षों तक खूब लाभ कमाया। परंतु वर्षों बाद जब कम्पनी के दावों की जाँच की गई तो कम्पनी ने माना कि वह इतने समय से झूठे दावे करती आ रही है।
  • कई बेईमान व्यापारी खाद्य-पदार्थों में मिलावट कर जन-साधारण के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं।
    उदाहरण के तौर पर सन् 1999 में मिलावटी सरसों के तेल के सेवन से दिल्ली में कई लोगों की जान चली गई थी। (कोई तीन)

ऐसी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए बाजार में नियमों एवं विनियमों का होना अत्यंत आवश्यक है।

उत्तर 18.
बैंक जमा राशि का उपयोग लोगों की ऋण-आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करते हैं। इस प्रकार बैंक, जिनके पास अतिरिक्त राशि है (जमाकर्ता) एवं जिन्हें राशि की ज़रूरत है (कर्जदार) के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं। बैंक जमा पर जो ब्याज देते हैं उससे अधिक ब्याज दिये गए ऋण पर लेते हैं। कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिये गये ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है। बैंकों में जमा राशि जमाकर्ता के साथ-साथ राष्ट्र के लिए भी लाभदायक है क्योंकि बैंक अपने यहाँ जमा धन को सस्ती दर पर अधिक से अधिक लोगों को ऋण प्रदान कर सकता है। सस्ती दर पर आसान ऋण मिलने पर औद्योगिक विकास में वृद्धि होती है। जमाकर्ता द्वारा जमा किए गए धन से प्राप्त ब्याज परिवारों की आय में जुड़ता है जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है।

उत्तर 19.
नैपोलियन ने अपने शासन वाले क्षेत्रों में प्रशासनिक क्षेत्र को अधिक तर्कसंगत एवं कुशल बनाने हेतु निम्नलिखित क्रांतिकारी परिवर्तन किए :

  • 1804 की नागरिक संहिता, जिसे आमतौर पर नेपोलियन की संहिता के नाम से जाना जाता है, ने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए।
  • उसने कानून के समक्ष समानता और संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया।
  • डच गणतंत्र, स्विट्जरलैंड, इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया।
  • नेपोलियन ने सामंती व्यवस्था को समाप्त किया तथा किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई।
  • शहरों में भी कारीगरों के श्रेणी-संघों पर लगे नियंत्रणों को हटा दिया गया। साथ ही साथ यातायात और संचार-व्यवस्थाओं को भी सुधारा गया।

अथवा

बंटवारे से पूरा वियतनाम युद्ध के मोर्चे में तब्दील होकर रह गया। देश की आम जनता आपस में ही गुटों में बंटकर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ी हो गई थी। आपसी संघर्ष से सार्वजनिक संपत्ति तथा पर्यावरण का बहुत अधिक नुकसान हो रहा था। कुछ समय पश्चात् न्गो दिन्ह दिएम के नेतृत्व में हुए तख्तापलट में बाओ डाई को गद्दी से हटा दिया गया तथा दिएम की अगुवाई में एक और दमनकारी व निरंकुश शासन की स्थापना हुई। दिएम का विरोध करने वालों को कम्युनिस्ट कहकर जेलों में डाल दिया जाता था अथवा मार दिया जाता था। दिएम ने अध्यादेश 10 को लागू रहने दिया जिसके अनुसार ईसाई धर्म को मान्य करार दिया गया तथा बौद्ध धर्म को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। फलस्वरूप दिएम के तानाशाही शासन के विरोध में नैशनल लिबरेशन फ्रंट (एन०एल०एफ०) के नाम से एक व्यापक मोर्चा बनाया गया।

उत्तर 20.
जलोढ़ मृदा का निर्माण – जलोढ़ मृदा का निर्माण हिमालय के तीन महत्त्वपूर्ण नदी तंत्रों-सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा अपने साथ बहा कर लाई गई मृदा के मैदानी क्षेत्र में जमा होने से होता है। यह मृदा बहुत उपजाऊ होती है क्योंकि प्रति वर्ष नदियाँ नई मृदा की एक परत जमा कर देती हैं। अधिक उपजाऊ होने के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है।
उदाहरण-
(i) उत्तरी-पूर्वी भारत-ब्रह्मपुत्र घाटी; एवं
(ii) दक्षिणी भारत-कावेरी नदी का डेल्टा।
जलोढ़ मृदा की प्रमुख विशेषताएँ :

  • यह सबसे अधिक उपजाऊ और अधिक विस्तार वाली है।
  • यह मृदा देश के उत्तरी मैदानों तथा तटीय प्रदेशों में पाई जाती है।
  • इस मृदा में पेड़-पौधों का गला-सड़ा अंश (ह्यूमस) काफी मात्रा में मिलता है।
  • चूना अंश भी जलोढ़ मृदा में काफी मिलता है।
  • पुरानी जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘बांगर’ तथा नई जलोढ़ मृदा से बने क्षेत्र को ‘खादर’ कहते हैं।

उत्तर 21.
रेल परिवहन की अपेक्षा सड़क परिवहन की बढ़ती महत्ता निम्न कारणों से है :

  • रेलवे लाईन की अपेक्षा सड़कों की निर्माण लागत बहुत कम है।
  • अपेक्षाकृत ऊबड़-खाबड़ व विच्छिन्न भू-भागों पर सड़कें बनाई जा सकती हैं।
  • अधिक ढाल प्रवणता वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों में भी सड़कें निर्मित की जा सकती हैं।
  • अपेक्षाकृत कम व्यक्तियों, कम दूरी व कम वस्तुओं के परिवहन में सड़क मितव्ययी है।
  • सड़कों द्वारा घर-घर सेवाएँ उपलब्ध होती हैं तथा सामान चढ़ाने व उतारने की लागत भी अपेक्षाकृत कम है। सड़कों की सुविधा भी सुगम है।
  • सड़क परिवहन अन्य सभी परिवहन साधनों के प्रयोग में एक कड़ी के रूप में भी कार्य करता है।

उत्तर 22.
साम्प्रदायिकता राजनीति में निम्नलिखित रूप धारण कर सकती है।

  • साम्प्रदायिकता की सबसे आम अभिव्यक्ति दैनिक जीवन में ही दिखाई पड़ती है। इनमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक समुदायों के बारे में बनी-बनाई धारणाएँ और एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने जैसी मान्यताएँ शामिल हैं।
  • साम्प्रदायिक सोच अक्सर अपने समुदाय को राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने की फ़िराक में रहती है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय से संबंधित होते हैं उनका यह प्रयास बहुसंख्यकवाद का रूप ले लेता है तथा जो अल्पसंख्यक समुदाय के होते हैं उनमें एक अलग राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा होती है।
  • सांप्रदायिक आधार पर राजनीतिक गुटबंदी सांप्रदायिकता का दूसरा रूप है। चुनावी राजनीति में एक धर्म के मतदाताओं की भावनाओं या हितों की बात उठाने जैसे तरीके अक्सर अपनाए जाते हैं।
  • कई बार साम्प्रदायिकता सबसे गंदा रूप लेकर संप्रदाय के आधार पर हिंसा, दंगा और नरसंहार कराती है। विभाजन के समय भारत और पाकिस्तान में भयानक सांप्रदायिक दंगे हुए थे।

उत्तर 23.
उच्चतर आर्थिक संवृद्धि हासिल करने में लोकतांत्रिक शासन अक्षम प्रतीत होता है। लोकतांत्रिक शासन में भी भारी आर्थिक असमानता हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे देशों में ऊपरी 20% लोगों का कुल राष्ट्रीय आय के लगभग 60% भाग पर कब्ज़ा है जबकि सबसे नीचे के 20% लोग राष्ट्रीय आय के मात्र 3% हिस्से पर जीवन बसर करते हैं। डेनमार्क और हंगरी जैसे देश इस मामले में कहीं अधिक बेहतर कहे जाएँगे। वास्तविक जीवन में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारें गरीबी के मुद्दे पर उतना ध्यान देने को तत्पर नहीं जान पड़तीं जितनी कि उनसे आशा की जाती है। कुछ अन्य देशों में हालत और अधिक खराब हैं। बांग्लादेश में आधी से अधिक आबादी गरीबी में जीवन व्यतीत करती है। अनेक गरीब देशों के लोग अपनी खाद्य-आपूर्ति के लिए भी अब अमीर देशों पर निर्भर हो गए हैं।

उत्तर 24.
तृतीयक क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीय क्षेत्रों के विकास में निम्नलिखित रूप से सहायता करता है :

  • प्राथमिक एवं द्वितीय क्षेत्रों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार तक ले जाने में परिवहन के रूप में सहायता प्रदान करती है।
  • प्राथमिक एवं द्वितीय क्षेत्रों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के गोदामों में भंडारण करने की आवश्यकता होती है। गोदामों तक वस्तुएँ ले जाकर सहायता प्रदान करती है।
  • उत्पादन और व्यापार में वार्तालाप के लिए टेलिफोन एवं पत्राचार के रूप में सहायता प्रदान करती है।
  • इन क्षेत्रों को पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बैंक के रूप में सहायता प्रदान करना।
    परिवहन, भंडारण, संचार, बैंक सेवाएँ और व्यापार तृतीय क्षेत्रों के उदाहरण हैं।

उत्तर 25.
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रम निम्नलिखित हैं :

  • जोतों की चकबंदी, सहकारिता तथा जमींदारी को समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई।
  • 1960 तथा 1970 के दशक में पैकेज तकनीक पर आधारित हरित क्रांति और श्वेत क्रांति (ऑपरेशन फ्लड) प्रारंभ किए गए।
  • 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसमें सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान और किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सहकारी समितियों और बैंकों की स्थापना जैसे कार्य शामिल थे।
  • किसान क्रेडिट कार्ड’ और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना भी शुरू की गई।
  • आकाशवाणी और दूरदर्शन पर किसानों के लिए मौसम की जानकारी के लिए बुलेटिन और कृषि कार्यक्रम प्रसारित करने की व्यवस्था की गई।
  • फसलों के न्यूनतम सहायता मूल्य और लाभदायक खरीद मूल्यों की घोषणा की गई। (कोई पाँच)

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 5 4
(a) चौरी चौरा (उत्तर प्रदेश)
(b) नागपुर
(c) असम
(d) झारखंड
(e) कोच्चि

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