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Princess September Summary in English by Somerset Maugham
Princess September by Somerset Maugham About the Author
Author Name | William Somerset Maugham |
Born | 25 January 1874, Paris, France |
Died | 16 December 1965, Nice, France |
Short stories | The Ant and the Grasshopper, The Verger |
Movies | The Painted Veil, Quartet, Trio, The Razor’s Edge |
Princess September Summary in English
The King and Queen of Siam had many daughters. In order to avoid confusion, the King called the princesses by the name of the months like January, February, March etc. The last daughter was named September.
The King of Siam had a peculiar habit. Instead of accepting birthday gifts, he used to give everyone gifts. One year on his birthday, he gave each one of the princesses a green parrot in a golden cage. The princesses taught the bird to say; “God save the king; some of the parrots would say, “Pretty polly’ in seven oriental languages.
One day Princess September found her parrot lying dead. She burst into tears. The Queen called her crying nonsense and put her to bed without any supper. Princess September was woken up by the song of a little bird. He (bird) flew into her room and sang beautifully. Princess September forgot crying. She agreed to have it in place of her dead parrot.
When the princess awoke the next day, the little song bird was still there and he said ‘Good morning!’ He ate rice out of her hand. Everybody was surprised to see that. Princess September decided to show her bird to her eight sisters. For each of them the bird sang a different song. The parrots could only say “God Save the King’. The King and the queen were also surprised and delighted to hear the bird’s song.
The King had got tirecPof hearing those parrots say “Pretty Polly’.
All the eight princesses were worried now. The parrots also looked sad. Only Princess September ran in the palace singing like a lark.
The jealous sisters took a nasty decision. They pointed out to their youngest sister that she should put her bird into a cage lest he should fly away for good.
The little bird came late that evening. September’s worry was about his safety from hawks and the hunter’s traps. So as he came, she pushed him into a cage and shut the door. The bird was taken aback. He hoped that he would be set free in the morning. But he cried in vain for liberty. As a result, he lost his singing talent. He refused to eat anything.
The next day September found the bird lying with his eyes closed. He looked as if he were dead. Seeing his condition, she agreed to let him leave the golden cage. And the bird promised to return to her every day and sing to her. Her sisters made fun of her. They said he would never return. But he did, at last. And he sat on September’s shoulder and ate out of his hand and sang her the beautiful songs he had learned.
September kept her window open all day and night for the bird to fly in and out. Fresh air from the open window made the princess extremely beautiful. She was married to the king of Cambodia. But her sisters who kept the windows shut, grew ugly as well as unpleasant. So they were married away with the King’s ministers.
Princess September Summary in Hindi
स्याम देश के राजा तथा रानी की अनेकों बेटियाँ हुई। उनका नाम याद रखने की कठिनाई के कारण राजा ने राजकुमारियों का नाम महीनों के नाम जैसे जनवरी, फरवरी और मार्च आदि पर रखा। अंतिम बेटी का नाम सितम्बर रखा गया।
स्याम के राजा की एक विचित्र आदत थी। अपने जन्मदिन पर उपहार लेने की बजाय वह हर किसी को उपहार दिया करता था। एक साल अपने जन्मदिन के अवसर पर उसने हर राजकुमारी को एक-एक हरा तोता सोने के पिंजरे में बंद भेंट किया। बेटियों ने उन तोतों को सात भाषाओं में यही सिखाया कि ‘परमात्मा राजा को उनके जन्मदिन पर लम्बी आयु प्रदान करें’ अथवा ‘सुन्दर पोली’।
एक दिन राजकुमारी सितम्बर ने अपने तोते को मृत पाया। वह रो पड़ी। रानी ने उसे उसकी मूर्खता कहा तथा उसे भूखा ही सुला दिया। सितम्बर एक छोटे पक्षी के गाने के कारण जग गई। उसने एक छोटे गायक पक्षी को कमरे में प्रवेश करते देखा तथा उसका गाना सुना। वह रोना भूल गई। वह उसे अपने मृत तोते के स्थान पर रखने को सहमत हो गई।
जब वह अगली प्रातः जगी तो पक्षी को कमरे में ही पाया और पक्षी ने ‘सुप्रभात’ कहकर उसका अभिवादन किया। उसने उसके हाथ से चावल खाया। हर कोई यह देखकर दंग रह गया। सितम्बर ने सोचा कि अपने पक्षी को वह अपनी आठ बहनों को भी दिखाये। उनमें से प्रत्येक के लिये पक्षी ने एक नया गाना गाया। तोते तो केवल ‘परमात्मा! राजा की रक्षा करें ही कह पाते थे। पक्षी का गीत सुनकर राजा तथा रानी आश्चर्यचकित तथा आनन्दित हुए।
राजा तथा रानी का मन उन तोतों का गायन (सुन्दर पोली शब्द) सुनकर ऊब गया था।
सभी आठों राजकुमारियाँ अब चिन्तित हो गईं। तोते भी उदास हो गये। केवल राजकुमारी सितम्बर ही महल में लार्क पक्षी की भाँति गाती हुई दौड़ती रही।
ईर्ष्यालु बहनों ने एक गंदा निर्णय लिया। उन्होंने अपनी सबसे छोटी बहन को समझाया कि अपने पक्षी को पिंजरे में बंद करके रखो, कहीं वह सदा के लिये ही चला न जाये।
छोटा पक्षी उस शाम देर से लौटा। सितम्बर को चिन्ता हो गई कि कहीं वह बाज पक्षी का शिकार अथवा शिकारी के जाल में न फंस गया हो। अतएव जैसे ही पक्षी आया, सितम्बर ने उसे पिंजरे में धकेल कर दरवाजा बंद कर दिया। पक्षी हैरान रह गया। उसे आशा बनी रही कि प्रात: उसे मुक्त कर दिया जायेगा। पर वह अपनी आजादी के लिये निष्फल रोता चिल्लाता रहा। परिणामस्वरुप वह अपनी गायन कला भूल गया। उसने भूख हड़ताल भी करें दी।
अगले दिन सितम्बर ने पक्षी की आँखें बंद देखीं तथा उसे लेटे हुए पाया। उसकी हालत देखकर सितम्बर उसे सोने के पिंजरे से मुक्त करने के लिए राजी हो गई। पक्षी ने वचन दिया कि हर दिन वह उसके पास लौटकर आयेगा और गीत गाया करेगा। सितम्बर की बहनें उसका मजाक उडाने लगीं। वे बोलीं कि पक्षी कभी भी लौट कर नहीं आयेगा। पर अंतत: वह लौट आया। वह सितम्बर के कंधे पर बैठा और उसके हाथों से खाना खाया फिर उसके लिए गाना भी गाया।
सितम्बर अपने कमरे की खिड़की रात दिन खोले रखती ताकि पक्षी इच्छानुसार आये जाये। खुली खिड़की से आती ताजी हवा ने राजकुमारी को अति सुन्दर बना दिया। इस कारण उसका विवाह कम्बोडिया के राजा से हो गया। पर उसकी बहनें जो अपनी खिड़कियाँ बंद करके सोती थी कुरुप हो गई तथा बद मिजाज भी। इसीलिए, उनका विवाह राजा के मंत्रीगणों से कर दिया गया।