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The Friendly Mongoose Summary Class 6 English A Pact With the Sun
The Friendly Mongoose Summary in English
Once there lived a farmer and his wife in a village. They had a small son. They wanted to have a pet to give company to their son.
One evening the farmer brought home a little mongoose. Both the baby and the mongoose grew together. The animal grew to its full size in six months. The baby was still kept in a cradle.
One day the farmer’s wife decided to go for shopping. She rocked the baby to sleep in the cradle. She told her husband to keep an eye on the baby. She. in fact, did not like to leave the child alone with the mongoose.
The farmer told her not to worry. He said that the baby and the mongoose were good friends. The wife went away to the bazar. The farmer also went out to look after his fields. He met some friends there and returned home a little late.
The farmer’s wife came back home with a basket. It was heavy with food items. The mongoose was sitting outside, waiting for her. He ran as usual to welcome her. But she was shocked to see blood on his face and paws. She cursed the animal for killing her baby. In anger, she dropped the heavy basket on him. The mongoose died.
She ran inside to see the child’s cradle. The baby was fast asleep. But on the floor lay a snake. It had been killed by the mongoose.
At once she realised her mistake. The mongoose had, in fact, killed the snake to save the baby. She started crying. But it was too late. Her rash action had killed the innocent and friendly mongoose.
The Friendly Mongoose Summary in Hindi
एक समय एक किसान अपनी पत्नी के साथ एक गाँव में रहता था। उनका एक छोटा बेटा था। वे चाहते थे कि किसी जीव को पालतू बना लिया जाये ताकि वह उनके बेटे का साथी बन जाये।
एक शाम किसान अपने साथ एक छोटा नेवला ले आया। बच्चा तथा नेवला साथ-साथ बड़े होने लगे। नेवला तो छह माह में पूरा आकार ले गया। बच्चा अभी भी पालने में रखा जाता था।
एक दिन किसान की पत्नी ने खरीदारी करने का मन बनाया। उसने बच्चे को पालने में सुला दिया। उसने पति को बच्चे की देखभाल करते रहने को कहा। वास्तव में वह बच्चे को नेवले के साथ अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी।
किसान ने उससे कहा कि चिन्ता मत करो। उसने बताया कि बच्चा तथा नेवला अच्छे मित्र हैं। पत्नी बाज़ार चली गई। किसान भी अपने खेतों की देखभाल करने हेतु निकल गया। उसे वहाँ कुछ मित्र मिल गये तथा वह थोड़ी देर से घर लौटा।
किसान की पत्नी टोकरी लेकर घर लौटी। वह खाद्य सामग्री से भरी होने के कारण वजनी हो गई थी। नेवला घर के बाहर बैठा था मानो उसकी प्रतीक्षा कर रहा हो। वह पूर्ववत उसक स्वागत करने के लिये दौड़कर गया। पत्नी नेवले के चेहरे और पंजों पर रक्त के धब्बे देखकर सन्न रह गई। उसने नेवले को बच्चे का हत्यारा समझकर खूब कोसा। क्रोध में आकर उसने भारी टोकरी उसके सिर पर पटक दी। नेवला मर कर ढेर हो गया।
पत्नी घर के अन्दर बच्चे के पालने के पास दौड़कर गई। बच्चा गहरी नींद में सो रहा था। पर फर्श पर एक साँप पड़ा था। उसे नेवले ने मार डाला था।
तुरन्त पत्नी को अपनी गलती का एहसास हो गया। वास्तव में नेवले ने बच्चे की रक्षार्थ साँप को मारा था। पत्नी विलाप करने लगी। पर अब तो समय हाथ से निकल चुका था। उसकी जल्दबाजी ने निर्दोष तथा मैत्रीपूर्ण नेवले की जान ले ली थी।