Here we are providing Class 12 Hindi Important Extra Questions and Answers Aroh Chapter 4 कैमरे में बंद अपाहिज. Important Questions for Class 12 Hindi are the best resource for students which helps in class 12 board exams.

कैमरे में बंद अपाहिजClass 12 Important Extra Questions Hindi Aroh Chapter 4

प्रश्न 1.
जब शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति से उसके दुख के विषय में पूछा जाता है तो वह अपने दुख को क्यों नहीं बता पाता?
उत्तर
जब शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे व्यक्ति से उसके दुख के विषय में पूछा जाता है तो वह अपने दुख के विषय में नहीं बता पाता क्योंकि वह अपनी शारीरिक दुर्बलता को लोगों के सामने प्रकट नहीं करना चाहता। वह नहीं चाहता कि लोग उसे दुर्बल और शक्तिहीन समझें तथा किसी कार्य को करने में असमर्थ कहें वह इस भय से लोगों की हँसी का पात्र भी नहीं बनना चाहता कि कहीं वह कुंठित न हो जाए, उसमें साहस की कमी न होने लगे।

प्रश्न 2.
काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
उससे पूछेगे तो आप क्या अपाहिज हैं?
तो आप क्यों अपाहिज हैं?
आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा देता है?
(कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा) हाँ
तो बताइए आपका, दुख क्या है
जल्दी से बताइए वह दुख बताइए
बता नहीं पाएगा।

  • प्रस्तुत काव्यांश ‘आरोह भाग-2’ में संकलित कवि रघुवीर सहाय द्वारा रचित ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ नामक कविता में अवतरित है।
  • इस काव्यांश में कवि ने अपंग व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
  • भाषा खड़ी बोली सरल, सरस है।
  • तत्सम, तद्भव और विदेशी शब्दावली का प्रयोग हुआ है।
  • अनुप्रास, प्रश्नालंकार, पदमैत्री, स्वरमैत्री अलंकारों का प्रयोग है।
  • बिंब-योजना अत्यंत सार्थक एवं सटीक है।
  • भावपूर्ण शैली का प्रयोग है।
  • करुण रस का प्रयोग हुआ हैं।

प्रश्न 3.
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता की व्यंजना स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता अपनी व्यंजना में ऐसे व्यक्तियों की ओर इशारा करती है, जो अपने दुख-दर्द, यातना-वेदना को बेचना चाहते हैं। उनकी स्थिति महामारी की कामना करनेवाले चिकित्सक के समान होती है।

प्रश्न 4.
‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता का मुख्य भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
“कैमरे में बंद अपाहिज’ रघुवीर सहाय विरचित ‘लोग भूल गए हैं’ काव्य-संग्रह से ली गई है। इसमें कवि ने शारीरिक चुनौती को झेलते लोगों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि कैमरे के सामने अपने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु ऐसे लोगों से बेतुके सवाल पूछे जाते हैं कि इसमें कवि ने एक तरह से पीड़ा के साथ दृश्य-संचार माध्यम के संबंध को रेखांकित किया है जो दिखाता है कि किस तरह करुणा जगाने के मकसद से शुरू हुआ कार्यक्रम किस तरह क्रूर बन जाता है। यह कविता ऐसे लोगों की तरफ संकेत करती है जो अपने दुख-दर्द, वेदना-यातना को बेचना चाहते हैं।

प्रश्न 5.
इस कविता की बिंब-योजना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
यह कविता रघुवीर सहाय द्वारा रचित है। इसकी बिंब-योजना सार्थक एवं सटीक है। इसमें कवि ने दृश्य-श्रव्य बिंबों को अपनाया है। उनके बिंब सामाजिक चेतना से युक्त हैं जो सरलता एवं स्पष्टता से समन्वित हैं।

प्रश्न 6.
अपाहिज कैमरे के सामने क्यों रो पड़ता है?
उत्तर
अपाहिज कैमरे के सामने इसलिए रो पड़ता है क्योंकि संचार माध्यमवाले लोग उसकी भावनाओं एवं संवेदनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। कारोबारी दबाव के कारण उनका रवैया संवेदनहीन बन जाता है, जिससे उनका कार्यक्रम रोचक एवं प्रभावशाली बन सके। इस उद्देश्य के लिए वे मानवता को भी तार-तार कर देते हैं।

प्रश्न 7.
संचार माध्यम किन्हें एक साथ रुलाना चाहता है और क्यों?
उत्तर
संचार माध्यम अपाहिज एवं दर्शकों को एक साथ रुलाना चाहता है। वह ऐसा इसलिए चाहता है ताकि उसका कार्यक्रम अत्यंत रोचक, प्रभावशाली एवं सफल बन सके। उसकी इच्छित धन-पिपासा शांत हो सके। उसका अहं पूर्ण हो जाए।

प्रश्न 8.
‘हम दूरदर्शन पर बोलेंगे
हम समर्थ शक्तिवान
हम एक दुर्बल को लाएँगे
एक बंद कमरे में इस काव्यांश का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
भाव-सौंदर्य-यह अवतरण ‘रघुवीर सहाय’ द्वारा ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ नामक कविता से अवतरित है। इसमें कवि ने टेलीविजन कैमरे के सामने अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शारीरिक अपंग मनुष्य के प्रति संवेदनशील भाव को प्रकट किया है। हम दर्शकों के सामने दूरदर्शन पर स्वयं को समर्थ एवं शक्तिशाली बताएँगे। अपना गौरवगान स्वयं करेंगे ताकि हमारा कार्यक्रम अधिक सफल बन सके। इसीलिए किसी कमजोर, असहाय व्यक्ति को हम एक बंद कमरे में कैमरे के साथ प्रस्तुत करेंगे।

काव्य-सौंदर्य-इस अवतरण में रघुवीर सहाय ने टेलीविजन कैमरे के सामने किसी अपंग मनुष्य के प्रति संवेदनशील रवैये का चित्रण किया है। भाषा सरल एवं स्पष्ट है। तत्सम एवं तद्भव शब्दावली है। शैली मर्मस्पर्शी एवं भावपूर्ण है। करुण रस है। प्रसाद-गुण संपन्न है। अभिधात्मकता का समावेश है। अनुप्रास एवं पदमैत्री अलंकारों का प्रयोग है।

सप्रसंग व्याख्या, अर्थग्रहण एवं सौंदर्य-सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर

1. हम दूरदर्शन पर बोलेंगे
हम समर्थ शक्तिवान
हम एक दुर्बल को लाएँगे
एक बंद कमरे में
उससे पूछेगे तो आप क्या अपाहिज?
तो आप क्यों अपाहिज हैं?
आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा
देता है?
(कैमरा दिखाओ इसे बड़ा-बड़ा)
हाँ तो बताइए आपका दुख क्या है
जल्दी बताइए वह दुख बताइए
बता नहीं पाएगा

शब्दार्थ : दुर्बल-कमजोर। अपाहिज-शारीरिक रूप से कमजोर।

प्रसंग : प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘आरोह भाग-2’ में संकलित, रघुवीर सहाय द्वारा रचित कविता ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ से अवतरित है। इसमें कवि ने एक ऐसे शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति का चित्रण किया है जिससे टेलीविज़न कैमरे के सामने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अनेक प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे।

व्याख्या : कवि का कथन है कि हम टेलीविज़न पर अपने को समर्थ शक्तिवान बताएँगे तथा अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कैमरे के सामने एक अपाहिज व्यक्ति को लाएँगे। उसे एक बंद कमरे में बिठाकर उससे अनेक प्रकार के प्रश्न पूछेगे। हम उससे पूछेगे कि क्या आप अपाहिज हैं ? यदि हैं तो क्यों हैं? आपकी शारीरिक कमजोरी आपको कष्ट देती होगी। तो आपको यह कमजोरी दुःख देती है,

फिर उसके समक्ष अपने कैमरे को बढ़ा करके दिखाते हैं ताकि उसे बड़ा दिखाया जा सके। फिर इसी तरह उससे पूछेगे कि आप हमें अपना दुख बताएँ, जल्दी बताएँ। कवि कहता है कि इस प्रकार टेलीविज़न कैमरे के सामने शारीरिक दुर्बलता से युक्त व्यक्ति से अनेक प्रश्न पूछे जाएंगे लेकिन वह अपने दुखों को बता नहीं पाएगा। वह अपनी संवेदना को इनके समक्ष नहीं रख पाएगा।

अर्थग्रहण एवं सौंदर्य-सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. हम दूरदर्शन पर क्या बोलेंगे?
2. इस काव्यांश में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।
3. हम कैमरे के सामने अपाहिज से क्या प्रश्न पूछेगे?
4. अपाहिज क्या नहीं बता पाएगा?
5. उपर्युक्त काव्यांश के काव्य-सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
1. हम दूरदर्शन पर बोलेंगे कि हम समर्थ और शक्तिवान हैं।
2. इस काव्यांश में कवि ने सिनेमा जगत तथा उन असमर्थ व्यक्तियों पर व्यंग्य किया है जो अपनी दिव्यांगता को बेचना चाहते हैं।
3. हम कैमरे के सामने अपाहिज से यह प्रश्न पूछेगे

  • आप कैसे अपाहिज हुए?
  • क्या आपका अपाहिजपन आपको दुख देता है ?

4. अपाहिज व्यक्ति अपने दुख को नहीं बता पाएगा। वह अपनी संवेदना को इनके समक्ष नही रख पाएगा।
5. काव्य-सौंदर्य

  • कवि ने शारीरिक रूप से दुर्बल व्यक्ति के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
  • खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है। भाषा सरल, सरस है।
  • तत्सम, तद्भव और विदेशी शब्दों का प्रयोग है।
  • अनुप्रास, पदमैत्री एवं स्वरमैत्री अलंकारों की छटा है।
  • बिंब योजना अत्यंत सार्थक है।
  • मुक्तक छंद का प्रयोग हुआ है।

2. सोचिए
बताइए
आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है
कैसा
यानी कैसा लगता है
(हम खुद इशारे से बताएंगे कि क्या ऐसा?)
सोचिए
बताइए
थोड़ी कोशिश करिए
(यह अवसर खो देंगे?)
आप जानते हैं कि कार्यक्रम रोचक बनाने के वास्ते
हम पूछ-पूछकर उसको रुला देंगे
इंतजार करते हैं आप भी उसके रो पड़ने का
करते हैं?
यह प्रश्न पूछा नहीं जाएगा।

शब्दार्थ : अपाहिज-शारीरिक रूप से दुर्बल। कोशिश-प्रयास। वास्ते-के लिए। खुद-स्वयं, अपने आप। रोचक-मज़ेदार। इंतजार-प्रतीक्षा।

प्रसंग : इंतज़ार-प्रतीक्षा। यह पद्यांश ‘आरोह भाग-2′ में संकलित ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ कविता से लिया गया है। इसके कवि रघुवीर सहाय हैं जो समकालीन हिंदी कविता के प्रसिद्ध कवि हैं। इस पद्यांश में कवि ने उन शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त की है जिनसे टेलीविज़न-कैमरे के समक्ष दूरदर्शनवाले अनेक प्रश्न करते हैं।

व्याख्या : कवि कहता है कि टेलीविज़न कैमरे के सामने अपाहिज व्यक्ति से पूछेगे कि ज़रा सोचकर बताइए कि उसे एक अपाहिज होकर कैसा लगता है, वह कैसा महसूस करता है। बार-बार पूछकर हम कैमरेवाले इशारे करके उसको अपाहिज होकर बताते हैं कि उसे ऐसा लगता है। बार-बार हम उस अपाहिज से ऐसे ही सवाल करते हैं। बार-बार कोशिश करने की सिफारिश करते हैं कि वह हमें सोचकर बताए कि उसे अपाहिज या शारीरिक रूप से दुर्बल होकर कैसा लगता है या वह कैसा महसूस करता है।

कवि दूरदर्शनवालों पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि हम टेलीविज़न-कैमरेवाले ऐसे अपाहिज की भावनाओं को नहीं समझते और हम अपने कार्यक्रम को अत्यधिक मनोरंजनपूर्ण या चुटीला बनाने के लिए बार-बार अपाहिज व्यक्ति से प्रश्न पूछ-पूछकर उसे रुला देते हैं और फिर दर्शकगण भी मनोरंजन करने के लिए उस अपाहिज व्यक्ति के रोने की प्रतीक्षा करते हैं। कवि का कथन है कि आपसे यह प्रश्न नहीं पूछा जाएगा कि आप उसके रो पड़ने का इंतजार क्यों करते हैं ?

अर्थग्रहण एवं सौंदर्य-सराहना संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न
1. हम अपाहिज व्यक्ति को किसलिए रुला देते हैं?
2. अपाहिज से कौन-सा प्रश्न पूछा नहीं जाएगा?
3. ‘यह अवसर खो देंगे?’ इस पंक्ति में निहित भाव स्पष्ट कीजिए।
4. इस काव्यांश के कवि तथा कविता का नाम बताइए।
5. इस काव्यांश का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
1. हम अपने कार्यक्रम रोचक को बनाने के लिए अपाहिज व्यक्ति से प्रश्न पूछ-पूछकर उसे रुला देते हैं।
2. अपाहिज से यह प्रश्न पूछा नहीं जाएगा कि क्या दर्शक भी उसके रोने का इंतजार करते हैं।
3. इस पंक्ति का भाव है कि सिनेमा-जगत अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए किसी अपाहिज को अपने कैमरे के सामने प्रस्तुत करता है तथा बार बार उससे अनेक संवेदनशील प्रश्न पूछता है। उसे अवसर खोने का डर दिखाकर उसकी आत्मा को दर्शकों के सामने खोलने का प्रयास करते हैं।
4. इस काव्यांश के कवि रघुवीर सहाय जी हैं तथा कविता का नाम ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ है।