Here we are providing Class 12 Hindi Important Extra Questions and Answers Aroh Chapter 16 नमक. Important Questions for Class 12 Hindi are the best resource for students which helps in class 12 board exams.

नमक Class 12 Important Extra Questions Hindi Aroh Chapter 16

प्रश्न 1.
क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते? ऐसा क्यों कहा:गया है?
उत्तर
ऐसा इसलिए कहा गया है कि आज के युग में कानून केवल हुकूमत के लाभ हेतु बनाए जाते हैं, सामान्य जनता के लिए नहीं। हुकूमत के लिए सरहदों के इस पार या उस पार सामान के लाने या ले जाने पर कोई पाबंदी नहीं। वह जब चाहे कुछ भी इधर से उधर ले जा सकती है, लेकिन सामान्य जनता को अनेक कस्टम से होकर गुजरना पड़ता है। वही सामान सामान्य व्यक्ति के लिए गैर-कानूनी माना जाता है। कहने का आशय यह है कि कानूनों से अलग भी एक दुनिया रोती है, जिसमें मुहब्बत, मुरौवत और इंसानियत शामिल है। यह दनिया हकमत के कानून से ऊपर मानी जाती है।

प्रश्न 2.
भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर
सफ़िया को अगले दिन पाकिस्तान से रवाना होना था, इसलिए उसने रात में सारा सामान बाँध लिया। केवल कीनू की टोकरी और एक नमक की पुड़िया ही शेष रह गई थी। अब यह इसी द्वंद्व में थी कि इस नमक की पुड़िया को किसमें और कहाँ रखकर ले जाए जिससे यह कस्टम अधिकारियों की आँखों से बच सके। वह अधिक भावुक होकर इस प्रकार बार-बार चिंतन कर रही थी। लेकिन अब वह निर्णय पर पहुंच चुकी थी कि इसे कहाँ रखकर ले जाऊँगी। इसीलिए ऐसा कहा गया है कि भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।

प्रश्न 3.
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है? ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है, ऐसा इसलिए कहा गया है कि कस्टम पर भारत और पाकिस्तान दोनों वतन के लोग हैं। कोई विस्थापित होकर इधर आया है तो कोई उधर गया है लेकिन आज तक भी वे अपने वतन से मुहब्बत करते हैं, इसलिए जब भी कोई हमवतन कोई गैर-कानूनी सामान भी लेकर आता है तो उसे अपने वतन से मुहब्बत के कारण भावनात्मक रूप से छोड़ दिया जाता है। इन्हीं भावनाओं के बल पर व्यक्ति कस्टम से इधर-उधर गुजर जाता है।

प्रश्न 4.
हमारी जमीन, हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है-ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर
मनुष्य का स्वाभाविक गुण है कि वह अपनी जन्मभूमि से आजीवन जुड़ा रहता है। उसे अपनी जमीन अन्य स्थलों की अपेक्षा अधिक
प्यारी लगती है। वह भावनात्मक रूप से उसके साथ रहता है। उसकी प्रत्येक वस्तु से उसका गहन लगाव होता है, इसलिए ऐसा कहा गया है कि हमारी जमीन, हमारे पानी का मजा कुछ और ही है।

प्रश्न 5.
फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं। इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
इस पंक्ति का आशय यह है कि जब सफ़िया सिख बीबी को पूछती है कि आपको हिंदुस्तान आए कितने वर्ष हो गए तो सिख बीबी उसे बताती है कि वे तब आए थे जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान विभाजन हुआ था। वह आज भी अपना वतन लाहौर मानती है। इसलिए अपने वतन तथा जन्मभूमि को याद करके सिख बीबी की आँखों से कुछ आँसू सितारों की भाँति टूटकर उसके सफेद आँचल में समा जाते हैं। वह विस्थापन को याद करके फूट-फूटकर रोने लगती है।

प्रश्न 6.
आशय स्पष्ट कीजिए:- “किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ़ है या उस तरफ़?”
उत्तर
प्रस्तुत पंक्ति से आशय है कि सफ़िया नमक की पुड़िया लेकर पाकिस्तान से कस्टम से होकर हिंदुस्तान के कस्टम तक आई। दोनों कस्टम से वह भावनात्मक रूप से बच गई। अमृतसर आकर जब वह पुल पर चढ़ रही थी उस समय पुल के पास कस्टम वाले सिर झुकाए खड़े थे तो उस समय वह सोच रही थी कि किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ है या उस तरफ।

प्रश्न 7.
सफ़िया सिख बीबी को देखकर हैरान क्यों रह गई थी?
उत्तर
सफ़िया को सिख बीबी बिल्कुल अपनी माँ जैसी ही प्रतीत हुई थी। उसका शरीर भी भारी-भरकम था, वैसी ही छोटी-छोटी चमकदार आँखें थीं जिनमें नेकी, मुहब्बत और रहमदिली की रोशनी जगमगाती थी। उसने वैसा ही मलमल का सफ़ेद दुपट्टा ओढ़ा हआ था जैसा उसकी माँ महर्रम में ओढ़ा करती थी।

प्रश्न 8.
औरत सफ़िया के पास क्यों आ बैठी थी? उसने क्या बताया था?
उत्तर
जब सफ़िया ने उसकी ओर कई बार प्रेम से देखा तो वह उसके पास आ बैठी थी और जब उसे यह पता लगा कि वह लाहौर जा रही थी तो उसने लाहौर शहर की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह बहुत प्यारा शहर है। वहाँ के लोग बहुत खूबसूरत होते हैं जो अच्छा खाने, नफ़ीस कपड़ों, सैर-सपाटे के रसिया और जिंदादिली की तस्वीर होते हैं।

प्रश्न 9.
सिख बीबी क्या हिंदुस्तान में बसने के बाद प्रसन्न थी? कैसे?
उत्तर
सिख बीबी तब हिंदुस्तान में आई थी जब विभाजन के बाद उसे लाहौर छोड़ना पड़ा था। अब उनके परिवार का अच्छा व्यापार है, कोठी है, वह प्रसन्न है पर उसका दिल तो अभी भी लाहौर में ही बसता है। उसे याद कर उसकी आँखों से आँसू की बूंदें अभी भी टपक ही पड़ती हैं।

प्रश्न 10.
सफ़िया के भाई ने साहित्यकारों के विषय में क्या कहा था? क्यों?
उत्तर
सफ़िया के भाई ने साहित्यकारों के विषय में कहा था कि उनका दिमाग थोड़ा-सा अवश्य ही घुमा हुआ होता है, वे सामान्य नहीं होते। ऐसा उसने इसलिए कहा था कि सफ़िया लाहौर से थोड़ा-सा नमक हिंदुस्तान लाना चाहती थी। वह इस गैर-कानूनी काम को सब को बताकर, दिखाकर करना चाहती थी।

प्रश्न 11.
कस्टम अधिकारी ने सफ़िया से क्या कहा था?
उत्तर
कस्टम अधिकारी ने सफ़िया के बैग में नमक रखते हुए कहा था कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को उसका सलाम कहना और उस सिख बीबी को नमक देते हुए कहना कि लाहौर अभी तक उनका वतन था और दिल्ली उसका। शेष सब धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।

प्रश्न 12.
कहानी के आधार पर सफ़िया के भाई की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
सफ़िया का भाई पुलिस अधिकारी था जो पाकिस्तान में कार्यरत था। उसके मन में हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच का भेदभाव स्पष्ट रूप से बहुत बड़ा था। वह लाहौरी नमक को किसी भी अवस्था में हिंदुस्तान ले जाने के पक्ष में नहीं था और उसने ऐसा करना और-कानूनी माना था। स्वयं संवेदना शून्य होने के कारण वह कस्टम अधिकारियों को भी अपने जैसा ही समझता है और अपनी बहन को नमक न ले जाने की सलाह देता है।

प्रश्न 13.
‘नमक’ कहानी की मूल संवेदना अपने शब्दों में लिखिए। (Outside Delhi 2017, Set-II)
अथवा
नमक कहानी की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए। (C.B.S.E. 2018)
उत्तर
‘नमक’ भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ से विस्थापित लोगों के दिलों को टटोलती एक मार्मिक कहानी है। इसमें लेखिका ने चित्रित किया है कि एक लकीर खींच देने से जमीन और जनता को कागजी रूप से तो विभाजित किया जा सकता है किंतु वास्तविक रूप में नहीं। यह सत्य है कि जमीन को चाहकर भी नहीं बाँटा जा सकता और न ही कोई जनता की भावनाओं को दबा सकता है।

विस्थापित होकर आई सिख बीवी आज भी लाहौर को ही अपना वतन मानती है और यही कारण है कि वह सौगात के तौर पर लाहौरी नमक मंगवाना चाहती है। पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी भी यही कहता है कि दिल्ली मेरा वतन है। जब साफीया पाकिस्तान से नमक लेकर चली तो कस्टम अधिकारी ने कहा था कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा।

महत्वपूर्ण गद्यांशों के अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. “हाँ बेटी ! जब हिंदुस्तान बना था तभी आए थे। वैसे तो अब यहाँ भी कोठी बन गई है। बिजनेस है, सब ठीक ही है, पर लाहौर याद आता है। हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।” फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं। बात आगे चल पड़ती, मगर घूम-फिरकर फिर उसी जगह पर आ जाती-‘साडा लाहौर’!

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. प्रस्तुत गद्यांश की लेखिका तथा पाठ का नाम लिखिए।
2. ‘हाँ बेटी’ ! जब हिंदुस्तान बना था तभी आए थे’ यह बात कौन किससे कहता है?
3. सिख बीबी की आँखों में आँसू क्यों आ गए हैं?
4. सिख बीबी सफ़िया से बातें करते हुए घूम-फिरकर कहाँ आ जाती थी?
उत्तर
1. प्रस्तुत गद्यांश की लेखिका रजिया सज्जाद जहीर हैं तथा पाठ का नाम ‘नमक’ है।
2. यह बात सिख बीबी सफ़िया से कहती हैं।
3. जब सफ़िया ने सिख बीबी से पूछा कि उन्हें हिंदुस्तान आए कितने दिन हो गए तो सिख बीबी को फिर से अपने वतन की याद आ गई। अपने वतन लाहौर तथा अपने बचपन को याद करते ही सिख बीबी की आँखों में आँसू आ गए।
4. जब सफ़िया सिख बीबी से बातें कर रही थी तो सिख बीबी बार-बार बातें करते हुए घूम-फिरकर अपने वतन की बातें करने लगती थीं। वह बार-बार यही कहती थी कि ‘साडा लाहौर।’

2. एक बार झाँककर उसने पुड़िया को देखा और उसे ऐसा महसूस हुआ मानो उसने अपनी किसी प्यारे को कब्र की गहराई में उतार दिया हो ! कुछ देर उकडूं बैठी वह पुड़िया को तकती रही और उन कहानियों को याद करती रही जिन्हें वह अपने बचपन में अम्मा से सुना करती थी, जिनमें शहजादा अपनी रान चीरकर हीरा छिपा लेता था और देवों, खौफनाक भूतों तथा राक्षसों के सामने से होता हुआ सरहदों से गुजर जाता था। इस जमाने में ऐसी कोई तरकीब नहीं हो सकती थी वरना वह अपना दिल चीरकर उसमें यह नमक छिपा लेती। उसने एक आह भरी।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. एक बार झाँककर किसने और कहाँ देखा?
2. सफ़िया की टोकरी में कौन-से फल थे? उसने उसे क्यों खाली कर दिया?
3. सफ़िया ने जब टोकरी में पुड़िया झाँककर देखा तो उसे कैसा महसूस हुआ?
4. पुड़िया को टोकरी में देखकर सफ़िया को कौन-सी कहानियाँ याद हो आई?
उत्तर
1. एक बार झाँककर सफ़िया ने अपनी खाली टोकरी में देखा।
2. सफ़िया की टोकरी में किनु के फल थे। उसने अपनी टोकरी इसलिए खाली कर दी क्योंकि वह उसमें एक नमक की पुड़िया छिपाकर हिंदुस्तान लाना चाहती थी।
3. सफ़िया ने जब टोकरी में पुड़िया को झाँककर देखा तो उसे ऐसा महसूस हुआ, मानो उसने अपने किसी प्यारे को कब्र की गहराई में उतार दिया हो।
4. पुड़िया को टोकरी में देखकर सफ़िया को अपने बचपन की कहानियाँ याद हो आईं जिन्हें उसकी अम्मा सुनाया करती थी। उनमें शहज़ादा अपनी रान चीरकर हीरा छिपा लेता था और देवों, भूतों तथा राक्षसों के सामने होता हुआ सरहदों से गुज़र जाता था।

3. रात को तकरीबन डेढ़ बजे थे। मार्च की सुहानी हवा खिड़की की जाली से आ रही थी। बाहर चाँदनी साफ़ और ठंडी थी। खिड़की के करीब लगा चंपा का एक घना दरख्त सामने की दीवार पर पत्तियों के अक्स लहका रहा था। कभी किसी तरफ से किसी की दबी हुई खाँसी की आहट, दूर से किसी कुत्ते के भौंकने या रोने की आवाज़, चौकीदार की सीटी और फिर सन्नाटा ! यह पाकिस्तान था।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. उपर्युक्त गद्यांश की लेखिका तथा पाठ का नाम बताएँ।
2. सफ़िया पाकिस्तान क्या लेने गई थी?
3. रात्रि का वातावरण कैसा था?
4. रात्रि के डेढ़ बजे तक भी सफ़िया क्यों नहीं सो पाई?
उत्तर
1. उपर्युक्त गद्यांश की लेखिका ‘रजिया सज्जाद जहीर’ तथा पाठ का नाम ‘नमक’ है।
2. सफ़िया पाकिस्तान अपने परिवार वालों से मिलने गए थी। यहाँ उसके तीन सगे भाई, अनेक दोस्त तथा भतीजे-भतीजियाँ रहते थे।
3. रात्रि का वातावरण बड़ा मनमोहक था। मार्च की सुहानी हवा चल रही थी। चाँदनी साफ़ और ठंडी थी।
4. सफ़िया को अगले दिन हिंदुस्तान आना था। वह सिख बीबी द्वारा मैंगाए गए नमक की पुड़िया को किसी भी तरह कस्टम वालों से बचाकर लाना चाहती थी। वह डेढ़ बजे तक उसी पुड़िया को छुपाने में लगी रही, इसीलिए वह रात्रि के डेढ़ बजे तक सो नहीं पाई।

4. प्लेटफॉर्म पर उसके बहुत-से दोस्त, भाई रिश्तेदार थे, हसरत भरी नज़रों, बहते हुए आँसुओं, ठंडी साँसों और भिंचे हुए होंठों को बीच में से काटती हुई रेल सरहद की तरफ बढ़ी। अटारी में पाकिस्तानी पुलिस उतरी, हिंदुस्तानी पुलिस सवार हुई। कुछ समझ में नहीं आता था कि कहाँ से लाहौर खत्म हुआ और किस जगह से अमृतसर शुरू हो गया। एक जमीन थी, एक ज़बान थी, एक-सी सूरतें और लिबास, एक-सा लबोलहजा और अंदाज थे, गालियाँ भी एक ही सी थीं जिनमें दोनों बड़े प्यार से एक-दूसरे को नवाज़ रहे थे। बस मुश्किल सिर्फ इतनी थी कि भरी हुई बंदूकें दोनों के हाथों में थीं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. पाकिस्तानी पुलिस रेल से कहाँ उतरी और क्यों?
2. लेखिका की समझ में यह क्यों नहीं आया कि लाहौर कहाँ से खत्म हुआ और अमृतसर कहाँ से शुरू ?
3. सरहद के दोनों ओर क्या समानताएँ थीं?
4. सरहद के दोनों ओर अनेक समानताएँ होने पर भी क्या मुश्किल थी?
उत्तर
1. पाकिस्ताना पुलिस अटारी स्टेशन पर उतरी क्योंकि यहाँ आकर पाकिस्तान की सरहद समाप्त हो गई थी और हिंदुस्तान की सरहद प्रारंभ। यहाँ आकर हिंदुस्तानी पुलिस रेल में सवार हो गई।
2. लेखिका को यह इसलिए समझ नहीं आता था क्योंकि दोनों तरफ एक जैसी ज़मीन थी, एक जैसी जबान, एक-सी सूरतें और लिबास थे, एक जैसा लबोलहजा तथा अंदाज था और गालियाँ भी एक ही सी थीं।
3. सरहद के दोनों ओर एक जैसी जमीन थी, एक जैसी भाषा, एक-सी सूरतें, लिबास, लबोलहजा और अंदाज थे, गालियाँ भी एक ही सी थीं।
4. सरहद के दोनों ओर अनेक समानताएँ थीं लेकिन मुश्किल केवल इतनी थी कि सरहद के दोनों ओर तैनात पुलिसवालों के हाथों में भरी हुई बंदूकें थीं।

5. जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, “मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।” वह चलने लगी तो वे खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ़ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ़्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा।” (A.I. C.B.S.E. 2016)

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. पुड़िया में ऐसा क्या था जो कहानी बन गया? संक्षेप में समझाइए।
2. आशय समझाइए-‘जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा।’
3. ‘बाकी सब रफ़्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा’-पक्ष या विपक्ष में दो तर्क दीजिए।
4. नमक का लाना-ले जाना प्रतिबंधित होते हुए भी कस्टम अधिकारी ने अनुमत्ति क्यों दे दी? तर्कसम्मत उत्तर दीजिए।
उत्तर
1. पुड़िया में लाहौरी नमक था। जिसे सफ़िया लाहौर से कीनू की टोकरी में छिपाकर लाई।
2. इस पंक्ति का आशय है कि कस्टम अधिकारी ने सफ़िया को नमक की पुड़िया देते हुए कहा था कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहना। यह कस्टम अधिकारी का अपने वतन के प्रति देशभक्ति का प्रतीक है।
3.

  • धीरे-धीरे दोनों देशों के संबंध मधुर बन जाएंगे।
  • लोगों के दिलों की दुरियाँ कम हो जाएँगी।

4. कस्टम अधिकारी ने नमक के पीछे मानवीय भावनाओं तथा देशभक्ति की भावना को समझ लिया था। इसलिए उसने नमक ले जाने दिया।