CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 4 are part of CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 4.
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 4
Board | CBSE |
Class | IX |
Subject | Hindi B |
Sample Paper Set | Paper 4 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
निर्देश
1. इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं-क, ख, ग और घ।
2. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
3. यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए
खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]
प्रश्न 1:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (9)
आज समाज में उपभोक्ता संस्कृति का प्रचार-प्रसार होने से सामाजिक ढाँचे में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है। पुरानी पीढ़ी की सोच ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ नई पीढ़ी में बदलने लगी है। आज लोग अपनी सुख-सुविधाओं के लिए आमदनी से अधिक खर्च करने लगे हैं, जिसके कारण जीवन में अर्थाभाव बना रहता है। मनुष्य के ऊपर कर्ज़ हो जाता है और व्यक्ति अनेक मानसिक परेशानियों का शिकार हो जाता है।
नई पीढ़ी भौतिकवादी दृष्टिकोण की पक्षधर होती जा रही है। उनकी सोच ‘Eat, drink and be merry’ अर्थात् ‘खाओ, पीओ और मौज मनाओ’ के सिद्धांत पर आधारित हो चली है। महँगे मोबाइल, कार, कपड़े, जूते, प्रसाधन-सामग्री आदि के लिए लोग पागल हो रहे हैं। विज्ञापित और ब्रांडेड वस्तुओं की चाहत में आज का युवावर्ग कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाता है। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए उसे न अपने चरित्र का ध्यान रहता है और न ही कर्तव्यों का। स्वार्थ में डूबा आज का युवा बचत जैसी कोई योजना नहीं अपनाता। मेहनत से अर्जित धन बर्बाद करता हुआ, वह विनाश की ओर बढ़ता जाता है।
बचत का तात्पर्य यह बिलकुल नहीं है कि व्यक्ति अपनी सुख-सुविधा को एक ओर रखकर केवल धन-संचय करने में लगा रहे। यहाँ बचत से तात्पर्य है कि व्यक्ति अपनी आय में से सभी खर्यों को पूरा करने के बाद भी कुछ बचाने की चेष्टा करे। वह अपने खर्चे को इस प्रकार निर्धारित करे कि उसको कभी किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। आज की अल्प बचत भी भविष्य में एक बड़ी राशि बन जाती है। कहा जाता है कि “बूंद-बूंद से ही घड़ा भर जाता है।”
आज खर्च के जितने कारण हैं, बचत के उतने उपाय भी हैं। बुद्धिमान मनुष्य उनमें से किसी भी साधन को अपनाकर बचत कर सकता है। बचत के अनेकानेक लाभों को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को बचत करनी चाहिए और जीवन को सही मार्ग पर ले जाना चाहिए।
(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि व्यक्ति मानसिक परेशानियों का शिकार क्यों हो जाता है? (2)
(ख) “नई पीढ़ी भौतिकवादी दृष्टिकोण की पक्षधर होती जा रही है।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) बचत से क्या तात्पर्य है? गद्यांश के आधार पर बताइए। (2)
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उचित शीर्षक लिखिए। (1)
(ङ) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह कीजिए (2)
(i) अर्थाभाव
(ii) सुख-सुविधा
प्रश्न 2:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (6)
कितना प्रामाणिक था उसका दु:ख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी।
अभी इतनी भोली सरल थी कि उसे सुख
का आभास तो होता था
लेकिन दुःख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।
(क) माँ का कौन-सा दुःख प्रामाणिक था और कैसे?(2)
(ख) माँ ने बेटी को क्या सीख दी? स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय और मूल शब्द अलग कीजिए (2)
(i) प्रामाणिक
(ii) शाब्दिक
खंड {ख} व्याकरण [15 अंक]
प्रश्न 3:
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए (1 + 1 = 2 )
(i) मनुष्यत्व
(ii) स्पष्ट
प्रश्न 4:
(क) निम्नलिखित शब्दों में से उपयुक्त शब्द में अनुनासिक चिह का प्रयोग कीजिए (1)
कुँवर, लहँगा, अहंकार, संध्या
(ख) निम्नलिखित शब्दों में से उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्द छाँटिए (1)
तंहाई, अंजन, संमेलन, डंडा
(ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थानों पर नुक्ते का प्रयोग करके उन्हें पुनः लिखिए (1)
मेज़, कॉफ़ी
प्रश्न 5:
(क) ‘अत्याचार’ शब्द में से उपसर्ग व मूल शब्द को कुंवर, लहंगा, अहंकार, संध्या अलग-अलग करके लिखिए। (1)
(ख) ‘ईश्वरत्व’ शब्द में से मूल शब्द व प्रयुक्त प्रत्यय को अलग-अलग करके लिखिए। (1)
(ग) उपसर्ग से क्या अभिप्राय है?
प्रश्न 6:
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (1 × 4 = 4)
(i) महर्षि
(ii) अभ्युदय
(iii) आद्यंत
(iv) दध्योदन
प्रश्न 7:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए (1 × 3 = 3)
(क) “स्वार्थी लोग सीधे सादे लोगों को भड़काते हैं वाक्य में योजक चिह्न का प्रयोग करते हुए पुनः वाक्य लिखिए।
(ख) कोष्ठक चिह्न का प्रयोग कहाँ किया जाता है?
(ग) “डॉ. अब्दुल कलाम वैज्ञानिक थे’ वाक्य में कौन-सा विराम चिह्न प्रयुक्त हुआ है?
खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [25 अंक]
प्रश्न 8:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) कीचड़ को जाग्रत भान प्रत्येक मनुष्य को क्यों नहीं होता?(2)
(ख) “एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर तक साथ नहीं रहते” पाठ ‘तुम कब जाओगे, अतिथि के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) “धर्म की आड़ पाठ के आधार पर बताइए कि पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अंतर है? (1)
प्रश्न 9:
शोक मनाने का अधिकार समाज में किसे प्राप्त है और किसे नहीं? ‘दुःख का अधिकार’ पाठ के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
“महादेव भाई देसाई अपनी लेखनी की विशेषता के कारण शीघ्र ही अत्यंत लोकप्रिय हो गए।” स्पष्ट कीजिए। उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 10:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) “आदमीनामा’ कविता के आधार पर स्पष्ट करें कि आदमी का आचरण कैसा होना चाहिए?
(ख) कवि अग्नि पथ पर चलने वालों को क्या शपथ लेने के लिए कहता है?
(ग) “नए इलाके में’ शीर्षक कविता में कवि क्या हूँढता है? (1)
प्रश्न 11:
कवि रहीम मन की व्यथा को मन में ही रखने की सलाह क्यों देते हैं? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
रैदास अपने पदों द्वारा हमें क्या संदेश देना चाहते हैं? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 12:
‘दीये जल उठे पाठ में लोगों के समर्पण तथा निःस्वार्थ भावना को दर्शाया गया है। सिद्ध कीजिए। उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
मुस्कराहट हमारी रक्षक तथा सहायक कैसे बनती है? ‘हामिद खाँ’ कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि हामिद खाँ ने लेखक के साथ कैसा व्यवहार किया? दोनों की परस्पर मुलाकात में आपने किस बात से प्रेरणा ग्रहण की? उत्तर लगभग 150 शब्दों में लिखिए।
खंड {घ} लेखन [25 अंक]
प्रश्न 13:
निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 80 से 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए
1. रंगों का पर्व : होली
संकेत बिंदु
- होली का महत्त्व
- होली मनाने का तरीका
- मनुष्यों पर होली को प्रभाव एवं इसका संदेश
2. भारत में बाल मज़दूी की समस्या
संकेत बिंदु
- बाल मज़दूरी का अर्थ
- बाल मज़दूरी के कारण
- बाल मज़दूरी को दूर करने के उपाय
3. आज की पुकार : संयुक्त परिवार
संकेत बिंदु
- युवा पीढ़ी को रिश्तों का ज्ञान
- बुजुर्गों की उपस्थिति व महत्त्व
- अकेलेपन से मुक्ति
प्रश्न 14:
आपके मित्र सुशांत सिन्हा ने नोएडा सेक्टर-34 में मकान बनाया है। गृह प्रवेश पर आप आमंत्रित हैं, किंतु किसी कारणवश जाने में असमर्थ हैं। लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर शुभकामना व्यक्त कीजिए। (5)
अथवा
किसी कारण आपका मन कक्षा में नहीं लग रहा है, लेकिन अध्यापक की डाँट के डर से आप पढ़ाए जा रहे पाठ को विवश होकर चुपचाप सुन रहे हैं। अपनी बड़ी बहन को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखकर बताइए कि आपका मन कक्षा में क्यों नहीं लग रहा था, उस समय आप क्या सोच रहे थे?
प्रश्न 15:
दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर 20 से 30 शब्दों में चित्र का वर्णन अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए। (5)
अथवा
प्रश्न 16:
आप शोभित हैं और अपने पिताजी से अपने विद्यालय की ओर से भ्रमण पर जाने के लिए अनुमति देने के लिए कह रहे हैं। उनसे हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अथवा
विद्यालय में होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम के संबंध में दो छात्रों के मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 17:
लैपटॉप बनाने वाली एक कंपनी द्वारा अपने उत्पाद के प्रचार के लिए दिए जाने वाले विज्ञापन को 25 से 50 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
अभिनव विकास संस्था की ओर से दिवाली मेले का विज्ञापन 25 से 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
जवाब
उत्तर 1:
(क) गद्यांश के अनुसार व्यक्ति मानसिक परेशानियों का शिकार इसलिए हो जाता है, क्योंकि वह अपने सुख-सुविधाओं के साधनों की पूर्ति के लिए ऋण लेने पर विवश हो जाता है। जिस कारणे उसका मानसिक तनाव बढ़ जाता है।
(ख) “नई पीढ़ी भौतिकवादी दृष्टिकोण की पक्षधर होती जा रही है।” इस पंक्ति का आशय यह है कि आज की नई पीढ़ी दिखावे की संस्कृति को अपना रही है। आजकल महँगे मोबाइल, कार, कपड़े, जूते, प्रसाधन-सामग्री आदि के प्रति लोग आकर्षित हो रहे हैं।
(ग) गद्यांश के अनुसार ‘बचत’ से तात्पर्य है कि व्यक्ति अपनी आय में से सभी खर्चे को पूरा करने के बाद भी कुछ बचाने की चेष्टा करे। वह अपने खर्ची को इस प्रकार निर्धारित करे कि उसे कभी किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का सर्वाधिक उचित शीर्षक ‘आज की बचत, कल का सुख’ है।
(ङ) (i) ‘अर्थाभाव’ का समास-विग्रह होगा-अर्थ का अभाव! यहाँ ‘का’ विभक्ति का लोप होने के कारण संबंध तत्पुरुष समास है।
(ii) ‘सुख-सुविधा’ का समास-विग्रह होगा-सुख और सुविधा।
यहाँ दोनों पदों की प्रधानता के कारण द्वंद्व समास है।
उत्तर 2:
(क) माँ का यह दुःख प्रामाणिक था कि वह जिस लड़की का कन्यादान कर रही थी वह अभी समझदार नहीं हुई है। वह अब तक जीवन के यथार्थ से परिचित नहीं है। बेटी के रूप में अपनी अंतिम पूँजी को दूसरों को सौंपने के
दुःख से माँ व्यथित है।
(ख) माँ ने बेटी को सीख दी कि अपने रूप-सौंदर्य पर कभी गर्व मत करना, लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना अर्थात् कभी अपने को कमज़ोर मत समझना, वस्त्र और आभूषण से भ्रमित मत होना और अत्याचार मत सहना आदि।
(ग) शब्द मूल शब्द प्रत्यय
(i) प्रामाणिक प्रमाण इक
(ii)शाब्दिक शब्द इक
उत्तर 3:
(i) म् + अ + न् + उ + ष् + य् + अ + त् + व् + अ
(ii) स् + प् + अ + ष् + ट् + अ
उत्तर 4:
(क) कुँवर, लहँगा
(ख) अंजन, डंडा
(ग) मेज़, कॉफ़ी
उत्तर 5:
(क) उपसर्ग अति मूल शब्द आचार
(ख) मूल शब्द ईश्वर प्रत्यय त्व
(ग) वे शब्दांश जो शब्द के आरंभ में जुड़कर नए शब्द का निर्माण करते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं; जैसे- अप (उपसर्ग) + मान (मूल शब्द) = अपमान।
उत्तर 6:
(i) महा + ऋषि
(ii) अभि + उदय
(iii) आदि + अंत
(iv) दधि + ओदन
उत्तर 7:
(क) स्वार्थी लोग सीधे-सादे लोगों को भड़काते हैं।
यहाँ ‘सीधे-सादे’ शब्द के मध्य योजक चिह्न का प्रयोग हुआ है।
(ख) कोष्ठक चिह्न का प्रयोग किसी शब्द के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।
(ग) प्रस्तुत वाक्य में लांघव चिह्न प्रयुक्त हुआ है। यहाँ ‘डॉ. शब्द का पूर्ण रूप डॉक्टर होगा।
उत्तर 8:
(क) वस्तुतः मनुष्य स्वार्थी प्रवृत्ति वाला प्राणी होता है। वह अपने मन एवं आँखों को भाने वाली वस्तुओं का ही उपभोग करता है। कीचड़ से उसे गंदगी का आभास होता है। वह उस कीचड़ की महत्त्वपूर्ण उपयोगिता को नहीं समझ पाता, जिससे उसे अपनी उदरपूर्ति हेतु अन्न की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि कीचड़ का जाग्रत भान प्रत्येक मनुष्य को नहीं हो पाता।
(ख) प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि जैसे देवता थोड़े समय के लिए दर्शन देते हैं और फिर चले जाते हैं, उसी प्रकार अतिथि का भी देवता के समान होना आवश्यक है अर्थात् कुछ समय के बाद अतिथि भी वापस चला जाए अन्यथा उसका सम्मान नहीं होता। मनुष्य अधिक समय तक अपना देवत्व रूप धारण नहीं कर सकता और थोड़े समय में ही राक्षस हो सकता है।
(ग) पाश्चात्य (पश्चिमी) देशों में धनी लोगों के पास पैसा है, ऊँची-ऊँची इमारतें हैं, सुख-सुविधाएँ हैं, जबकि वहाँ गरीब लोग रोटी के लिए संघर्ष करते हैं और झोंपड़ियों में रहते हैं।
उत्तर 9:
लेखक के अनुसार, शोक मनाने का अधिकार धनी एवं संभ्रांत
वर्ग के पास ही सुरक्षित है। जब एक संभ्रांत महिला के पुत्र की मृत्यु हुई, तो वह महिला पुत्र वियोग में कुछ महीनों तक पलंग से न उठ सकी। वह बार-बार मूर्च्छित (बेहोश) हो जाती थी और होश आने पर आँसू बहाती रहती थी। दो-दो डॉक्टर हमेशा उसके पास बैठे रहते थे।
सारे शहर के लोग उसके दुःख से द्रवित हो उठे थे, जबकि एक गरीब स्त्री को शोक मनाने का अधिकार तक न था, न ही सुविधा थी। उसे अपने पोता-पोती के लिए भोजन और बीमार बहू के लिए दवाई का प्रबंध करने के लिए अपने बेटे की मृत्यु के अगले ही दिन बाज़ार में खरबूज़े बेचने आना पड़ा। लोग उससे घृणा कर रहे थे। इस प्रकार उस अभागी को अपने बेटे की मृत्यु का दुःख मनाने का अधिकार भी प्राप्त नहीं हुआ।
अथवा
महादेव जी की कलम से अनेक लेख, टिप्पणियाँ, पत्र, गांधीजी के व्याख्यान, प्रार्थना-प्रवचन, मुलाकात तथा वार्तालापों पर लिखी गई टिप्पणियाँ, सब कुछ फुलस्केप के चौथाई आकार वाली मोटी अभ्यास पुस्तकों में सुंदर लिखावट के साथ जेट जैसी गति से लिखे जाते थे। वे ‘शॉर्टहैंड’ नहीं जानते थे। विभिन्न क्षेत्रों तथा स्थानों से गांधीजी से मिलने को आए आगंतुक अपनी मुलाकात की चर्चाओं को ‘शॉर्टहैंड’ में लिखा करते थे, किंतु महादेव भाई एक कोने में बैठकर ही सारी चर्चाओं का वृत्तांत लंबे लेख में उतार देते थे, जो अचूक रहता था। इनमें त्रुटियों की कोई संभावना नहीं होती थी।
शॉर्टहैंड को देख जब गांधीजी कहते कि महादेव के लिखे नोट से थोड़ा मिलान कर लेना, तो लोग दाँतों तले अँगुलियाँ दबा लेते थे। अपनी इसी विशेषता के कारण महादेव देसाई लोकप्रिय हो गए।
लुई फिशर और गुंथर के समान निपुण लेखक भी अपनी टिप्पणियों का मिलान महादेव की टिप्पणियों के साथ करके उन्हें सुधारे बिना गांधीजी के पास ले जाने से हिचकिचाते थे।
उत्तर 10:
(क) कवि के अनुसार, इस संसार में विभिन्न प्रवृत्तियों वाले व्यक्ति हैं, कुछ अच्छे हैं, तो कुछ बुरे। मनुष्य को अच्छा आचरण अपनाकर समाज में यश कमाना चाहिए।
समाज में उसी व्यक्ति का आचरण अच्छा कहा जाता है, जो समाज के हित के लिए कार्य करता है और दूसरों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहता है तथा अपना संपूर्ण जीवन लोक कल्याण में लगा देता है।
(ख) कवि हरिवंशराय बच्चन ने ‘अग्नि पथ’ शीर्षक कविता में चुनौतियों से भरे रास्ते पर चलने वालों को बिना पीछे मुड़े आगे बढ़ने की शपथ लेने के लिए कहा है। संघर्षरत व्यक्ति को सदैव आगे ही बढ़ते रहना चाहिए, क्योंकि पीछे मुड़कर देखने से उत्साह भंग हो जाता है। इसके साथ-साथ कवि थकने अर्थात् निरुत्साहित होने से भी इनकार करता है और अथक यात्रा के लिए शपथ लेने के लिए प्रेरित करता है।
(ग) ‘नए इलाके में’ शीर्षक कविता में कवि पुराने पीपल के पेड़, अपना पुराना मकान और अपने स्मृति चिह्नों को ढूँढता है।
उत्तर 11:
कवि रहीम का मानना है कि व्यक्ति स्वभाव से ईष्र्यालु होता है। इस ईर्ष्या भावना के कारण ही दूसरों का दुःख या वेदना सुनने के बाद वह मन-ही-मन प्रसन्न होता है। कवि का कहना है कि व्यक्ति को अपने मन की व्यथा या वेदना को अपने मन में ही रखना चाहिए, क्योंकि उसे दूसरों के सामने प्रकट करने से कोई लाभ नहीं होता है।
मन की वेदना या दुःख को दूसरों के सामने प्रकट करने से उसमें कोई कमी नहीं आती, क्योंकि कोई भी उस दुःख को बाँटना नहीं चाहता। दूसरों के सामने अपने मन की व्यथा को प्रकट करने से कोई लाभ तो नहीं होता, बल्कि सुनने वाला और प्रसन्न होता है। वह ईष्र्या भावना के कारण और आनंदित हो जाता है, इसलिए कवि ने अपने मन की व्यथा को मन में ही रखने की सलाह दी है।
अथवा
रैदास अपने पदों द्वारा हमें ईश्वर की महानता का संदेश देना चाहते हैं। रैदास कहते हैं कि ईश्वर महान् है और मनुष्य तुच्छ। ईश्वर को भक्ति के माध्यम से पाया जा सकता है। भक्ति द्वारा ईश्वर के इतने निकट पहुँचा जा सकता है, जहाँ भक्त और ईश्वर एकाकार हो जाएँ। रैदास के गोविंद, नीच, अछूत और गरीब सभी का उद्धार करते हैं। वे किसी से नहीं डरते, क्योंकि वे सब कुछ संभव करने में समर्थ हैं। रैदास के आराध्य कमज़ोर लोगों के लिए सहारा हैं, वे सर्वगुण संपन्न हैं। उनकी कृपा एवं उदारता का बखान करना असंभव है। कवि रैदास ने सभी संत जनों से प्रभु भक्ति के मार्ग पर चलने का आग्रह किया है। इस प्रकार रैदास सभी को भक्ति मार्ग पर चलने का संदेश देते हैं। इसके अतिरिक्त, वे अपने प्रभु का उदाहरण प्रस्तुत कर समाज में व्याप्त विषमता, छुआछूत आदि को समाप्त करने का भी संदेश देते हैं।
उत्तर 12:
‘दीये जल उठे’ पाठ में जब महिसागर नदी पार करने के लिए गांधीजी ने योजना बनाई, तब रघुनाथ काका ने नई नाव खरीदकर गांधीजी को नदी पार कराने की ज़िम्मेदारी उठाई।
कुछ लोगों ने गांधीजी को कंधे पर उठाकर नदी पार कराने की सलाह भी दी, परंतु गांधीजी ने इसके लिए इनकार कर दिया। नदी के तट पर घनघोर अँधेरा था। अँधेरे में नदी पार करना असंभव हो रहा था। कुछ छोटे-मोटे दीये भी जलाए गए, परंतु वे अँधेरे को भेद नहीं सके। थोड़ी ही देर में कई हज़ार लोग नदी के तट पर दीये लिए हुए पहुँचे।
वहाँ का अंधकार समाप्त हो गया था। इस प्रकार दोनों ओर के लोगों ने नदी पार की। गांधीजी द्वारा नदी पार करने के बाद भी लोगों ने अपने दीये नहीं बुझाए। वे नदी के तट पर इस आशा से खड़े रहे थे कि और भी लोग (सत्याग्रही) अभी रात को नदी पार कर सकते थे। वे लोग नहीं चाहते थे कि किसी भी व्यक्ति को नदी पार करने में कठिनाई हो। इन व्यक्तियों में देशभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई थी। इन्होंने प्रत्येक कदम पर गांधीजी व उनके सत्याग्रही साथियों की सहायता करने का प्रयास किया। इसलिए हम कह सकते हैं। कि इस पाठ में लोगों की समर्पण व निःस्वार्थ सेवा की भावना को दर्शाया गया है।
अथवा
हामिद खाँ’ कहानी में यह बताया गया है कि लेखक जब भूख एवं प्यास से परेशान होकर खाने की जगह तलाश कर रहा था, तभी उसे हामिद खाँ का होटल दिखा। लेखक मुस्कराते हुए हामिद खाँ से खाने के लिए कुछ देने को कहता है। बातचीत के दौरान हामिद खाँ को यह जानकर आश्चर्य होता है कि लेखक हिंदू होते हुए भी मुसलमान के होटल में खाना खाने के लिए तैयार है।
लेखक की मुस्कराहट ने उस पर सकारात्मक प्रभाव डाला, जिससे वह लेखक के खाने की व्यवस्था करने में तुरंत जुट गया। लेखक की मुस्कराहट का ही प्रभाव था, जिससे हामिद खाँ अत्यधिक प्रभावित हुआ और दोनों के बीच, खाने के दौरान, निरंतर बातचीत होती रही। मुस्कराहट ने लेखक के व्यक्तित्व को आकर्षक बना दिया, जिससे न केवल उसकी भूखे। एवं प्यास शांत हुई, बल्कि लेखक एवं हामिद अच्छे दोस्त भी बन गए। हामिद ने लेखक से खाने के पैसे भी नहीं लिए।
लेखक भी हामिद को जीवन में कभी भूल नहीं पाया और हमेशा उसकी कुशलता की प्रार्थना करता रहा। दोनों के बीच हुई मुलाकात हमें इस बात के लिए प्रेरित करती है कि जहाँ आत्मीयता एवं मानवीयता की भावना रहती है, वहाँ पारस्परिक स्नेह को विकसित होने में धर्म, जाति, भाषा आदि बाधाएँ अपना दुष्प्रभाव नहीं डाल पातीं।
उत्तर 13.1:
भारतीय समाज में होली का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें एक ओर आनंद और हर्ष की वर्षा होती है, तो दूसरी ओर प्रेम व स्नेह की सरिता उमड़ पड़ती है। यह शुभ पर्व प्रतिवर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है। होली का त्योहार वसंत ऋतु का संदेशवाहक बनकर आता है। चारों ओर प्रकृति के रूप और सौंदर्य के उत्कृष्ट दृश्य दृष्टिगत होते हैं। होली के दिन बहुत रंगे उड़ते हैं। इसकी पूर्व संध्या को होलिका पूजन किया जाता है और रात्रि में होलिका दहन किया जाता है। इसमें गेहूँ, जौ की बालियाँ भी भूनी जाती हैं। होली के दिन लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं और एक-दूसरे के मुँह पर रंग-गुलाल लगाते हैं। वातावरण उल्लासमय होता है। एवं बहुत हास-परिहास होता है।
रंगों का यह त्योहार लोगों के हृदय में एक नया उत्साह भर देता है। लोग नवीनता एवं हर्ष का अनुभव करते हैं। हिंदू और मुसलमान भाइयों को एक-दूसरे के गले मिलता देख मन में एक अनुपम सुख का अनुभव होता है। प्रेम और एकता के प्रतीक इस त्योहार को प्रत्येक वर्ष धूमधाम से मनाया जाना चाहिए।
उत्तर 13.2:
बाल मज़दूरी का अर्थ ऐसी मज़दूरी से है, जिसमें पाँच से चौदह वर्ष के बच्चे किसी संस्थान में कार्य करते हैं। जिस आयु में उन बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए, उस आयु में वे किसी दुकान, रेस्टोरेंट, पटाखे की फैक्ट्री, हीरे तराशने की फैक्ट्री, शीशे का सामान बनाने वाली फैक्ट्री आदि में कार्य करते हैं। भारत जैसे विकासशील देश में बाल मज़दूरी के अनेक कारण हैं। अशिक्षित व्यक्ति शिक्षा का महत्त्व न समझ पाने के कारण अपने बच्चों को मज़दूरी करने के लिए भेज देते हैं। जनसंख्या वृद्धि बाल मज़दूरी का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। निर्धन परिवार के सदस्य उदरपूर्ति के लिए छोटे-छोटे सदस्यों को काम पर भेज देते हैं।
भारत में बाल मज़दूरी को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण इसे प्रोत्साहन मिलता है। देश में कार्य कर रही सरकारी, गैर-सरकारी और निजी संस्थाओं की बाल मज़दूरी को दूर करने में गंभीर रुचि नहीं है।
बाल मज़दूरी की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार कड़े कानून बना सकती है। समाज के निर्धन वर्ग को शिक्षा प्रदान करके बाल मज़दूरी को प्रतिबंधित किया जा सकता है। जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पाकर बाल मज़दूरी पर भी नियंत्रण किया जा सकता है। ऐसी संस्थाओं को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, जो बाल मजदूरी का विरोध करती हैं या बाल मज़दूरी करने वाले बच्चों के लिए शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम चलाती हैं।
उत्तर 13.3:
संयुक्त परिवार की परंपरा भारत में प्राचीन काल से ही चलती आ रही है। बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं। आजकल ‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ की अवधारणा को मानते हुए एकल परिवारों का चलन बढ़ गया है, परंतु आज के समय में संयुक्त परिवार अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संयुक्त परिवार के कारण ही भावी पीढ़ी को रिश्तों तथा उनकी महत्ता का पता चलता है। इससे उनमें मिल-जुलकर रहने की भावना का विकास होता है। बड़े-बुजुर्गों के साथ रहने से नई पीढ़ी को उनका प्यार तथा जीवनोपयोगी सीख एवं अनुभव प्राप्त होता है। साथ ही, परिवार में अनुशासन एवं संयम बना रहता है। घर में बुजुर्गों के रहने से परंपरा एवं
संस्कृति के मूल तत्त्वों से रिश्ता बना रहता है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त परिवार में कुल व्यय कम हो जाता है।
अवांछनीय गतिविधियों पर अंकुश रहने के कारण परिवार के सदस्यों के चरित्र निर्माण में सहायता मिलती है, विपत्ति या आवश्यकता के समय परिवार के सदस्यों को एक-दूसरे का भावनात्मक सहयोग आदि मिलता है। इससे लोगों को अकेलेपन से मुक्ति मिलती है और वे मानसिक रूप से स्वस्थ बने रहते हैं। अतः संयुक्त परिवार आज के समय की माँग है।
उत्तर 14:
सेक्टर-34
नोएडा।
दिनांक 20 मार्च, 20XX
प्रिय मित्र सुशांत,
सप्रेम नमस्कार।
आशा करता हूँ कि आप कुशल मंगल होंगे। मुझे आपका पत्र मिला, जिसमें आपने नए घर के गृह प्रवेश के विषय में बताया। था। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि आपने नया घर ले लिया।
आपको नए भवन में प्रवेश की बधाई। यह नया आवास आपके जीवन में खुशियाँ लाए तथा आपकी सुख-समृद्धि बढ़े, ऐसी मेरी कामना है। आपका नया घर देखने की मेरी हार्दिक इच्छा थी, लेकिन मुझे एक अनिवार्य कार्यवश 20 मार्च को आगरा जाना है, इसलिए मैं गृह प्रवेश के अवसर पर उपस्थित नहीं हो सकता, लेकिन आप मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार कीजिए। मैं अन्य किसी दिन सपरिवार आकर आपको मिलकर अवश्य शुभकामनाएँ दूंगा।
आपका शुभेच्छु
मोहन
अथवा
श्रीराम छात्रावास,
दिल्ली।
दिनांक 07, अप्रैल 20XX
आदरणीय दीदी,
प्रणाम।
मैं यहाँ सकुशल हूँ तथा आशा करता हूँ कि आप सभी भी कुशलतापूर्वक होंगे। दीदी, मैं यहाँ मन लगाकर विद्यार्जन कर रहा हूँ। सभी अध्यापक विनम्र एवं दयालु हैं। यहाँ सभी स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई करते हैं, लेकिन दीदी, आजकल मन थोड़ा अप्रसन्न है, जिस कारण कभी-कभी कक्षा में मन नहीं लगता। पिछले सप्ताह जब मैं घर गया था, तब माताजी-पिताजी प्रतिदिन किसी बात पर झगड़ते रहते थे, इस कारण मुझे घुटन-सी महसूस होती थी। कभी-कभी माताजी की चिंता हो जाती है कि झगड़े को मन से न लगा लें, आप तो माताजी की भावुकता को जानती ही हो।
इसी कारणवश आज मन कक्षा में थोड़ा विचलित था। विषय पर ध्यान न देने के कारण अध्यापक ने मुझे डाँट भी लगाई, लेकिन मेरा हृदय घर की घटना में ही लीन था। अतः आपसे प्रार्थना है कि माताजी-पिताजी से इस विषय को सुलझाने के लिए वार्ता करें, तभी मैं मन लगाकर अध्ययन कर पाऊँगा।
माताजी-पिताजी को मेरा प्रणाम कहना।
आपके पत्र की प्रतीक्षा में।
आपका अनुज
अर्जुन
उत्तर 15:
- प्रस्तुत चित्र में एक वॉटर पार्क का दृश्य दर्शाया गया है।
- इस चित्र में एक स्वीमिंग पूल दिखाई दे रहा है।
- अनेक लोग पूल में तैरने का आनंद ले रहे हैं।
- चित्र में दर्शाए गए पूल में कुछ लोग समूह बनाकर बातें करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
- बहुत सारे लोग पूल के किनारे पर बैठे हुए भी दिखाई दे रहे हैं।
अथवा
- प्रस्तुत चित्र में चार अलग-अलग धर्मों हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई का प्रतिनिधित्व करते चार बच्चे दिखाई दे रहे हैं।
- एक लड़के के हाथ में तिरंगा झंडा है।
- सभी के चेहरों पर प्रसन्नता का भाव दिखाई दे रहा है।
- ये सभी आपसी-भाईचारे और सर्वधर्म समभाव का संदेश दे रहे हैं।
- अतः इस चित्र से ‘अनेकता में एकता’ हिंद की विशेषता का भाव प्रकट हो रहा है।
उत्तर 16:
शोभित पिताजी, मेरे विद्यालय के अनेक छात्र शैक्षिक भ्रमण के लिए जयपुर जा रहे हैं। मैं भी जाना चाहता हूँ।
पिताजी ये सभी बच्चे स्वयं ही योजना बना रहे हैं या फिर विद्यालय के निर्देशन में जा रहे हैं?
शोभित नहीं, नहीं, पिताजी! उन बच्चों को विद्यालय की ओर से ले जाया जा रहा है। इस शैक्षिक भ्रमण का आधा खर्च छात्र देगा और आधा विद्यालय।
पिताजी अच्छा, यदि ऐसा है तो जाओ, लेकिन हमेशा शिक्षकों की निगरानी में रहना और किसी भी प्रकार की शिकायत का अवसर मत देना।
शोभित पिताजी, आप निश्चिंत रहें। मैं अपने शिक्षकों के प्रत्येक निर्देश का पालन करूंगा।
पिताजी अच्छी बात है। तुम अपनी पूरी तैयारी कर लो और किसी चीज़ की आवश्यकता हो, तो बता देना।
शोभित धन्यवाद, पिताजी !
अथवा
अखिलेश मित्र! तुम्हें विद्यालय में होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम के विषय में कुछ जानकारी है।
महेश हाँ मित्र, मुझे ज्ञात है कि आने वाली 20 जुलाई को विद्यालय में वृक्षारोपण का कार्यक्रम होगा।
अखिलेश अच्छा! इस कार्यक्रम में क्या-क्या होता है?
महेश इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रांगण में पौधे लगाकर उनके महत्त्व के विषय में बताया जाता है।
अखिलेश क्या हम भी पौधे लगा सकते हैं?
महेश हाँ ! क्यों नहीं। अध्यापक के सहयोग से सभी कक्षाओं के छात्र इस कार्यक्रम में भाग लेकर पौधे लगाते हैं।
अखिलेश अरे वाह! यह तो बहुत अच्छी बात है। हम भी पौधे लगाकर इस कार्यक्रम में अपना सहयोग देंगे। फिर तो बहुत ही आनंद आएगा।
महेश हाँ ! बिलकुल
उत्तर 17:
अथवा
We hope the CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 4 help you. If you have any query regarding CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 4, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.