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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 1 with Solutions
निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80
सामान्य निर्देश:
(क) इस प्रश्न-पत्र के दो खंड हैं- ‘अ’ और ‘ब’।
(ख) खंड ‘अ’ में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में उपप्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(ग) खंड ‘ब’ में कुल 7 वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न ( अंक 40)
अपठित गद्यांश (अंक 5)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
विद्यार्थी-जीवन को मानव-जीवन की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। विद्यार्थी काल में बालक में जो संस्कार पड़ जाते हैं, जीवनभर वही संस्कार अमिट रहते हैं। इसीलिए यही काल आधारशिला कहा गया है। यदि यह नींव दृढ़ बन जाती है तो जीवन सुदृढ़ और सुखी बन जाता है। यदि इस काल में बालक कष्ट सहन कर लेता है, तो उसका स्वास्थ्य सुंदर बनता है। यदि मन लगाकर अध्ययन कर लेता है तो उसे ज्ञान मिलता है, उसका मानसिक विकास होता है। जिस वृक्ष को प्रारंभ से सुंदर सिंचन और खाद मिल जाती है, वह पुष्पित एवं पल्लवित होकर संसार को सौरभ देने लगता है। इसी प्रकार विद्यार्थी काल में जो बालक श्रम, अनुशासन एवं समय नियमन के साँचे में ढल जाता है, वह आदर्श विद्यार्थी बनकर सभ्य नागरिक बन जाता है। सभ्य नागरिक के लिए जिन-जिन गुणों की आवश्यकता है, उन गुणों के लिए विद्यार्थी काल ही तो सुंदर पाठशाला है। यहाँ पर अपने साथियों के बीच रहकर वे सभी गुण आ जाने आवश्यक हैं, जिनकी विद्यार्थी को अपने जीवन में आवश्यकता होती है।
(i) ‘संसार को सौरभ’ देने का अर्थ है
(क) संसार में सुगंध फैलाना
(ख) संसार में बेहतर बनना
(ग) संसार में पेड़ लगाना
(घ) संसार को सुगंधित द्रव्य देना
उत्तर-
(क) संसार में सुगंध फैलाना
(ii) गद्यांश में आदर्श विद्यार्थी के किन गुणों की चर्चा की गई है?
(क) नियमावली का पालन
(ख) ज्ञान-प्राप्ति हेतु ध्यान की आवश्यकता
(ग) नियमन
(घ) व्यायाम
उत्तर-
(ग) नियमन
(iii) गद्यांश के आधार पर कहा जा सकता है कि
(क) विद्यार्थी-जीवन में व्यक्ति अनेक गुणों को धारण कर लेता है।
(ख) विद्यार्थी जीवन के लिए सुंदर पाठशाला की आवश्यकता होती है।
(ग) कष्ट सहन करने से सेहत बनती है।
(घ) वृक्षों को सींचना पर्यावरण के लिए आश्वयक है।
उत्तर-
(क) विद्यार्थी-जीवन में व्यक्ति अनेक गुणों को धारण कर लेता है।
(iv) गद्यांश में ‘वृक्ष’ किसे कहा गया है?
(क) पेड़ को
(ख) विद्यार्थी को
(ग) जीवन को
(घ) समय को
उत्तर-
(ख) विद्यार्थी को
(v) मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी विद्यार्थी-जीवन को क्यों माना जाता है?
(क) पूरा जीवन विद्यार्थी-जीवन पर चलता है।
(ख) जो संस्कार विद्यार्थी-जीवन में पड़ जाते हैं, वे संस्कार स्थायी हो जाते हैं।
(ग) विद्यार्थी-जीवन सुखी जीवन होता है।
(घ) विद्यार्थी जीवन में ज्ञान मिलता है।
उत्तर-
(ख) जो संस्कार विद्यार्थी-जीवन में पड़ जाते हैं, वे संस्कार स्थायी हो जाते हैं।
अथवा
विद्याभ्यासी पुरुष को साथियों का अभाव कभी नहीं रहता। उसकी कोठरी में सदा ऐसे लोगों का वास रहता है, जो अमर हैं। वे उसके प्रति सहानुभूति प्रकट करने और उसे समझाने के लिए सदा प्रस्तुत रहते हैं। कवि, दार्शनिक और विद्वान, जिन्होंने प्रकृति के रहस्यों का उद्घाटन किया है और बड़े-बड़े महात्मा, जिन्होंने आत्मा के गूढ़ रहस्यों की
थाह लगा ली है, सदा उसकी बातें सुनने और उसकी शंकाओं का समाधान करने के लिए उद्यत रहते हैं। बिना किसी उद्देश्य के सरसरी तौर पर पुस्तकों के पन्ने उलटते जाना अध्ययन नहीं है। लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक पूर्णरूप से हृदय से ग्रहण करने का नाम अध्ययन है। प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अपने पढ़ने का उद्देश्य स्थित कर लेना चाहिए। इसके लिए सबसे मुख्य बात यह है कि पढ़ना नियमपूर्वक हो अर्थात इसके लिए नित्य का समय उपयुक्त होता है।
(i) ‘विद्वान’ शब्द का विलोम है
(क) विदुषी
(ख) मूर्ख
(ग) मंदबुद्धि
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(क) विदुषी
(ii) कौन-सा शब्द ‘प्र’ उपसर्ग लगाकर नहीं बना है?
(क) प्रयुक्त
(ख) प्रसिद्ध
(ग) प्रश्न
(घ) प्रगति
उत्तर
(ग) प्रश्न
(iii) विद्याभ्यासी पुरुष के पास किसका वास रहता है?
(क) संबंधियों का
(ख) पुस्तकों का
(ग) गुरुजनों का
(घ) जो अमर होते हैं
उत्तर
(घ) जो अमर होते हैं
(iv) विद्या का अभ्यास करने वाले व्यक्तियों को साथियों की कमी महसूस नहीं होती है क्योंकि
(क) उन्हें साथी की आवश्यकता नहीं होती है
(ख) उन्हें मित्र बनाना अच्छा नहीं लगता है
(ग) पुस्तकें उनकी साथी होती है
(घ) उनके अनेक साथी होते हैं
उत्तर
(ग) पुस्तकें उनकी साथी होती है
(v) अध्ययन क्या है?
(क) बिना कारण के पुस्तकों के पन्ने पलटना
(ख) नियमपूर्वक पढ़ना
(ग) लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक हृदय से ग्रहण करना
(घ) कुछ भी पढ़ लेना
उत्तर
(ग) लिखी हुई बातों को विचारपूर्वक हृदय से ग्रहण करना
अपठित पद्यांश (अंक 5)
प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
प्लास्टिक सर्जरी के कुछ जमा थे विद्वान,
और चला रहे थे अपनी जबान।
पहला बोला
कि मैंने एक लँगड़ी को टाँग लगाई थी,
इस वर्ष ओलंपिक दौड़ में वही पहली आई थी,
दूसरा बोला कि
परसों ही मैंने एक लूले को लगाया है नया हाथ
और कल ही बॉक्सिंग में बॉक्सर को उसने दी मात। तीसरा बोला कि
तब से बहुत हूँ परेशान
जब से मैंने एक भेड़िए के होठों पर चिपकाई है आदमी की मुस्कान
वह हाथ जोड़े घर-घर में जा रहा है
और अगले चुनाव के लिए अपना वोट पटा रहा है।
(i) कविता की अंतिम पंक्तियों में किस पर व्यंग्य किया गया है?
(क) कविता की अंतिम पंक्तियों में खिलाड़ियों पर व्यंग्य किया गया है।
(ख) कविता की अंतिम पंक्तियों में सर्जरी के विशेषज्ञों पर व्यंग्य किया गया है।
(ग) कविता की अंतिम पंक्तियों में राजनेताओं पर व्यंग्य किया गया है।
(घ) कविता की अंतिम पंक्तियों में देश की व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है।
उत्तर
(ग) कविता की अंतिम पंक्तियों में राजनेताओं पर व्यंग्य किया गया है।
(ii) तीसरे सर्जन की परेशानी का कारण कौन है?
(क) तीसरे सर्जन की परेशानी का कारण अभिनेता है।
(ख) तीसरे सर्जन की परेशानी का कारण नेता है।
(ग) तीसरे सर्जन की परेशानी का कारण भेड़िया है।
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
उत्तर
(ग) तीसरे सर्जन की परेशानी का कारण भेड़िया है।
(iii) पहले सर्जन ने क्या कारनामा कर दिखाया था?
(क) एक लूले का हाथ लगाया, जिसने बॉक्सिंग में बॉक्सर को हराया।
(ख) भेड़िए के होठों पर आदमी की मुस्कान चिपकाई।
(ग) एक लँगड़ी को टाँग लगाई जो ओलंपिक दौड़ में प्रथम आई।
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
उत्तर
(ग) एक लँगड़ी को टाँग लगाई जो ओलंपिक दौड़ में प्रथम आई।
(iv) कवि ने किस प्रकार के आदमी को भेड़िया कहा है?
(क) कवि ने शिक्षाविद को भेड़िया कहा है।
(ख) कवि ने धर्म नेता को भेड़िया कहा है।
(ग) कवि ने राजनेता को भेड़िया कहा है।
(घ) कवि ने दोहरे आचरण वाले व्यक्ति को भेड़िया कहा है।
उत्तर
(ग) कवि ने राजनेता को भेड़िया कहा है।
(v) घर-घर में शब्द है
(क) रूढ़
(ख) यौगिक
(ग) युग्म
(घ) सार्थक
उत्तर
(ग) युग्म
अथवा
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें सूरज हमें रोशनी देता हवा नया जीवन देती है। भूख मिटाने को हम सबको, धरती पर होती खेती है। औरों का भी हित हो जिसमें, हम ऐसा कुछ करना सीखें पथिकों को जलती दुपहर में पेड़ सदा देते हैं छाया खुशबू भरे फूल देते हैं, हमको नव फूलों की माला, त्यागी तरुओं के जीवन से हम भी तो कुछ देना सीखें। जो अनपढ़ है उन्हें पढ़ाएँ, जो चुप हैं उनको वाणी दें। हम मेहनत के दीप जलाकर, नया उजाला करना सीखें।
(i) कवि हमसे क्या अपेक्षा रखता है?
(क) कवि हमसे त्याग की अपेक्षा रखता है।
(ख) कभी हमसे परहित की अपेक्षा रखता है।
(ग) कभी हमसे परिश्रम की अपेक्षा रखता है।
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
उत्तर
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
(ii) कवि के अनुसार देश हमें क्या देता है?
(क) कवि के अनुसार देश हमें आश्चर्य देता है।
(ख) कवि के अनुसार देश हमें धन-धान्य देता है।
(ग) कवि के अनुसार देश हमें रोज़गार के अवसर देता है।
(घ) कवि के अनुसार देश हमें सब कुछ देता है।
उत्तर
(घ) कवि के अनुसार देश हमें सब कुछ देता है।
(iii) हम किससे देना सीख सकते हैं?
(क) हम देश और धरती से देना सीख सकते हैं।
(ख) हम सूरज और हवा से देना सीख सकते हैं।
(ग) हम वृक्षों और फूलों से देना सीख सकते हैं।
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
उत्तर
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
(iv) कवि ने त्यागी का संबोधन किसके लिए किया है?
(क) कवि ने त्यागी का संबोधन सूरज के लिए किया है।
(ख) कवि ने त्यागी का संबोधन धरती के लिए किया है।
(ग) कवि ने त्यागी का संबोधन वृक्षों के लिए किया है।
(घ) कवि ने त्यागी का संबोधन फूलों के लिए किया है।
उत्तर
(ग) कवि ने त्यागी का संबोधन वृक्षों के लिए किया है।
(v) कवि हमें क्या सीखने की प्रेरणा देता है?
(क) कवि हमें सबको कुछ देने की प्रेरणा देता है।
(ख) कवि हमें दूसरों के हित जीने की प्रेरणा देता है।
(ग) कभी हमें मेहनत करने की प्रेरणा देता है।
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
उत्तर-
(घ) ये सभी विकल्प सही हैं।
व्यावहारिक व्याकरण (अंक 16)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(i) मजदूर मेहनत करता है, किंतु उसके लाभ से वंचित रहता है। किस प्रकार का वाक्य है? ।
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) मिश्र वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य का चयन कीजिए
(क) सूरज पूर्व से निकलता है
(ख) हम भोजन कर रहे हैं
(ग) वह कौन-सा व्यक्ति है, जिसने महात्मा गांधी का नाम न सुना हो
(घ) वह बाज़ार गया औरा फल लाया।
उत्तर
(ग) वह कौन-सा व्यक्ति है, जिसने महात्मा गांधी का नाम न सुना हो
(iii) रेखांकित उपवाक्यों में से कौन-सा विशेषण उपवाक्य है?
(क) मैं कहता हूँ कि तुम भोपाल जाओ।
(ख) लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है जो कि एक ऐतिहासिक नगर है
(ग) मैं चाहता हूँ कि आप यहीं रहें।
(घ) जब मैं स्टेशन पहुँचा तभी ट्रेन आई।
उत्तर
(ख) लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है जो कि एक ऐतिहासिक नगर है
(iv) संयुक्त वाक्य का चयन कीजिए।
(क) परिश्रमी व्यक्ति ही सफलता प्राप्त करता है।
(ख) क्या मेरे बिना वह पढ़ नहीं सकता है?
(ग) जो परिश्रम करता है, वही आगे बढ़ता है।
(घ) मैं बजाता हूँ और वह गाता है।
उत्तर
(घ) मैं बजाता हूँ और वह गाता है।
(v) जब तक वह घर पहुंचा तब तक उसके पिता जा चुके थे।
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) मिश्र वाक्य
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(i) पिता जी के द्वारा कार चलाई गई। वाच्य है
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) कर्मवाच्य
(ii) भाववाच्य है
(क) मजदूरों ने ईंट नहीं उठाई।
(ख) मजदूरों से ईंट उठाई नहीं जाती।
(ग) मैं पढ़ नहीं सकती।
(घ) वह बेचारी रो भी नहीं सकती।
उत्तर
(ख) मजदूरों से ईंट उठाई नहीं जाती।
(iii) आज उसे जमानत मिल गई। वाच्य है
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) कोई नहीं
उत्तर
(क) कर्तृवाच्य
(iv) कर्मवाच्य है
(क) मित्र विपत्ति में मदद करते हैं।
(ख) मित्रों के द्वारा विपत्ति में मदद की जाती है।
(ग) बूढी माँ से चला नहीं जाता।
(घ) फैक्टरी बंद कर दी।
उत्तर
(ख) मित्रों के द्वारा विपत्ति में मदद की जाती है।
(v) निशा द्वारा अच्छी कविता लिखी गई। वाच्य है
(क) कर्तृवाक्य
(ख) कर्मवाक्य
(ग) भाववाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) कर्मवाक्य
प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(i) ‘गीता पुस्तक पढ़ती है।’ रेखांकित का पद-परिचय है
(क) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक
(ग) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक
(घ) समूहवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
उत्तर
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक
(ii) ‘आज हमारी परीक्षा होनी है।’ में ‘आज’ का पद-परिचय है
(क) कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘होनी है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(ख) स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘होनी है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(ग) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, ‘होनी है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर
(क) कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘होनी है’ क्रिया की विशेषता बता रहा है।
(iii) ‘आज तुमने थोड़ा-सा ही दूध क्यों पीया?’ रेखांकित पद का पद-परिचय क्या है?
(क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दूध’ विशेष्य का विशेषण
(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दूध’ विशेष्य का विशेषण
(ग) संख्यावाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, ‘दूध’ विशेष्य का विशेषण
(घ) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर
(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘दूध’ विशेष्य का विशेषण
(iv) ‘वे बहुत ईमानदार है।’ में ‘वे’ का पद-परिचय है
(क) निजवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, कर्ता कारक।
(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, कर्म कारक
(ग) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, कर्ता कारक
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, करण कारक
उत्तर
(ग) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, कर्ता कारक
(v) ‘रामू बाज़ार जाओ।’ में रेखांकित का पद-परिचय क्या है?
(क) सकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग, एकवचन
(ख) अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन,
(ग) सकर्मक क्रिया, भूत काल, स्त्रीलिंग, बहुवचन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन,
प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(i) उस काल मारे क्रोध के, तन काँपने उसका लगा। मानो हवा के ज़ोर से, सोता हुआ सागर जगा। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(क) वीर रस
(ख) रौद्र रस
(ग) अद्भुत रस
(घ) करुण रस
उत्तर
(क) वीर रस
(ii) प्रिय पति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ है? दुख-जलनिधि-डूबी सहारा कहाँ है? इन पंक्तियों में कौन-सा स्थायी ङ्के भाव है?
(क) विस्मय
(ख) रति
(ग) शोक
(घ) क्रोध
उत्तर
(ग) शोक
(iii) शृंगार रस का स्थायी भाव है?
(क) उत्साह
(ख) शोक
(ग) रति
(घ) भय
उत्तर
(ग) रति
(iv) क्रोध किस रस का स्थायी भाव है
(क) वीभत्स
(ख) भयानक
(ग) रौद्र
(घ) वीर रस
उत्तर
(ग) रौद्र
(v) करुण रस का उदाहरण है
(क) कहत, नटत, रीझत, खीझत, मिलत, खिलत, लजियात।
भरे भौन में करत हैं नैनन ही सौं बात।।
(ख) देखि सुदामा की दीन दसा करुना करि के करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैननि के जल सों पग धोये।।
(ग) श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल-युगल मलने लगे।।
(घ) नाक चढे सी-सी करै, जितै छबीली छैल।
फिरि फिरि भूलि वही गहै, प्यौ कंकरीली गैल।।
उत्तर
(ख) देखि सुदामा की दीन दसा करुना करि के करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैननि के जल सों पग धोये।।
पाठ्यपुस्तक (अंक 14)
प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
फिर अकसर माँ की स्मृति में डूब जाते देखा है। उनकी माँ की चिट्ठियाँ अकसर उनके पास आती थीं। अपने अभिन्न मित्र डॉ. रघुवंश को वह उन चिट्ठियाँ को दिखाते थे। पिता और भाइयों के लिए बहुत लगाव मन में नहीं था। पिता व्यवसायी थे। एक भाई वहीं पादरी हो गया है। एक भाई काम करता है, उसका परिवार है। बहन सख्त और ज़िद्दी थी। बहुत देर से उसने शादी की। फ़ादर को एकाध बार उसकी शादी की चिंता व्यक्त करते उन दिनों देखा था। भारत में बस जाने के बाद दो या तीन बार अपने परिवार से मिलने भारत से बेल्जियम गए थे।
(i) कौन माँ की स्मृतियों में डूब जाते थे
(क) लेखक
(ख) फ़ादर बुल्के
(ग) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) फ़ादर बुल्के
(ii) फ़ादर के पिता क्या थे?
(क) वकील
(ख) पादरी
(ग) व्यवसायी
(घ) जज
उत्तर
(ग) व्यवसायी
(iii) फ़ादर को किसकी चिंता थी?
(क) पिता की
(ख) भाई की
(ग) बहन की
(घ) माँ की
उत्तर
(ग) बहन की
(iv) फादर का परिवार कहाँ रहता था?
(क) भारत में
(ख) बेल्जियम में
(ग) लंदन में
(घ) जर्मनी में
उत्तर
(ख) बेल्जियम में
(v) फ़ादर के अभिन्न मित्र कौन थे?
(क) लेखक
(ख) उनके भाई
(ग) रघुवंश
(घ) माँ
उत्तर
(ग) रघुवंश
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(i) लेखक बालगोबिन भगत के किस गुण पर मुग्ध थे?
(क) सरलता
(ख) सहनशीलता
(ग) मधुर संगीत-गायन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ग) मधुर संगीत-गायन
(ii) हालदार साहब को कितने दिनों में कंपनी के काम से कस्बे से गुज़रना पड़ता था?
(क) चौदहवें दिन
(ख) पंद्रहवें दिन
(ग) हर ग्यारह दिन बाद
(घ) कुछ कह नहीं सकते
उत्तर
(ख) पंद्रहवें दिन
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी। अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी। पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी। ज्यौं जल माहँ तेल की गागरि, बूंद न ताकौं लागी। प्रीति-नदी मैं पाउँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी। ‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।
(i) कमल के पत्ते की कौन-सी विशेषता कविता में बताई गई है?
(क) कमल का पत्ता सुंदर होता है।
(ख) कमल का पत्ता पानी में डूबा रहता है, लेकिन उस पर कोई दाग भी नहीं लगता है।
(ग) पहला और दूसरा उत्तर सही है।
(घ) दिए गए विकल्पों के सभी उत्तर गलत हैं।
उत्तर
(ख) कमल का पत्ता पानी में डूबा रहता है, लेकिन उस पर कोई दाग भी नहीं लगता है।
(ii) उद्धव के प्रेम विहीन रहने की तुलना किससे या किस-किससे की गई है?
(क) कमल के पत्ते और तेल की मटकी से की गई है।
(ख) केवल कमल के पत्ते से की गई है।
(ग) केवल तेल की मटकी से की गई है।
(घ) गुड़ की चींटी से की गई है।
उत्तर
(क) कमल के पत्ते और तेल की मटकी से की गई है।
(iii) गोपियों ने किसको अति बड़भागी कहा है?
(क) श्रीकृष्ण को
(ख) उद्धव को
(ग) जल से भरी मटकी को
(घ) गोपियों ने स्वयं को
उत्तर
(ख) उद्धव को
(iv) भोली भाली गोपियों और चींटियों में क्या समानता है?
(क) जिस तरह से चीटियाँ गुड़ से चिपटकर मुक्त नहीं होती हैं, उसी तरह से श्रीकृष्ण के प्रेम में गोपियाँ भी उनसे अलग नहीं हो सकती हैं।
(ख) जिस तरह से चीटियों को गुड़ पसंद है, वैसे ही गोपियों को मिठाइयाँ प्रिय हैं।
(ग) दोनों उत्तर सही है
(घ) कोई भी उत्तर सही नहीं है।
उत्तर
(क) जिस तरह से चीटियाँ गुड़ से चिपटकर मुक्त नहीं होती हैं, उसी तरह से श्रीकृष्ण के प्रेम में गोपियाँ भी उनसे अलग नहीं हो सकती हैं।
(v) ‘प्रीति-नदी मैं पाउँ न बोरयौ’ का अर्थ क्या है?
(क) प्रीति नदी यमुना नदी को कहा गया है।
(ख) प्रेम रूपी नदी में कभी पैर नहीं डुबोया अर्थात जिसने कभी प्रेम नहीं किया।
(ग) नदी में नहाने की बात हो रही है।
(घ) ऊपर दिए गए विकल्पों में से कोई नहीं।
उत्तर
(ख) प्रेम रूपी नदी में कभी पैर नहीं डुबोया अर्थात जिसने कभी प्रेम नहीं किया।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(i) परशुराम का स्वभाव कैसा है?
(क) उदार
(ख) शीतल
(ग) क्रोधी
(घ) चंचल
उत्तर
(ग) क्रोधी
(ii) ‘शाब्दिक-भ्रम’ किसे कहा गया है?
(क) दिन-रात को
(ख) वस्त्र और आभूषण को
(ग) सुख-दुख को
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर
(ख) वस्त्र और आभूषण को
खंड ‘ब’- वर्णनात्मक प्रश्न (अंक 40)
पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक (अंक 20)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 4 = 8)
(क) सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
(ख) बालगोबिन भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ कैसे व्यक्त की?
(ग) फ़ादर की उपस्थिति ‘देवदार की छाया’ के समान क्यों लगती थी?
(घ) नवाब साहब खीरा खाने के अपने ढंग के माध्यम से क्या दिखाना चाहते थे?
उत्तर
(क) चश्मेवाला एक देशभक्त नागरिक था। उसके हृदय में देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान था। इसलिए लोग उसे कैप्टन कहते थे। अर्थात कैप्टन एक देशप्रेमी था, नेताजी जैसे देशभक्त के लिए उसके कम में सम्मान की भावना थी।
(ख) बालगोबिन भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर उसे आँगन में चटाई पर लिटाकर एक सफ़ेद कपड़े से ढक दिया। उसके ऊपर फूल एवं तुलसीदल डाल दिए तथा कबीर के पद गाने लगे। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को भी रोने की बजाए प्रसन्न होने के लिए कहा और समझाया कि आज तो आत्मा व परमात्मा का मिलन हुआ है, यह समय रोने का नहीं, उत्सव मनाने का है।
(ग) फ़ादर बुल्के मानवीय गुणों से परिपूर्ण थे। उनके हृदय में सबके लिए कल्याण की कामना थी। वे सभी को आशीर्वाद देते थे, सबकी झोली खुशियों से भर देते थे। जिस प्रकार देवदार का विशाल वृक्ष अपनी शीतलता से दूसरों के दुख हर लेता है, उसी प्रकार फादर अपने व्यवहार से सबका दिल जीत लेते थे।
(घ) नवाब साहब खीरे से सुगंध का रसास्वादन करके तृप्त होने के अपने विचित्र ढंग के माध्यम से अपनी रईसी और नवाबी का प्रदर्शन करना चाहते थे। वे लेखक को यह भी बताना चाह रहे थे कि नवाब जैसे रईस लोग खीरा जैसी साधारण-सी खाद्य वस्तु का आनंद इसी तरह लेते हैं। इसमें उनकी दिखावा करने की प्रवृत्ति दिख रही थी।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) बादलों से गर्जना का आह्वान कर कवि क्या कहना चाहता है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए।
(ख) ‘कन्यादान’ कविता में वस्त्र और आभूषणों को शाब्दिक-भ्रम क्यों कहा गया है?
(ग) ‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
उत्तर
(क) कवि बादलों से गर्जना का आह्वान कर धरती और मानव की प्यास बुझाकर उन्हें तृप्त करने तथा अपनी गर्जना में छिपी क्रांति से एक परिवर्तन लाने की बात कहते हैं।
(ख) ‘कन्यादान’ कविता में वस्त्र और आभूषणों को शाब्दिक-भ्रम इसलिए कहा गया है, क्योंकि नववधू, इनके आकर्षण में फँसकर मुग्ध हो जाती है। इसी की आड़ में ससुराल वाले उसका शोषण करते हैं।
(ग) गोपियों ने अपने प्रेम को कभी किसी के सम्मुख प्रकट नहीं किया था। वे शांत भाव से श्रीकृष्ण के लौटने की प्रतीक्षा कर रही थीं। कोई भी उनके दुख को समझ नहीं पा रहा था। वे चुप्पी लगाए अपनी मर्यादा में लिपटी हुई इस वियोग को सहन कर रही थीं कि वे श्रीकृष्ण से प्रेम करती हैं। परंतु उद्धव के योग संदेश ने उनको उनकी
मर्यादा छोड़कर बोलने पर मजबूर कर दिया अर्थात जो बात सिर्फ वे ही जानती थीं, आज सबको पता चल जाएगा।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए। (3 × 2 = 6)
(क) ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि शिशु का नाम भोलानाथ कैसे पड़ा?
(ख) प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ की लेखिका को कैसी अनुभूति होती है?
(ग) अखबार वाले सरकारी तंत्र की इच्छा के अनुकूल भी लिखते हैं और ऐसे कार्यों को छापने से बचते भी हैं जो उनको नहीं करना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
(क) शिशु का नाम तारकेश्वर नाथ था। तारकेश्वर के पिता शिवजी के भक्त थे। उसके पिता पूजा के बाद हमेशा उसके माथे पर भभूत और तिलक लगा देते थे, लंबी जटाएँ तो पहले से ही थीं। पिता जी उसे प्यार से भोलानाथ कहते थे। फिर सभी उसे तारकेश्वर नाथ न कहकर भोलानाथ कहकर पुकारने लगे। पिता के द्वारा तारकेश्वर नाथ को दी गई वेशभूषा, रूपरेखा, तथा माथे पर तिलक को देखकर उसका नाम भोलानाथ ही पड़ गया था।
(ख) हिमालय कहीं गहरे हरे रंग का मोटा कालीन ओढे, तो कहीं हलका पीलापन लिए, तो कहीं पलस्तर उखड़ी दीवार की तरह पथरीला लग रहा था। चारों ओर सुंदर नज़ारे मन को मोहित कर रहे थे। ऐसा लगता था कि किसी ने जादू की छड़ी घुमा दी हो। प्रकृति का कण-कण बादलों की एक मोटी चादर को लपेटे हुए था। आँखों और आत्मा को सुख देने वाले हर क्षण परिवर्तित हिमालय के नज़ारे लेखिका को अभिभूत कर रहे थे।
(ग) अखबार वाले सरकारी तंत्र की प्रशंसा में तो खूब रस लेकर छोटी-सी भी बात को छापते हैं, किंतु जिस कार्य से सरकार की पोल खुलती हो, उससे या तो बचते हैं या उसमें शब्दों की हेर-फेर कर अनर्थ को अर्थवान बना प्रस्तुत करते हैं। इसी प्रकार जिंदा नाक लगाने के शर्मनाक दिन कोई अख़बार इस घटना को यथार्थ छापकर या कोई लेख लिख अपनी साहसिक और ईमानदार छवि प्रस्तुत नहीं कर सका। इस तरह अख़बार की दुनिया का सरकार से अप्रत्यक्ष रूप से घनिष्ठ संबंध बना रहता है।
(ख) बालगोबिन भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर उसे आँगन में चटाई पर लिटाकर एक सफ़ेद कपड़े से ढक दिया। उसके ऊपर फूल एवं तुलसीदल डाल दिए तथा कबीर के पद गाने लगे। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को भी रोने की बजाए प्रसन्न होने के लिए कहा और समझाया कि आज तो आत्मा व परमात्मा का मिलन हुआ है, यह समय रोने का नहीं, उत्सव मनाने का है।
(ग) फ़ादर बुल्के मानवीय गुणों से परिपूर्ण थे। उनके हृदय में सबके लिए कल्याण की कामना थी। वे सभी को आशीर्वाद देते थे, सबकी झोली खुशियों से भर देते थे। जिस प्रकार देवदार का विशाल वृक्ष अपनी शीतलता से दूसरों के दुख हर लेता है, उसी प्रकार फादर अपने व्यवहार से सबका दिल जीत लेते थे।
(घ) नवाब साहब खीरे से सुगंध का रसास्वादन करके तृप्त होने के अपने विचित्र ढंग के माध्यम से अपनी रईसी और नवाबी का प्रदर्शन करना चाहते थे। वे लेखक को यह भी बताना चाह रहे थे कि नवाब जैसे रईस लोग खीरा जैसी साधारण-सी खाद्य वस्तु का आनंद इसी तरह लेते हैं। इसमें उनकी दिखावा करने की प्रवृत्ति दिख रही थी।
लेखन (अंक 20)
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (1 × 5 = 5)
(क) वन और पर्यावरण का संबंध संकेत-बिंदु-
- वन प्रदूषण-निवारण में सहायक
- वनों की उपयोगिता
- वन-संरक्षण की आवश्यकता
- वन संरक्षण के उपाय।
(ख) कोरोना- एक वैश्विक महामारी
संकेत-बिंदु-
- क्या है महामारी
- आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के उपरांत भी कोई उपचार नहीं
- बचाव और सुझाव।
(ग) अभ्यास का महत्व
संकेत-बिंदु-
- अभ्यास का महत्व
- ऐतिहासिक लोगों के उदाहरण
- प्रसिद्ध कहावत
- निष्कर्ष।
उत्तर
(क) वन और पर्यावरण का संबंध वनों से भूमि का कटाव रोका जा सकता है। वनों से रेगिस्तान का फैलाव रुकता है, सूखा कम पड़ता है। इससे ध्वनि-प्रदूषण की भयंकर समस्या से भी काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। वन ही नदियों, झरनों और अन्य प्राकृतिक जल-स्रोतों के भंडार हैं।
वनों से हमें लकड़ी, फल, फूल, खाद्य पदार्थ, गोंद तथा अन्य सामान प्राप्त होते हैं। आज भारत में दुर्भाग्य से केवल 23% वन बचे हैं। जैसे-जैसे उद्योगों को संख्या बढ़ रही है, शहरीकरण हो रहा है, वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे वनों की आवश्यकता और बढ़ती जा रही है। वन-संरक्षण एक कठिन एवं महत्वपूर्ण काम है।
इसमें हर व्यक्ति को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी पड़ेगी और अपना योगदान देना होगा। अपने घर-मोहल्ले, नगर में अत्यधिक संख्या में वृक्षारोपण को बढ़ाकर इसको एक आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाना होगा। तभी हम अपने पर्यावरण को स्वच्छ रख पाएँगे।
(ख) कोरोना- एक वैश्विक महामारी आज पूरे संसार में कोरोना वायरस का आतंक फैल चूका है। आज पूरे संसार में यह एक महामारी के रूप में आ चुका है। कोरोना वायरस कई तरह के विषाणुओं यानी वायरस का एक समूह है, यह अनेक तरह के प्राणियों में रोग उत्पन्न करने की क्षमता रखता है।
यह एक व्यक्ति से पचास लोगों तक रोग फैलाने की क्षमता रखता है। इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं निकल पाया है। विश्व भर के सभी वैज्ञानिक तेज गति से इसका वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में लगे हैं। आने वाले समय में संभावना है कि एक से डेढ़ वर्ष के अंदर इस वायरस का वैक्सीन आ जाए।
इस वायरस से बचने के लिए हमें अपना ध्यान खुद रखना होगा। बचाव के उपाय सामाजिक दूरी बनाए रखना, पर्याप्त सुरक्षा मानक अपनाना, साबुन से नियमित रूप से हाथ धोना, वायरस संक्रमित लोगों से दूर रहना आदि हैं। बहुत भीड़ वाली जगह में नहीं जाना, अपने घरों में रहना कुछ अन्य उपाय हैं। सरकार द्वारा बनाए नियमों का पालन करना होगा। बार-बार अपने हाथ धोने होंगे, अपने हाथ नाक, मुँह में नहीं लगाने होंगे।
(ग) अभ्यास का महत्त्व
यदि निरंतर अभ्यास किया जाए, तो असाध्य को भी साधा जा सकता है। ईश्वर ने सभी मनुष्यों को बुद्धि दी है। उस बुद्धि का इस्तेमाल तथा अभ्यास करके मनुष्य कुछ भी सीख सकता है। अर्जुन तथा एकलव्य ने निरंतर अभ्यास करके धनुर्विद्या में निपुणता प्राप्त की। उसी प्रकार वरदराज ने, जो कि एक मंदबुद्धि बालक था, निरंतर अभ्यास द्वारा विद्या प्राप्त की और ग्रंथों की रचना की। उन्हीं पर एक प्रसिद्ध कहावन बनीकरत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरि आवत जात तें, सिल पर परत निसान।। यानी जिस प्रकार रस्सी की रगड़ से कठोर पत्थर पर भी निशान बन जाते हैं, उसी प्रकार निरंतर अभ्यास से मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन सकता है। यदि विद्यार्थी प्रत्येक विषय का निरंतर अभ्यास करें, तो उन्हें कोई भी विषय कठिन नहीं लगेगा और वे सरलता से उस विषय में कुशलता प्राप्त कर सकेंगे।
प्रश्न 15.
ग्रीष्मावकाश में विद्यालय में नाट्य-प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का अनुरोध करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या को एक पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए। (1 × 5 = 5)
अथवा
वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आने पर मित्र को 80-100 शब्दों में बधाई पत्र लिखिए।
उत्तर
परीक्षा भवन
चन्छ०ज० शहर
दिनांक : 25 अप्रैल, 20xx
प्रधानाचार्या महोदया
ट०ठ०ड० स्कूल
नई दिल्ली।
विषय : विद्यालय में नाट्य-प्रशिक्षण शिविर के आयोजन हेतु। मान्यवर मैं आपके विद्यालय में कक्षा दसवीं का छात्र हूँ। जून में विद्यालय में ग्रीष्मावकाश होगा। इस अवकाश में हम एक नाट्य-प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करना चाहते हैं। विद्यालय में ग्रीष्मावकाश में ‘समर कैंप’ तो लग ही रहे हैं, परंतु मेरा आपसे अनुरोध है कि एक नाट्य-प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया जाए। ताकि योग्य विद्यार्थी अपनी कला को निखार सकें। नाट्य-प्रशिक्षण के विद्यार्थी भविष्य में एक अच्छा मंच संचालक व कलाकार बन सकते हैं। सी०बी०एस०ई० ने भी नाटक को भाषा की मुख्य गतिविधि में सम्मिलित किया है। अतः आपसे हम सबका अनुरोध है कि आप इस नाट्य-प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कराने की अनुमति दे दें।
धन्यवाद।
प्रार्थी क०ख०ग०
अथवा
परीक्षा भवन
च०छ०ज० शहर
दिनांक : 11 मार्च, 20xx
प्रिय मित्र अनिल
नमस्कार।
कल ही तुम्हारी माता जी ने मुझे फोन पर बताया कि तुम वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आए हो। मित्र, सबसे पहले मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करो। इस वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए तुमने कितनी मेहनत व अभ्यास किया होगा, तभी तो तुमने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मैं तुम्हें बचपन से ही जानता हूँ कि तुम कितने मेहनती हो। एक बार अगर तुम ठान लेते हो, तो हमेशा विजयी होते हो। तुम्हारा निरंतर अभ्यास, अथक परिश्रम आज रंग ले आया। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम ऐसे ही हमेशा सफलता प्राप्त करते रहोगे। तुम्हारे माता-पिता भी तुम पर गर्व महसूस कर रहे होंगे। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा मित्र
क०ख०ग०
प्रश्न 16.
पर्यावरण विभाग की ओर से जल-संरक्षण का आग्रह करते हुए लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (1 × 5 = 5)
अथवा
‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर लगभग 25-50 शब्दों का एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर
प्रश्न 17.
दीपावली हेतु नगर निगम की और से शुभकामना संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए। (1 × 5 = 5)
अथवा
चाचा एवं चाची जी की और से अमन को जन्मदिवस हेतु शुभकामना संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए।
उत्तर