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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 5 for Practice

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश:
(क) इस प्रश्न-पत्र के दो खंड हैं- ‘अ’ और ‘ब’।
(ख) खंड ‘अ’ में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में उपप्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(ग) खंड ‘ब’ में कुल 7 वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं। प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘अ’- वस्तुपरक प्रश्न ( अंक 40)

अपठित गद्यांश (अंक 5)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1 x 5 = 5)
यह घटना सन 1899 की है। उन दिनों कोलकाता में प्लेग फैला हुआ था। शायद ही कोई ऐसा घर बचा था, जहाँ यह बीमारी न पहुँची हो। ऐसी विकट स्थिति में भी स्वामी विवेकानंद और उनके शिष्य रोगियों की सेवा-सुश्रूषा में जुटे हुए थे। वे अपने हाथों से नगर की गलियाँ और बाज़ार साफ़ करते थे और जिस घर में प्लेग का कोई मरीज होता था, उसे दवा आदि देकर उसका उपचार करते थे। उसी दौरान कुछ लोग स्वामी विवेकानंद के पास आए। उनका मुखिया बोला,

“स्वामी जी, इस धरती पर पाप बहुत बढ़ गया है, इसीलिए प्लेग की महामारी के रूप में भगवान लोगों को दंड दे रहे हैं, पर आप ऐसे लोगों को बचाने का यत्न कर रहे हैं। ऐसा करके आप भगवान के कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।” मंडली के मुखिया की कील जैसी बातें सुनकर स्वामी जी गंभीरता से बोले, “सबसे पहले तो मैं आप सब विद्वानों का नमस्कार करता हूँ।” इसके बाद स्वामी जी बोले, “आप सब यह तो जानते ही होंगे कि मनुष्य इस जीवन में अपने कर्मों के कारण कष्ट और सुख पाता है।

ऐसा जो व्यक्ति कष्ट से पीड़ित है और तड़प रहा है, यदि दूसरा व्यक्ति उसके घावों पर मरहम लगा देता है तो वह स्वयं ही पुण्य का अधिकारी बन जाता है। आज यदि आपके अनुसार प्लेग से पीड़ित लोग पाप के भागी हैं और हमारे कार्यकर्ता इन लोगों की मदद कर रहे हैं, वे तो पुण्य के भागी बन रहे हैं। बताइए कि इस संदर्भ में आपको क्या कहना है?” उनकी बात सुनकर सभी लोग भौंचक्के रह गए और चुपचाप सिर झुकाकर वहाँ से चले गए।

(i) कोलकाता में कौन-सी महामारी फैली थी?
(क) चेचक
(ख) प्लेग
(ग) हैजा
(घ) स्वाइन फ्लू
उत्तर
(ख) प्लेग

(ii) महामारी के विषय में कुछ लोगों की धारणा थी कि
(क) यह ईश्वर का कहर है
(ख) इस पर नियंत्रण असंभव है
(ग) दवाओं द्वारा इसकी रोकथाम संभव है
(घ) लोगों को उनके पाप का दंड मिल रहा है
उत्तर
(घ) लोगों को उनके पाप का दंड मिल रहा है

(iii) कुछ लोगों की दृष्टि में विवेकानंद जी द्वारा पीड़ितों की सेवा करना था
(क) लोक कल्याण में बाधा
(ख) लोक कल्याण में सहायता
(ग) ईश्वर के कार्य में बाधा
(घ) ईश्वर के कार्य में सहायता
उत्तर
(ग) ईश्वर के कार्य में बाधा

(iv) स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार उनके तथा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा कार्य था
(क) मानवोचित कर्म
(ख) पाप कर्म
(ग) समाज सेवा
(घ) पुण्य का कार्य
उत्तर
(घ) पुण्य का कार्य

(v) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक हो सकता है
(क) दंड
(ख) महामारी
(ग) कर्मों का फल
(घ) पाप और पुण्य
उत्तर
(घ) पाप और पुण्य

अथवा

महाभारत में देश के प्रायः अधिकांश वीर कौरवों के पक्ष में थे। मगर फिर भी जीत पांडवों की हुई, क्योंकि उन्होंने लाक्षा-गृह की मुसीबत झेली थी, वनवास के जोखिम को पार किया था। साहस की ज़िंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि यह बिलकुल निडर, बिल्कुल बेखौफ़ होती है। साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं।

जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है। अड़ोस-पड़ोस को देखकर चलना साधारण जीव का काम है। क्रांति करने वाले लोग अपने उद्देश्य की तुलना न तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और न अपनी चाल को ही पड़ोसी की चाल देखकर मद्धिम बनाते हैं, बल्कि निडर होकर अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं।

(i) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
(क) संकट और विकास
(ख) साहस की आवश्यकता
(ग) हिम्मत और जिंदगी
(घ) स्वाभिमानी जीवन
उत्तर
(ग) हिम्मत और जिंदगी

(ii) पांडवों की जीत के पीछे क्या कारण बताया गया है?
(क) सत्य की शक्ति
(ख) कृष्ण का साथ
(ग) भाग्य का साथ ।
(घ) संकटों का मुकाबला
उत्तर
(घ) संकटों का मुकाबला

(iii) ‘साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है।’ यह किस प्रकार का वाक्य है?
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) नकारात्मक वाक्य
उत्तर
(क) सरल वाक्य

(iv) साहसी मनुष्य की पहचान क्या है?
(क) वह आस-पड़ोस को देखकर चलता है
(ख) वह मनमानी करता है
(ग) वह जनमत की उपेक्षा करता है
(घ) वह लोगों की निंदा की परवाह नहीं करता
उत्तर
(घ) वह लोगों की निंदा की परवाह नहीं करता

(v) क्रांतिकारी लोग
(क) निडर होकर मनमानी करते हैं
(ख) निडर होकर अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं
(ग) आस-पड़ोस की चिंता करते हैं
(घ) कुछ नहीं करते हैं
उत्तर
(ख) निडर होकर अपने लक्ष्य को पूरा करते हैं

अपठित पद्यांश (अंक 5)

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1 x 5 = 5)

भोर हुई पेड़ों की बीन बोलने लगी,
पात-पात हिले डाल-डाल डोलने लगी।
कहीं दूर किरणों के तार झनझना उठे,
सपनों के स्वर डूबे धरती के गान में।
लाखों ही लाख दीए तारों के खो गए,
पूरब के अधरों की हल्की मुस्कान में।
कुछ ऐसे पूरब के गाँव की हवा चली,
खपरैलों की दुनिया आँख खोलने लगी।
जमे हुए धुएँ-सी पहाड़ी है दूर की,
काजल की रेख-सी कतार है खजूर की।

सोने का कलश लिए उषा चली आ रही है,
माथे पर दमक रही आभा सिंदूर की।
धरती को परियों के सपनीले प्यार में,
नई चेतना नई उमंग बोलने लगी।
कुछ ऐसे मोर की बयार गुनगुना उठी,
अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी।
नरम-नरम किरणों की नई धूप में,
राहों के पेड़ों की छाँह लिपटने लगी।
लहराई माटी की धुली-धुली चेतना,
फसलों पर चुहचुहिया पाँख बोलने लगी।

(i) कवि ने किस समय का चित्रण किया है?
(क) प्रात:काल
(ख) संध्या
(ग) दोपहर
(घ) रात्रि
उत्तर
(क) प्रात:काल

(ii) दीए किसके हैं?
(क) जुगनुओं के
(ख) माटी के
(ग) तारों के
(घ) पीतल के
उत्तर
(ख) माटी के

(iii) दूर की पहाड़ी कैसी दिखाई दे रही है?
(क) अस्पष्ट
(ख) जमे हुए दही-सी
(ग) धुंधली
(घ) जमे हुए धुंए-सी
उत्तर
(घ) जमे हुए धुंए-सी

(iv) सोने का कलश क्या है?
(क) सूर्य
(ख) तारे
(ग) चंद्रमा
(घ) बादल
उत्तर
(क) सूर्य

(v) भोर की बयार के गुनगुनाने का परिणाम क्या हुआ?
(क) चुहचुहिया पाँख खोलने लगी
(ख) राहों के पेड़ों की चाह लिपटने लगी
(ग) अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी
(घ) माटी में चेतना आ गई
उत्तर
(ग) अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी

अथवा

हे प्रभु, निधि विनम्रता की तुम
वासी हो तुम दीन कुटी के
गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र से
सिंचित इस सुंदर भारत में
खोज सकें हम तुमको |
इसमें हमें मदद दो
ग्रहणशीलता दो हमको, दो खुला हृदय
दो कृपया अपनी विनम्रता
शक्ति दो हमको दो तत्परता
ताकि देश की जनता से

हम हो पाएँ एकाकार
वर दो प्रभु
हम अलग न पड़ जाएँ उस ‘जन’ से
जिसकी सेवा करनी हमको
सहचर बनकर सेवक बनकर
त्याग, भक्ति और विनम्रता का
हमें बना दो पुतला प्रभुवर
जिससे हम अपने भारत को
ज़्यादा समझें, ज़्यादा चाहें।

(i) प्रभु क्या है?
(क) सर्वव्यापी
(ख) विनम्रता की निधि
(ग) सर्वसुलभ
(घ) करुणा-सागर
उत्तर
(ख) विनम्रता की निधि

(ii) कवि किसमें प्रभु की मदद चाहता है?
(क) नदियों के जल से सिंचित सुंदर भारत में उन्हें खोज सके
(ख) दीन-दुखियों की कुटी में उन्हें पा सके
(ग) कण-कण में छुपे प्रभु के दर्शन हेतु
(घ) करुणामय की दया हेतु
उत्तर
(ख) दीन-दुखियों की कुटी में उन्हें पा सके

(iii) वह प्रभु से क्या माँगता है?
(क) ग्रहणशीलता और खुला हृदय
(ख) उसकी विनम्रता
(ग) शक्ति और तत्परता
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(घ) उपर्युक्त सभी

(iv) वह प्रभु से किसका पुतला बनने की कामना करता है?
(क) सहचर
(ख) सेवक
(ग) त्याग, भक्ति और विनम्रता
(घ) सामान्य का प्रतिरूप
उत्तर
(ग) त्याग, भक्ति और विनम्रता

(v) वह यह सब क्यों माँग रहा है?
(क) अपने लिए
(ख) देश को ज़्यादा समझने और चाहने के लिए
(ग) सबके लिए
(घ) भारत के लिए व्यावहारिक
उत्तर
(ख) देश को ज़्यादा समझने और चाहने के लिए

व्याकरण (अंक 16)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिएि। (1 x 4 = 4)

(i) जब बारिश हुई तब किसान झूमने लगा। वाक्य है
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ख) मिश्र वाक्य

(ii) हम चाहते हैं कि हिंसा बंद हो जाए। रेखांकित उपवाक्य है
(क) संज्ञा उपवाक्य
(ख) सर्वनाम उपवाक्य
(ग) क्रिया उपवाक्य
(घ) विशेषण उपवाक्य
उत्तर
(क) संज्ञा उपवाक्य

(iii) सरल वाक्य है
(क) वह कामचोर था, इसलिए विफल हुआ।
(ख) वह आया, परंतु कुछ नहीं बोला।
(ग) हम लोग तैरने के लिए नदी पर गए थे।
(घ) ऐसा काम करो, जिसमें फायदा हो।
उत्तर
(ग) हम लोग तैरने के लिए नदी पर गए थे।

(iv) संयुक्त वाक्य है
(क) मुझे नहीं पता कि वे कब आएँगे।
(ख) परीक्षा कठिन है, इसलिए परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुआ।
(ग) बच्चे शोर मचा रहा हैं।
(घ) जो जागत है, सो पावत है।
उत्तर
(क) मुझे नहीं पता कि वे कब आएँगे।

(v) ‘मैं लिख रहा हूँ जो ब्रह्म सत्य है।’ वाक्य में प्रधान उपवाक्य है
(क) ब्रह्य सत्य है
(ख) जो ब्रह्म सत्य है
(ग) मैं लिख रहा हूँ
(घ) लिख रहा हूँ
उत्तर
(क) ब्रह्य सत्य है

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिएि। (1 x 4 =4)

(i) ‘मुझसे पत्र नहीं लिखा गया।’ वाक्य का कर्तृवाच्य है
(क) मैंने पत्र नहीं लिखा।
(ख) मैंने पत्र नहीं लिखा था।
(ग) मैं पत्र नहीं लिखता।
(घ) मैं पत्र नहीं लिख सकता।
उत्तर
(क) मैंने पत्र नहीं लिखा।

(ii) कर्मवाच्य है
(क) लड़के आँगन में सो रहे हैं।
(ख) अब चला जाए।
(ग) हम रोज़ नहाते हैं।
(घ) उससे दिन में फल खाए जाते हैं।
उत्तर
(घ) उससे दिन में फल खाए जाते हैं।

(iii) वाल्मीकि द्वारा रामायण लिखी गई। वाच्य है
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) कोई नहीं
उत्तर
(ख) कर्मवाच्य

(iv) भाववाच्य है
(क) पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
(ख) बच्चा खूब रोया।
(ग) मुझसे बैठा नहीं जाता।
(घ) सिपाही द्वारा चोर पकड़ा गया।
उत्तर
(ग) मुझसे बैठा नहीं जाता।

(v) अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया। वाच्य है
(क) कर्तृवाच्य
(ख) कर्मवाच्य
(ग) भाववाच्य
(घ) कोई नही
उत्तर
(घ) कोई नही

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिएि। (1 x 4 = 4)
(i) माँ आपकी रक्षा करती है। रेखांकित का पद-परिचय है
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ख) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
उत्तर
(ख) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक

(ii) मैं खुद पढ़ लूँगी। ‘खुद’ का पद-परिचय है–
(क) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग
(ख) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘पढ़ लूँगी’ क्रिया की विशेषता
(ग) निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग
(घ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग
उत्तर
(ग) निजवाचक सर्वनाम, एकवचन, स्त्रीलिंग

(iii) मनुष्य का चरित्र उसका उत्तम गुण होता है। वाक्य में ‘उत्तम’ का पद-परिचय है
(क) परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग, ‘गुण’ विशेष्य
(ख) संख्यावाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग, ‘गुण’ विशेष्य
(ग) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग, ‘गुण’ विशेष्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(क) परिमाणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिग, ‘गुण’ विशेष्य

(iv) हम सभी भारतीयों का अभिवादन करते हैं। ‘भारतीयों’ का पद-परिचय होगा
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक
(ख) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक
(ग) गुणावाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, ‘सभी’ विशेष्य
(घ) गुणावाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, ‘हम’ विशेष्य
उत्तर
(ख) जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक

(v) वह लड़का घर जाता है । ‘वह’ का पद-परिचय है
(क) पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
(ख) संकेतवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
(ग) संकेतवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, लड़का विशेष्य
(घ) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
उत्तर
(घ) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक

प्रश्न 6.
निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़कर किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिएि। (1 x 4 = 4)

(i) ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी। जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा यार करो कुर्बानी। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(क) वीर रस
(ख) रौद्र रस
(ग) अद्भुत रस
(घ) करुण रस
उत्तर
(क) वीर रस

(ii) “ऊधो, मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं। हंससुता की सुंदर कगरी और द्रुमन की छाँहीं।।” इन पंक्तियों में किस रस का स्थायी भाव है?
(क) विस्मय
(ख) रति
(ग) शोक
(घ) क्रोध
उत्तर
(ख) रति

(iii) किलक अरे मैं नेह निहारूँ। इन दाँतों पर मोती वारूँ।। इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
(क) उत्साह
(ख) भक्ति
(ग) रति
(घ) वात्सल्य
उत्तर
(घ) वात्सल्य

(iv) उत्साह किस रस का स्थायी भाव है?
(क) वीभत्स
(ख) भयानक
(ग) रौद्र
(घ) वीर
उत्तर
(घ) वीर

(v) हास्य रस का उदाहरण है
(क) बसों मेरे नैनन में नंदलाल, मोर मुकुट मकराकृत कुंडल, अरुण तिलक दिए भाल।
(ख) सीस पर गंगा हँसे, भुजनि भुजंगा हँसे, हास ही को दंगा भयो नंगा के विवाह में।
(ग) दुख ही जीवन की कथा रही, क्या कहूँ आज जो नहीं कही।
(घ) लंका की सेना कपि के गर्जन रव से काँप गई, हनुमान के भीषण दर्शन से विनाश ही भाँप गई।
उत्तर
(ख) सीस पर गंगा हँसे, भुजनि भुजंगा हँसे, हास ही को दंगा भयो नंगा के विवाह में।

पाठ्यपुस्तक (अंक 14)

प्रश्न 7.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 x 5 = 5)
ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफर करता देखे।… अकेले सफर का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे और अब किसी सफेदपोश के सामने खीरा कैसे खाएँ? हम कनखियों से नवाब साहब की ओर देख रहे थे। नवाब साहब कुछ देर गाड़ी की खिड़की से बाहर देखकर स्थिति पर गौर करते रहे।

(i) लेखक की पुरानी आदत क्या थी?
(क) गीत गाते रहना
(ख) दूसरों से बातें करना
(ग) कल्पना करते रहना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(ग) कल्पना करते रहना

(ii) लेखक किसकी असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे?
(क) अपनी पत्नी की
(ख) स्वयं की
(ग) नवाब साहब की
(घ) अपने मित्रों की
उत्तर
(ग) नवाब साहब की

(iii) लेखक ने क्या-क्या अनुमान लगाया?
(क) नवाब साहब एकांत में यात्रा करना चाहते होंगे
(ख) बचत करना चाहते होंगे
(ग) अकेलेपन को दूर करने के लिए खीरे खरीदे होंगे
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(घ) उपर्युक्त सभी

(iv) नवाब साहब खीरे क्यों नहीं खा रहे थे?
(क) संकोचवश
(ख) उन्हें खीरे अच्छे नहीं लगते
(ग) ट्रेन में खाना मना है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(क) संकोचवश

(v) डिब्बे में चढ़ते समय लेखक का क्या अनुमान था?
(क) डिब्बे में भीड़ होगी
(ख) डिब्बा खाली होगा
(ग) डिब्बे में चढ़ना मुश्किल होगा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(ख) डिब्बा खाली होगा

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 x 2 = 2)
(i) नेताजी का चश्मा कहानी में सुभाषचंद्र बोस जी की मूर्ति किससे बनी थी?
(क) लोहा
(ख) संगमरमर
(ग) कंक्रीट
(घ) मिट्टी
उत्तर
(ख) संगमरमर

(ii) भगत जी की बहू उन्हें छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहती थी?
(क) सामाजिक मर्यादा के कारण
(ख) संपत्ति के लोभ में
(ग) पति से प्यार होने के कारण
(घ) ससुर की चिंता के कारण
उत्तर
(घ) ससुर की चिंता के कारण

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 x 5 = 5)
मन की मन ही माँझ रही।
कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।
अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।
अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।
चाहति हुती गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही।
‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।
उत्तर
(i) गोपियाँ अपनी मन की व्यथा को क्यों नहीं कह पा रही हैं?
(क) गोपियाँ श्रीकृष्ण के प्रेम-विरह में इतनी व्याकुल हैं कि अपने मन की बात भी करना नहीं चाहती हैं।
(ख) गोपिकाओं को अब तक ऐसा कोई नहीं मिला, जिससे वे अपने मन की व्यथा कह सकें।
(ग) श्रीकृष्ण के वियोग में गोपिकाएँ तन-मन से बहुत व्यथित हैं।
(घ) दिए गए विकल्पों के सभी उत्तर गलत हैं।
उत्तर
(घ) दिए गए विकल्पों के सभी उत्तर गलत हैं।

(ii) गोपियों का धैर्य क्यों टूटने लगा?
(क) उन्हें विश्वास था कि श्रीकृष्ण उनसे मिलने ज़रूर आएँगे, लेकिन श्रीकृष्ण नहीं आए।
(ख) श्रीकृष्ण ने उद्धव को योग-साधना सिखाने के लिए गोपियों के पास भेजा।
(ग) दोनों विकल्प सही हैं।
(घ) दोनों विकल्प गलत हैं।
उत्तर
(ग) दोनों विकल्प सही हैं।

(iii) गोपियों के पास उद्धव किसका संदेश लेकर आए थे?
(क) मथुरा के राजा कंस का
(ख) गोकुल के सरपंच का
(ग) श्रीकृष्ण जी का
(घ) दिए गए विकल्पों का सभी उत्तर गलत है।
उत्तर
(ग) श्रीकृष्ण जी का

(iv) किस मर्यादा के उल्लंघन की बात गोपियाँ उद्धव से कह रही हैं?
(क) कृष्ण के द्वारा प्रेम की मर्यादा का
(ख) उद्धव के उपदेश देने की मर्यादा के बारे में
(ग) गोपियों के प्रेम की मर्यादा के बारे में
(घ) दिए गए विकल्पों के सभी उत्तर सही हैं।
उत्तर
(क) कृष्ण के द्वारा प्रेम की मर्यादा का

(v) ‘बिरहिनि’ का अर्थ है
(क) वियोग में जीने वाली महिला
(ख) गायिका
(ग) एक तरह का गीत
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(क) वियोग में जीने वाली महिला

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए। (1 x 2 = 2)
(i) सहस्रबाहु की भुजाओं को किसने काट डाला था?
(क) लक्ष्मण ने
(ख) परशुराम ने
(ग) विष्णु ने
(घ) शिव ने
उत्तर
(ख) परशुराम ने

(ii) लड़की होना पर लड़की जैसा मत दिखना’ का क्या आशय है?
(क) आवश्यकता अनुरूप कठोर और कोमल
(ख) कठोर दिखना
(ग) उपर्युक्त में से कोई नहीं
(घ) कोमल दिखना
उत्तर
(घ) कोमल दिखना

का खंड ‘ब’- वर्णनात्मक प्रश्न (अंक 40)

पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक (अंक 20)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 x 4 = 8)

(क) बालगोबिन भगत की मृत्यु उन्हीं के अनुरूप हुई?
(ख) लेखक को नवाब साहब का मौन रहना भी अखर रहा था और बातें करना भी कचोटने लगा। क्यों?
(ग) ‘फ़ादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा है,’ ऐसा क्यों कहा गया है?
(घ) सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 x 3 = 6)
(क) ‘कन्यादान’ कविता में माँ ने बेटी को ऐसा क्यों कहा, ‘लड़की होना, पर लड़की जैसी दिखाई मत देना’?
(ख) ‘अट नहीं रही’ कविता में कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
(ग) ‘गाधिसुनू’ किसे कहा गया है? वे मुनि की किस बात पर मन ही मन मुस्कुरा रहे थे?

प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए। (3 x 2 = 6)
(क) और देखते ही देखते नई दिल्ली का कायापलट होने लगा?’ नई दिल्ली के कायापलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे?
(ख) ‘साना-साना हाथ जोड़ि’…. पाठ में गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है?
(ग) गुरुजी की फटकार से रोता हुआ बालक भोलानाथ यकायक चुप कैसे हो गया?

लेखन (अंक 20)

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए। (5 x 1 =5)
(क) महानगरीय जीवनः वरदान या अभिशाप
संकेत-बिंदु-

  • शहरों की ओर बढ़ते कदम
  • दिवास्वप्न
  • वरदान रूप
  • महानगरीय जीवन-एक अभिशाप।

(ख) बदलती दुनिया में पीछे छूटते जीवन-मूल्य
संकेत-बिंदु-

  • संसार परिवर्तनशील
  • बदलाव का प्रभाव
  • खोते नैतिक मूल्य।

(ग) सत्संगति का प्रभाव
संकेत-बिंदु-

  • सत्संगति का अर्थ
  • सत्संगति से लाभ
  • विद्यार्थी में सत्संगति का महत्व।

प्रश्न 15.
आपका मित्र बोर्ड की परीक्षा में प्रथम घोषित किया गया है। इस अवसर पर उसे लगभग 80-100 शब्दों में बधाई पत्र लिखिए। (5 x 1 =5)
अथवा
चेक बुक खो जाने की सूचना देते हुए अपने बैंक के प्रबंधक को 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए।(5 x 1 =5)

प्रश्न 16.
विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हस्तकला की वस्तुओं की प्रदर्शनी के प्रचार हेतु लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए। (5 x 1 =5)
अथवा
‘हरियाली’ पौधशाला के पौधों की बिक्री बढ़ाने हेतु 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

प्रश्न 17.
प्रधानाचार्य की और से विद्यालय की वार्षिक पत्रिका हेतु विद्यार्थियों को लेख आदि भेजने का संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए। (5 x 1 =5)
अथवा
मित्र को विद्यालय की रजत जयंती हेतु शुभकामना संदेश 30-40 शब्दों में लिखिए।