Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 2 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 2 with Solutions
Time Allowed: 2 Hours
Maximum Marks: 40
सामान्य निर्देश :
- प्रश्न-पत्र में दो खण्ड हैं-खण्ड ‘क’ और ‘ख’।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं, यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए ।
- लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 3 प्रश्न हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए |
- खण्ड ‘ख’ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खण्ड ‘क’ [20 अंक]
(पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 4 = 8)
(क) देवदार की छाया और फादर कामिल बुल्के के व्यक्तित्व में क्या समानता थी?
उत्तरः
देवदार की छाया शीतल और मन को शान्त करने वाली होती है। फादर कामिल बुल्के की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी क्योंकि फादर मानवीय करुणा से ओत-प्रोत विशाल हृदय वाले और सभी का कल्याण चाहने वाले व्यक्ति थे। वे एक बड़े व्यक्ति से समान सभी को अपना संरक्षण प्रदान करते थे। ‘परिमल’ के सभी सदस्यों के पारिवारिक उत्सवों में वे सभी को अपने आशीर्वादों से भर देते थे। उनकी आँखों में वात्सल्य का भाव भरा रहता था जिसे देखकर लोगों को लगता था की वे देवदार की छाया में निश्चिन्त खड़े हैं |
(ख) नवाब साहब द्वारा लेखक से बातचीत की उत्सुकता न दिखाने पर लेखक ने क्या किया?
उत्तरः
नवाब साहब द्वारा लेखक से बातचीत की उत्सुकता उस समय नहीं दिखायी जब वह डिब्बे में आया। लेखक ने इस उपेक्षा का बदला उपेक्षा से दिया। उसने भी नवाब साहब से बातचीत की उत्सुकता नहीं दिखाई और नवाब साहब की ओर से आँखें फेर लीं। यह लेखक के स्वाभिमान का प्रश्न था, जिसे बह बनाए रखना चाहता था।
(ग) ‘लगनवी अंदाज़’ पाठ में नवाब साहब के माध्यम से नवाबी परम्परा पर व्यंग्य है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के द्वारा लेखक ने पतनशील सामंती वर्ग पर व्यंग्य किया है। ऐसे लोगों के लिए जीवन की वास्तविकता से दूर रहकर कृत्रिमता को अपनाना बड़े ही गर्व की बात होती है। वास्तव में ये अनुचित है। खीरे की सुगंध मात्र से तृप्ति होना दिखावा ही है। इससे उनकी सामंती होना नहीं बल्कि पतनशीलता की ओर अग्रसर होना झलकता है।
(घ) फादर बुल्के की यातना भरी मृत्यु पर लेखक के मन में किस प्रकार के भाव उत्पन्न हुए और क्यों?
उत्तरः
लेखक फादर बुल्के की यातना भरी मृत्यु से आहत थे। उनके मन में यह प्रश्न उभर रहा था कि दूसरों के प्रति जिसके हृदय में मात्र करुणा थी, द्वेष जिसे छू तक न गया था। ऐसे महात्मा पुरुष के लिए ज़हरबाद से यातना भरी मृत्यु का विधान क्यों?
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) लड़की की माँ की चिन्ता के क्या कारण थे?
उत्तरः
लड़की की माँ की चिंता के निम्नलिखित कारण थे:
- लड़की अभी समझदार नहीं थी।
- लड़की को ससुराल के सुखों की ही समझ थी दुखों की नहीं।
- लड़की दुनिया की छल-कपट एवं शोषण की मनोवृत्ति से अनभिज्ञ थी।
- लड़की को ससुराल एवं जीवन पथ पर आने वाली कठिनाइयों का ज्ञान न था।
(ख) ‘उत्साह’ कविता में कौन विकल और उन्मन थे और क्यों?
उत्तरः
‘उत्साह’ कविता में अधिक गर्मी से धरती तप्त थी। यहाँ के लोग गर्मी से विकल और अनमने थे क्योंकि यहाँ पर वर्षा नहीं हुई थी। उनका किसी काम में मन नहीं लग रहा था। वे शीतलता चाहते थे। ताप व गर्मी के कारण तप्त प्यासे जन-मानस को बादलों का ही सहारा था।
(ग) ‘उत्साह’ कविता में मुख्य रूप से कौन-सा भाव व्यक्त हुआ है?
उत्तरः
‘कन्यादान’ कविता की प्रमुख विशेषता है कि इसमें माँ ने अपनी बेटी को परंपरागत आदर्श रूप से अलग होकर जीने की शिक्षा दी है। समाज में स्त्री के विशेष प्रतिमान गढ़ कर उसे एक बंधन में बाँध लिया जाता है। कविता में माँ ने अपने संचित अनुभवों को अभिव्यक्त करते हुए अपनी बेटी को शोषण का विरोध करने की प्रेरणा दी है।
(घ) ‘अट नहीं रही है’ कविता के अनुसार बताइए कि बसंत किस प्रकार अन्य ऋतुओं से भिन्न हैं?
उत्तरः
बसंत में चारों ओर बासंती बयार छाई हुई होती है। पेड़-पौधे नव पल्लवों और पुष्पों से लदे हुए होते हैं। पुष्प सुगन्ध वातावरण को महका रही होती है। जन-मानस प्रफुल्लित रहता है और पशु-पक्षी के हृदय में नव उत्साह का संचार होता रहता है। ऐसा किसी अन्य ऋतु में नहीं होता।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (3 × 2 = 6)
(क) सरकारी तंत्र में नाक को लेकर जो बदहवासी दिखाई देती है। वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है?
उत्तरः
सरकारी तंत्र में जो नाक को लेकर जो बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी गुलामी की मानसिकता को दर्शाती है। आज आज़ादी के बाद भी हम मानसिक रूप से उनके ही गुलाम हैं जिन्होंने वर्षो तक हमें गुलाम बनाकर अनेक अत्याचार किए। आज़दी के इतने समय बाद भी हम उस दासता की मानसिकता को स्वयं से अलग नहीं कर पाए हैं।
(ख) लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?
उत्तरः
लोंग स्टॉक में एक कुटिया में घूमता हुआ चक्र था जिसके बारे में जितेन नार्गे ने लेखिका को बताया कि यह धर्म चक्र यानि प्रेयर व्हील है। यहाँ के लोगों की मान्यता है कि इसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते है। जब लेखिका ने यह सुना तो उन्हें लगा कि चाहे मैदान हो या पहाड़ तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद भी इस देश की आत्मा एक सी है। धर्म के बारे में लोगों की आस्था और विश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणा और कल्पना सारे देश में एक समान ही है।
(ग) ‘माता का आंचल’ पाठ में निहित जीवन-मूल्यों की चर्चा कीजिए।
उत्तरः
‘माता का अंचल’ पाठ वात्सल्यता से परिपूर्ण है। सबसे बड़ा जीवन मूल्य तो इसमें माता-पिता का बच्चे के प्रति दर्शाया गया प्रेम है। अपने बच्चे को पालन-पोसने में एक माँ अपने सारे सुख न्योछावर कर देती है और पिता उसे आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी बनाने के लिए अपना सारा प्यार उस पर लुटा देता है। माता-पिता बच्चे के सुख में सुखी होते हैं और उसके दुःख में दुखी। ये सब माता-पिता के वात्सल्य, प्रेम, त्याग और तपस्या पर आधारित होता है जो आगे चलकर बच्चों को अपने माता-पिता की सेवा के लिए तैयार करता है।
खण्ड ‘ख’ [20 अंक]
(रचनात्मक लेखन)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (5)
(क) स्वच्छ भारत-एक कदम स्वच्छता की ओर संकेत बिन्दु
- प्रस्तावना
- स्वच्छता का महत्व
- भारत की स्थिति
- उपसंहार
उत्तरः
स्वच्छता स्वास्थ्य की जननी है। स्वच्छ भारत अभियान गत कुछ वर्षों से चलाया गया है। अनेक प्रमुख व्यक्तियों व संस्थाओं को स्वच्छ भारत अभियान को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध हमारे स्वास्थ्य से है। यदि हम स्वच्छता के नियमों का पालन करेंगे तो हमारा जीवन स्वस्थ बनेगा। जहां गंदगी होगी वहां बीमारी होगी। स्वास्थ्य पर्यावरण निर्माण के लिए स्वच्छता को जीवन का अनिवार्य अंग बनाना होगा। इस दिशा में अपर्याप्त चेतना तो जागृत हो गई है पर आवश्यकता है अपनी आदतों को बदलने की। बच्चों तक को इसकी पूरी समझ है।
वे बड़ों को स्वच्छ करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्वच्छ रहकर हम स्वच्छता का पालन शरीर से लेकर पर्यावारण के सभी स्तरों पर कर सकते हैं। हमें भारत को स्वच्छ बनाकर विश्व में इसकी छवि को सुधारना है इसके लिए लोगों में जन चेतना जगानी होगी तभी ‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’ का संकल्प पूरा हो सकेगा। भारत सरकार देश के प्रत्येक भाग को स्वच्छ बनाने की दिशा में तेजी से कदम बड़ा रही है। हमारा कर्तव्य है कि हम गंदगी को दूर करें और अधिक मात्रा में पेड़ लगाएं व प्रदूषण मुक्ति की ओर बढ़ते जाएं।
(ख) ऊर्जा की बढ़ती माँगः समस्या और समाधान
संकेत बिन्दु
- प्रस्तावना
- ऊर्जा के पारम्परिक स्रोतों का समाप्त होना
- ऊर्जा पर निर्भरता
- उपसंहार
उत्तरः
आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। ऊर्जा काम करने की क्षमता है और यह जीवन प्रक्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है। ऊर्जा भण्डार को ईधंन भी कहा जाता है। एक ओर संसाधनों के रूप में ऊर्जा की खपत बढ़ रही है तो दूसरी ओर मानवीय ऊर्जा भी बहुतायत में इस्तेमाल हो रही है। मानव इतिहास के प्रारंभिक दौर में इंसानों की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताएं खाना पकाने तक ही सीमित थी। आज की अधिकांश ऊर्जा जीवाश्म ईंधन से आती है। लेकिन जीवाश्म ईंधन से नुकसान होता है कि वे मानव समय के पैमाने पर अपरिवर्तनीय होते हैं और पर्यावरण पर अन्य हानिकारक प्रभाव डालते हैं।
किसी घटना में सभी ऊर्जा स्रोतों के शोषण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रत्येक सौर ऊर्जा के संभावित अपवाद के साथ समाग्रियों पर भरोसा करते हैं। अनवीकरणीय संसाधन की बात करें तो पहले हम विभिन्न संसाधनों के भण्डार को देखते हैं। पूरा ध्यान दें कि यूरेनियम और कोयला प्रचुर मात्रा में दिखाई देते हैं परन्तु वर्तमान काल में ज्ञात तेल भण्डार की संभावना 2050 और 2150 के बीच कभी खत्म हो सकती है। भविष्य में ऊर्जा संसाधनों में विशाल पर्यावरण राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव हैं, जो विश्व व्यवस्था को बदल सकते हैं, फिर भी ऊर्जा संसाधनों के भूगर्भिक पहलू एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। ऊर्जा के साधन सीमित नहीं है इसलिए इनका प्रयोग विवेकपूर्ण होना अति आवश्यक है।
(ग) सामाजिक संजाल (सोशल नेटवर्किंग): वरदान या अभिशाप संकेत बिन्दु
- नेटवर्किंग के लाभ
- नेटवर्किंग की हानि
- उपसंहार
उत्तरः
व्यक्तियों अथवा संगठनों को जोड़ने वाली संरचना सामाजिक संजाल या सोशल नेटवर्किंग कहलाती है। सोशल नेटवर्किंग एक सामाजिक ढांचा है। आज समाजिक संजाल से संपूर्ण मानव जाति प्रभावित है। मित्र बनाना, मित्रता वापस लेना, पसंद करना, न पसंद करना, अनुसरण करना, अनुसरण बंद करना, समूह बनाना, आर्थिक लेन-देन और खरीदारी जैसे अनेक कार्य है जो सामाजिक नेटवर्क पर अधिकतर किए जाते हैं। अनेक क्षेत्रों में हुए अनुसांधन से यह बात सिद्ध हो गई है कि सामाजिक नेटवर्क परिवार से लेकर आज तक के अनेक स्तरों पर काम करता है। जिन समस्याओं को हल करना है, संस्थाएँ चलानी है, अपने लक्ष्यों को पाने की दिशा में आगे बढ़ना है आदि में सामाजिक नेटवर्किंग का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अपने सरलतम रूप में सामाजिक नेटवर्किंग अध्ययन की जा रही सभी नोटों के बीच उपस्थित सभी सम्बन्धों का प्रति चित्रण है।
इसमें ज्ञान बंधन के सारे कार्य आते हैं जो संस्थाओं द्वारा ज्ञान को पहचानने, उसे एक रूप से प्रदर्शित करने तथा उसके वितरण से संबन्ध रखते हैं। सोशल नेटवर्किंग के जहां अनेक लाभ हैं वहीं कुछ खामियां भी हैं। हमारा समाज उन्हें महसूस कर ही रहा है। किसी व्यक्ति को धमकाना, पोस्ट करना, पीड़ित व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक करने आदि की घटनाएं हो रही हैं। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। समाजिक संजाल अपने आप में जितना खूबसूरत है उतना ही हानिकारक है इसलिए हमें इसका विवेक पूर्ण प्रयोग करना चाहिए।
प्रश्न 5.
आपकी कक्षा के कुछ छात्र छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को सताते हैं। इस समस्या के बारे में प्रधानाचार्य जी को पत्र लिखकर बताइए और कोई उपाय भी सुझाइए।
अथवा
आज दिन-प्रतिदिन सूचना और संचार माध्यम लोगों के बीच लोकप्रिय होते जा रहे हैं। ऐसे में पत्र-लेखन पीछे छूटता जा रहा है। पत्र-लेखन का महत्त्व बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए | (5)
उत्तरः
प्रधानाचार्य महोदय,
क ख ग विद्यालय
नई दिल्ली।
दिनांक 25 जनवरी 20XX
विषय-छात्रों के आपत्तिजनक व्यवहार की सूचना ।
मान्यवर,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपका ध्यान छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों की प्रमुख समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ।
हमारे विद्यालय की बड़ी कक्षाओं (नवीं से बारहवीं) के कुछ विद्यार्थी छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों को प्रायः सताते रहते हैं। ये छोटे बच्चे उनके अन्याय एवं गलत व्यवहार का विरोध नहीं कर पाते हैं। स्वयं को बड़ा कहने वाले ये विद्यार्थी छोटे बच्चों से उनके पैसे छीन लेते हैं, उनका खाना खा जाते हैं तथा उनसे मनमाना व्यवहार करवाते हैं। अधिकांश शिक्षक उनके विरुद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही भी नहीं करते। इससे उनके हौंसले बढ़े हुए हैं। मुझे यह बात बहुत कचोटती है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप ऐसे उद्दण्ड विद्यार्थियों का पता लगायें तथा उन्हें पहले समझाने का प्रयास करें अन्यथा सख्ती से पेश आयें। अभिभावकों को भी विद्यालय में बुलवाया जाये, ताकि उन्हें इनकी हरकतों से अवगत कराया जा सके। आशा है आप इस दिशा में उचित कदम उठायेंगे। आपका आज्ञाकारी शिष्य
क, ख, ग
कक्षा-दसवीं
(सचिव, छात्रसंघ)
अथवा
मॉडल टाउन
नई दिल्ली।
दिनांक 25 जनवरी 20XX
प्रिय मित्र,
सप्रेम नमस्ते।
तुम्हारा पत्र मिला | समाचार ज्ञात हुए। जानकर खुशी हुई कि तुम सपरिवार कुशल हो। ये बातें पत्र में पढ़कर अलग ही अहसास हुआ। अब तो पत्र लिखने की बात पुरानी होती चली जा रही है। अब नित्य नये-नये सूचना और संचार माध्यम लोगों के बीच लोकप्रिय होते चले जा रहे हैं और पत्र लिखना पीछे छूटता जा रहा है। एक छोटा-सा मैसेज या ई-मेल भेजकर काम चला लिया जाता है। पर यह भावना शून्य लगता है, व्यावसायिक प्रतीत होता है। इसमें सिर्फ मतलब की कामकाजी भाषा का प्रयोग होता है।
इन माध्यमों में पत्र-लेखन जैसी सन्तुष्टि की अनुभूति नहीं होती। पत्र लिखने में आत्मीयता झलकती है। पत्र पाकर जो सुखानुभूति होती है वह किसी अन्य साधन से नहीं हो सकती। पत्र-लेखन एक स्थायी माध्यम भी है। अनेक महापुरुषों के पत्र अभी तक सुरक्षित हैं तथा वे प्रेरणादायक भी हैं। मुझे तो पत्र लिखना ही अच्छा लगता है। मैं तुम्हें बराबर पत्र लिखता रहूँगा और आशा करता हूँ कि तुम भी पत्र लिखकर जवाब दोगे।
तुम्हारा मित्र अभय।
प्रश्न 6.
(क) आपकी बड़ी बहन ने संगीत सिखाने की एक संस्था खोली है। इसके लिए लगभग 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
किसी राज्य के पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 25-50 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
उत्तरः
अथवा
(ख) कुसुम चीनी की बिक्री के लिए लगभग 50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। (2.5)
अथवा
शिमला कंबल के लिए 50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः
चाय हो जाए गज़ब की ख़ास कुसुम चीनी जब बढ़ाए मिठास आइये, आइये जल्दी कीजिए |
अथवा
प्रश्न 7.
(क) विद्यालय से निकलने वाली पत्रिका में अपनी रचनायें छपवाने के लिए एक संदेश 30-40 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों के नाम शुभकामना संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए। (2.5)
उत्तरः
प्रिय छात्रों, आप सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि अगले महीने विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘अभिनव भारती’ लिखी जा रही है। सभी छात्रों से अनुरोध है कि स्व-रचित लेख, कविताएँ एवं कहानियाँ आदि लिखने के लिए इच्छुक छात्र अपना नाम अपनी मुख्य अध्यापक को लिखवा दें। आप सभी छात्र आमंत्रित है। आज्ञा से, प्रधानाचार्य, गोल्डन पब्लिक स्कूल छतरपुर, दिल्ली |
अथवा
स्वतंत्रता दिवस हेतु शुभकामना संदेश दिनांक 15 अगस्त 20XX |
(ख) आपकी बड़ी बहन ने पुत्र को जन्म दिया है। उसे एक शुभकामना संदेश 40 शब्दों में लिखिए।
अथवा
अपने छोटे भाई के डॉक्टर बनने पर 40 शब्दों में बधाई संदेश लिखिए। (2.5)
उत्तरः
शुभकामना संदेश दिनांक 25 जनवरी 20XX |
अथवा
बधाई संदेश दिनांक 25 जनवरी 20XX |