NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 रहीम के दोहे (रहीम) are part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 रहीम के दोहे (रहीम).
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 7 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 1 |
Chapter Name | हम पंछी उन्मुक्त गगन के |
Number of Questions Solved | 5 |
Category | NCERT Solutions |
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 11 रहीम के दोहे (रहीम)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
(पृष्ठ 84-85)
दोहे से
प्रश्न 1.
पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करने वाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।
उत्तर-
पाठ में वर्णित पहले और दूसरे दोहे में किसी प्रकार का उदाहरण प्रस्तुत नहीं किया गया है। दोहों में वर्णित निम्न पंक्ति
कथन है-
कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।।
विपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ॥
यानी संकट में जो हमारी सहायता करता है, वही हमारा सच्चा मित्र होता है।
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह ॥
मछली जल से अत्यधिक प्रेम करती है,
वह कभी भी जल का साथ नहीं छोड़ती जबकि जल, जाल पड़ते ही मछली को छोड़ देता है।
निम्न पंक्तियों में कथन को प्रमाणित करने के उदाहरण हैं
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान (उदाहरण)
कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहिं सुजान (कथन)-3
निस्वार्थ भावना से दूसरों का हित करना चाहिए, जैसे पेड़ अपने फल नहीं खाते, सरोवर अपना जल नहीं पीते और सज्जन
धन संचय अपने लिए नहीं करते।
थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात ॥
कई लोग गरीब होने पर भी दिखावे हेतु अपनी अमीरी की बातें करते हैं, जैसे आश्विन के महीने में बादल केवल गरजते हैं
बरसते नहीं हैं।
मनुष्य को सुख-दुख समान रूप से सहने की शक्ति रखनी चाहिए; जैसे—धरती सरदी, गरमी व बरसात सभी मौसम समान
रूप से सहती है।
प्रश्न 2.
रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर
रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से की है जो पहले कभी धनी थे और अपनी बीती बातें बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं। ऐसा कवि ने इसलिए किया क्योंकि क्वार मास के बादल बरसने वाले न होकर खोखले होते हैं ठीक वैसे ही जैसे धनी से निर्धन हो जाने वाले लोग धनहीन होते हैं। अपने इस दोहे में भी रहीम ने स्पष्ट रूप से यही कहा है कि क्वार के महीने में बादल केवल गहराते हैं, जबकि सावन के महीने में बादल जमकर बरसते हैं।
दोहों से आगे
नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उनके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए-
( क ) तरुवर फल …………… सचहिं सुजान।।
(ख) धरती की-सी …………….. यह देह।।
उत्तर
( क )
इस पंक्ति में मुख्य रूप से रहीम ने यही कहना चाहा है कि हमें निस्वार्थ भावना से दूसरों के सहायक होना चाहिए। यदि हम इस सच्चाई को अपने जीवन में उतार लें अर्थात् अपना लें तो अवश्य ही समाज का कल्याणकारी रूप हमारे सामने आएगा और राष्ट्र सुंदर छवि प्रस्तुत करेगा।
( ख)
इसमें रहीम ने शिक्षा देनी चाही है कि मनुष्य को धरती की भाँति सहनशील होना चाहिए। यदि इस सत्य को हम अपनाएँ तो हम जीवन में आने वाले सुख-दुख को सहज रूप से स्वीकार कर सकेंगे। अपने मार्ग से कभी विचलित न होंगे। ऐसा करने से हमें प्रत्येक कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित हिंदी रूप लिखिए
जैसे- परे-पड़े ( रे – डे)
बिपति, बादर, मछरी, सीत
उत्तर-
बिपति-विपत्ति, मछरी-मछली, बादर-बादल सीत-शीत।
प्रश्न 2.
नीचे दिए उदाहरण पढ़िए
( क ) बनत बहुत बहु रीत।
( ख ) जाल परे जल जात बहि।
• उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग। इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर
( क ) दावे न दवे
(ख) संपति-सचहिं सुजान
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