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Fair Play Summary in English by Tove Jansson
Fair Play by Tove Jansson About the Author
Author Name | Tove Jansson |
Born | 9 August 1914, Helsinki, Finland |
Died | 27 June 2001, Helsinki, Finland |
Artworks | Back of a Nude, Mysterious Landscape, Self-portrait, View to the Balcony, Still Life |
Fair Play Summary in English
Part I
Jumman Shaikh and Algu Chowdhry were good friends. Both were respected in the village for their good friendship. Jumman had an old aunt. She had some property. Jumman got her property transferred in his name. He promised to look after her till her last breath. But in a year or two, Jumman and his wife started ill-treating the aunt. They insulted her when they offered her food.
The aunt wanted to cook her food separately. She demanded a monthly allowance. Jumman said ‘no’ to her shamelessly.
The aunt went to every house in the village to explain her case and get support. But nobody sided with her. Some laughed at her. Even Algu hesitated to support her. He dared not go against his friend. At this, the aunt requested him to come to the panchayat at least.
Part II
The Panchayat was held under a banyan tree. Jumman asked his aunt to nominate the head Panch. She named Algu Chowdhry. Jumman felt happy. He hoped to get a favourable decision from his friend. But Algu heard the voice of his conscience. He told Jumman either to pay monthly allowance or return the property to his aunt. This decision broke all relations between the two friends.
Part III
Jumman made up his mind to take revenge. He got that chance soon. Algu had sold his bullock to Samjhu Sahu. The animal died because of Sahu’s ill-treatment. So, he refused to pay the money to Algu. Now, Algu decided to refer the case to the Panchayat. So, the Panchayat was held for a second time. At the Panchayat, Sahu nominated Jumman to act as head Panch. Jumman was a changed person now on that seat. He gave the decision in favour of Algu. He announced that Samjhu Sahu should pay Algu the price of the bullock.
Algu shouted with joy. The two became good friends again. They agreed on one point. The voice of the Panch is the voice of God’. The Panch can do no wrong.
Fair Play Summary in Hindi
Part I
जुम्मन शेख तथा अलगू चौधरी अच्छे मित्र थे। दोनों को ही उनकी घनिष्ठ मित्रता के लिये गाँव में आदर मिलता था। जुम्मन की एक बूढ़ी चाची थी। उसकी कुछ जमीन थी। जुम्मन ने उसकी सारी सम्पदा,अपने नाम करवा ली। उसने वचन दिया कि वह चाची की देखभाल अंतिम साँस तक करेगा। पर एक-दो वर्ष बीतने पर जुम्मन तथा उसकी पत्नी ने चाची के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। वे भोजन देते समय उसको अपमानित भी करते थे।
चाची ने सोच लिया कि अपना भोजन अलग पकायेगी। उसने जुम्मन से मासिक भत्ते की माँग की। जम्मन ने बेशरमी से उसे भत्ता देने से इन्कार कर दिया।
चाची गाँव के हर घर में अपनी माँग समझाने तथा समर्थन पाने के लिये गयी। परन्तु, किसी ने उसका पक्ष नहीं लिया। कुछ लोगों ने उसकी हँसी उड़ाई। अलगू ने भी समर्थन देने में आनाकानी की। उसका साहस न था कि अपने मित्र का विरोध करे। इस पर चाची ने उससे कहा कि वह कम से कम पंचायत में जरूर शामिल हो।
Part II
पंचायत बरगद वृक्ष के नीचे की गई। जुम्मन ने चाची को बोला कि सरपंच मनोनीत कर ले। चाची ने अलगू चौधरी का नाम ले दिया। जुम्मन बहुत खुश हुआ। उसे आशा थी कि उसके मित्र का निर्णय उसके पक्ष में जायेगा। पर अलगू ने अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनी। उसने जुम्मन से कहा कि या तो वह चाची को मासिक भत्ता दे या उसकी भूमि उसे लौटा दे। इस निर्णय ने दोनों दोस्तों के बीच के सभी सम्बन्ध तोड़ डाले।
Part III
जुम्मन ने भी बदला लेने की ठान ली। उसे वह अवसर भी शीघ्र मिल गया। अलगू ने अपना एक बैल समझू साहू को बेचा था। वह जानवर साहू के क्रूर व्यवहार के कारण मर गया। फिर उसने अलगू को पैसा देने से इन्कार कर दिया। अलगू ने इस मामले को पंचायत में रखने का निर्णय कर लिया। एक बार फिर पंचायत लगी। पंचायत में साहू ने जुम्मन का नाम सरपंच के लिये प्रस्तावित किया। सरपंच की सीट पर बैठते ही जुम्मन का हृदय परिवर्तन हो गया। उसने निर्णय अलगू के पक्ष में दिया। उसने समझू साहु से कहा कि उसे बैल का पैसा अलगू को चुका देना चाहिए।
अलगू खुशी से झूम उठा। दोनों व्यक्ति पुनः घनिष्ठ मित्र बन गये। वे एक बात पर सहमत हो गये कि पंच के मुख से परमात्मा की आवाज़ निकलती है। पंच कभी गलत निर्णय नहीं दे सकता।