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A Strange Wrestling Match Summary in English by Indira David
A Strange Wrestling Match Summary in English
Part I
Vijay Singh was a famous wrestler. He was tall like a giant. He had big shoulders and muscular arms. He was a bom wrestler.
But Vijay Singh had one weakness. It often pushed him into trouble. He was given to self praise and tall talks. He once said that he was not afraid of ghosts. He wished to face a ghost and teach him a lesson.
A man guided him to the Haunted Desert. That place was ten miles on the road to Jaisalmer. The ghosts had often looted and killed travellers.
Vijay Singh accepted the challenge. He got ready to set out west. An old woman came forward and put a packet into his hands. It contained an egg and a piece of salt. The old woman was known to be crazy.
As Vijay Singh entered the Desert, he heard the voice of a ghost. He called himself, Vijay’s friend, Natwar. Vijay Singh tried to be brave. He called the ghost to come out of the darkness. Looking into Natwar’s face, Vijay Singh called him a weak liar. He showed no signs of fear. The ghost felt insulted.
Part II
Vijay Singh proceeded to test the ghost’s strength. He offered him a piece of stone and asked him to squeeze the liquid out of it. The ghost tried hard but failed. Vijay Singh secretly crushed the egg and the yellow part flowed out. He gave the ghost another piece of rock td crush. The ghost failed the test again. Vijay Singh crushed the lump of salt. The powder tasted saltish.
The ghost then planned to kill Vijay Singh secretly. He took Vijay Singh to his cave and offered him a luxurious bed to sleep on, complete with pillows. Vijay Singh saw through the ghost’s trick. He put a round pillow on the bed and he sat himself in a comer. The ghost at break of day struck the pillow seven times. He was happy now. He thought he had killed his enemy.
Vijay Singh then returned to his bed. He began to groan as if in disgust. The ghost was shocked to hear the noise. Vijay Singh told the ghost that his cave was filled with insects. He was sleeping soundly when that insect came to trouble him. The ghost got panicked and fled. Vijay Singh returned to his village with all the treasure left behind by the ghost. He married the old woman’s grand-daughter. He gave up boasting. No traveller was thereafter looted or killed in the Hauntejd Desert.
A Strange Wrestling Match Summary in Hindi
Part I
विजय सिंह एक प्रसिद्ध पहलवान था। वह किसी दानव की भाँति लम्बा था। उसके कंधे विशाल तथा बाजू मांसल थे। वह जन्मजात पहलवान था।
पर विजय सिंह की एक कमजोरी थी। यह अवगुण उसे अक्सर संकट में डाल देता था। वह आत्मप्रशंसा करता था, डींग मारा करता था। एक बार वह बोला, “मैं भूतों से नहीं डरता। काश मेरा मुकाबला किसी भूत से हो जाये और मैं उसे सबक सिखा
एक व्यक्ति ने उसे भूतहा मरुस्थल में जाने की सलाह दी। वह स्थान जैसलमेर सड़क से दस मील दूर था। भूत अक्सर यात्रियों को लूट लेते तथा मार देते थे।
विजय सिंह ने चुनौती स्वीकार कर ली। वह पश्चिम की ओर जाने को तैयार हो गया। एक वृद्धा ने आगे बढ़कर उसके हाथ में एक पोटली थमा दी। इसके अन्दर एक अण्डा तथा एक नमक का टुकड़ा था। वह औरत पागल मानी जाती थी।
जैसे ही विजय सिंह ने मरुस्थल में प्रवेश किया, उसे किसी प्रेतात्मा की आवाज़ सुनाई दी। उसने अपनी पहचान बताई – “तुम्हारा मित्र नटवर।” विजय सिंह ने बहादुरी दिखाई। उसने भूत को कहा कि अँधेरे से बाहर आओ। नटवर का चेहरा देखकर विजय सिंह ने कहा, “तुम तो एक कमजोर झूठ बोलने वाले हो।” उसके चेहरे पर भय का कोई चिन्ह (उसके चेहरे पर) न था। भूत ने अपमानित महसूस किया।
Part II
विजय सिंह ने भूत की ताकत की परीक्षा ली। उसने भूत को पत्थर का एक ढेला दिया और कहा इसे दबाकर इसके अन्दर का तरल पदार्थ बाहर निकाल कर दिखाओ। भूत ने पूरा प्रयत्न किया परन्तु असफल रहा। विजय सिंह ने चुपके से अण्डे को मसलकर उसमें से पीली ज़र्दी बाहर निकाल दी। फिर उसने भूत को दूसरा पत्थर दिया और उसे चूरा करने को बोला। भूत पुनः असफल रहा। विजय सिंह ने नमक के ढेले को मसल दिया। चूरा चखने में नमकीन था।
फिर भूत ने विजय सिंह की छलकपट से हत्या करने की सोची। वह विजय सिंह को अपनी गुफा में ले गया तथा उसे बिस्तर पर लिटा दिया। विजय सिंह ने भूत की नीयत भाँप ली। उसने पलंग पर गावतकिया रखकर चादर डाल दी। वह स्वयं एक कोने में दुबक कर बैठ गया। भोर में भत ने उस मसनद पर सात बार प्रहार किया। अब वह प्रसन्न था। उसने सोच लिया कि उसने शत्रु को मार डाला था।
फिर विजय सिंह अपने बिस्तर पर लौट आया। वह जोर-जोर से कराहने लगा। प्रेत को हैरानी हुई आवास सुनकर। विजय सिंह ने प्रेत को बताया कि उसका गुफा कीड़ों से भरा है। वह अच्छी नींद सो रहा था कि तभी एक कीड़ा आकर उसे तंग करना शुरु कर दिया। प्रेत घबरा गया और वहां से भाग खड़ा हुआ। विजय सिंह, भूत द्वारा छोड़ा हुआ सारा खजाना लेकर गाँव लौट आया। उसने वृद्धा की पोती से विवाह कर लिया। उसने डींग मारना बंद कर दिया। उसके पश्चात फिर किसी यात्री को उस भुतहा मरुस्थल में लूटा या मारा नहीं गया।’