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The Desert Summary Class 7 English An Alien Hand
The Desert Summary in English
A desert is generally a place without water and vegetation. The popular belief is that it is an area of endless sand with no greenery, dry, hot and without shade. But this belief is not all correct. The desert can be a beautiful place, a home of many people, animals and plants. When it rains, desert flowers bloom.
A desert is not just a sandy wasteland. It may have mountains and even a greenland, called oasis. An oasis takes shape around a spring or well. A desert may be hot like the Thar or cold like Ladakh. Strong winds raise heaps of sand and deposit them as mounds. These are called sand dunes.
All living things including plants and animals, need water to survive. But desert creatures and plants require less water than green land plants. Camels can do without water for days together. The reason is that they sweat very little. Human beings sweat when it gets hot. The sweat cools the body. Camels can stand high body temperature.
The smaller desert plants, such as cactus store water in their thick stems. They quickly absorb moisture even from the light rains.
The major feature of all deserts is dryness and variations in temperature. Since there is no moisture in the air, the desert heats up repidly during the day and also cools off rapidly at night.
Deserts have their own importance. They are part of nature’s plan. One should not call them useless.
The Desert Summary in Hindi
मरुस्थल आमतौर से एक सखा और बिना पेड पौधों का स्थान होता है। आम धारणा यह है कि वहां अंतहीन रेत होती है. कोई हरियाली नहीं होती, सूखा, गर्म तथा छायारहित स्थान होता है। पर यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है। मरुस्थल एक सुन्दर स्थान भी हो सकता है जहाँ अनेक प्रकार के लोग, पशु तथा पौधे पाए जाते हैं। जब वर्षा होती है तो रेगिस्तानों में फूल खिल जाते हैं।
मरुस्थल मात्र रेतीला बंजर प्रदेश नहीं होता । उसमें पर्वत हो सकता है तथा हरे-भरे मरुद्यान भी। मरुद्यान वहीं जन्म लेता है जहाँ कोई झरना या कुँआ मिल जाता है। मरुस्थल थार की भाँति गर्म प्रदेश हो सकता है और लद्दाख की भाँति ठण्डा। हवा वहाँ ढेरों रेत उड़ाकर उन्हें टीलों के रुप में जमा देता है। इन्हें रेत के टीले कहा जाता है।
सभी जीवंत चीजें चाहे पेड़ पौधे हों या पशु, पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते। पर हरियाली भूमि के पौधों की तुलना में रेगिस्तानी जीवों और पौधों का काफी कम पानी से काम चल जाता है। ऊँट तो कई दिनों तक बिना पानी पिये रह जाते हैं। कारण यह है कि इनका पसीना कम निकलता है। मनुष्यों को गर्मी से पसीना बहने लगता है। पसीना शरीर को ठण्डा रखता है। ऊँट अत्यधिक शारीरिक तापमान सह सकता है।
रेगिस्तान के छोटे पौधे जैसे कैक्टस अपने मोटे तने में जल जमा रखते हैं। वे हल्की-फुल्की वर्षा से भी नमी ले लेते हैं।
सभी मरुस्थलों की मुख्य विशेषताएं होती है उनका सूखापन और उनके तापमान में बदल कि हवा में वहां नमी नहीं होती, इस कारण मरुस्थल दिन के समय शीघ्र गर्म हो जाते हैं और रात को शीघ्र ठंडा।
रेगिस्तानों का अपना महत्त्व है। वे प्रकृति की परियोजना के अंग हैं। हमें उन्हें अर्थहीन या अनुपयोगी नहीं कहना चाहिये।