We have given detailed NCERT Solutions for Class 7 Sanskrit Grammar Book कारकम् Questions and Answers come in handy for quickly completing your homework.
Sanskrit Vyakaran Class 7 Solutions कारकम्
कारक विभक्ति तथा उपपदविभक्तिः
1. कारक- जिन शब्दों का वाक्य में आई (प्रयोग की गई) क्रिया के साथ सीधा सम्बन्ध होता है, वे कारक कहलाते हैं। यथा-
‘रामः रावणं बाणेन मारयति।’ वाक्य में ‘मारयति’ (मारता है) क्रिया का सम्बन्ध, ‘रामः’ (राम) ‘रावणं’ (रावण को) ‘बाणेन’ (बाण द्वारा)-सभी पदों से है। ‘रामः’-क्रिया करने वाला-‘कर्ता’ (subject), ‘रावण’जिस पर क्रिया का प्रभाव-‘कर्म’ (object), बाणेन (बाण से),-क्रिया का साधन/उपकरण (instrument) करण कारक में है। इस वाक्य में मूल शब्द हैं-‘राम’, ‘रावण’ और ‘बाण’। क्रिया से सम्बन्ध के अनुसार वाक्य में इन शब्दों में रूपान्तरण आया है।
2. विभक्ति-संज्ञा शब्दों के साथ क्रिया के इस सम्बन्ध को प्रकट करने के लिए हम प्रत्ययों का प्रयोग करते हैं, वे विभक्ति कहलाती हैं। यथा- कर्त्ता में प्रथमा विभक्ति, कर्म में द्वितीया और करण में तृतीया आदि।
हिंदी भाषा में जिस अर्थ को दर्शाने हेतु ‘ने’, ‘को’ में ‘पर’ आदि परसर्ग का प्रयोग किया जाता है और आंग्ल भाषा में ‘to, for, in, at’ आदि prepositions प्रयोग में लाए जाते हैं, संस्कृत में विभक्ति का प्रयोग उसी अर्थ को दर्शाने के लिए किया जाता है।
यथा- छात्र को (to the student) = छात्रम्, छात्र के लिए (for the student) = छात्राय, वृक्ष पर (on the tree) = वृक्षे, वृक्ष का (of the tree) = वृक्षस्य आदि।
कारक तथा विभक्ति
कारक सात हैं और विभक्तियाँ भी सात होती हैं। सम्बोधन प्रथमा विभक्ति के समान होता है।
कुछ वैयाकरण (व्याकरण के ज्ञाता लोग) सम्बन्ध (Genitive) को कारक नहीं मानते क्योंकि सम्बन्ध कारक का सम्बन्ध क्रियापद से न होकर वाक्य के दूसरे पद से होता है। यथा- ‘दशरथस्य पुत्रः वने अगच्छत्’ वाक्य में क्रियापद ‘अगच्छत्’ (गया) का सम्बन्ध ‘दशरथस्य’ से नही; यहाँ- ‘पुत्रः’ (कर्ता) है। ‘दशरथस्य’ का सम्बन्ध वाक्य के अन्य पद-‘पुत्रः’ से है।
कारक एवं विभक्तियों का प्रयोग
1. कर्ता कारक-प्रथमा विभक्ति – कार्य को करने वाला ‘कर्ता’ होता है। क्रिया के साथ इसका सीधा (मुख्य)सम्बन्ध होता है। कर्तृ वाच्य में क्रिया पद का रूप कर्ता के अनुसार होता है। यथा-
1. बालकः पठति। (बालक पढ़ता हैं।)
2. बालिकाः पाठम् पठन्ति। (बालिकाएँ पाठ पढ़ती हैं।)
3. पत्रम् पतति। (पत्ता गिरता है।)
2. कर्म कारक-द्वितीया विभक्ति – क्रिया (के द्वारा) जिस कार्य को किया जाता है, उसका फल जिस पर पड़ता है उसे ‘कर्म’ कहा जाता है। क्रिया के कार्य का फल कर्म पर आधारित होता है। ऐसा वाक्य ‘सकर्मक’ कहलाता है। यथा-
1. श्यामः पुस्तकम् पठति। [श्याम पुस्तक (को) पढ़ता है।]
2. सीता गीतम् गायति। [सीता गीत (को) गाती है।]
3. मित्रम् पत्रम् लिखति। [मित्र पत्र (को) लिखता है।]
3. करण कारक-तृतीया विभक्ति-क्रिया के साधन के रूप में अर्थात् जिससे कार्य किया जाता है, उसे ‘करण कारक’ कहते हैं। यथा-
1. छात्रः कन्दुकेन क्रीडति (छात्र गेंद से खेलता है।)
2. रमा कलमेन लिखति। (रमा कलम से लिखती है।)
3. शिशुः हस्तेन खादति। (बच्चा हाथ से खाता है।)
4. सम्प्रदान कारक-चतुर्थी विभक्ति – जिसके लिए अथवा जिसे कुछ दिया जाता है, उसमें ‘सम्प्रदान कारक’ होता है। यथा-
1. पितामहः भ्रमणाय गच्छति। (दादा जी भ्रमण के लिए जाते हैं)
2. माता पुत्राय भोजनम् यच्छति। (माता पुत्र के लिए भोजन देती है।)
3. शिष्यः अध्यापकाय पुस्तकम् यच्छति। (छात्र अध्यापक को पुस्तक देता है।)
5. अपादान कारक-पञ्चमी विभक्ति – पृथक् (अलग) होने के अर्थ में ‘अपादान कारक’ होता है। जिससे अलग हुआ जाता है, उसमें पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है। यथा-
1. आकाशात् वृष्टिः पतति। (आसमान से वर्षा गिरती है।)
2. वृक्षात् पत्राणि पतन्ति। (पेड़ से पत्ते गिरते हैं।)
3. पर्वतात् नदी निस्सरति । (पर्वत से नदी निकलती है।)
6. सम्बन्ध कारक-षष्ठी विभक्ति-जिससे दो या दो से अधिक का सम्बन्ध ज्ञात होता है अर्थात् स्व-स्वामी, जन्य-जनक और कार्य-कारण के रूप में ‘सम्बन्ध कारक’ का प्रयोग होता है। यथा-
1. रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत्। (राम दशरथ के पुत्र थे।)
2. एषा वरुणस्य माता अस्ति। (यह वरुण की माता है।)
3. एतत् रजतस्य पात्रम् अस्ति। (यह चाँदी का बर्तन है।)
7. अधिकरण कारक-सप्तमी विभक्ति-कर्ता और कर्म से सम्बन्ध रखने वाली क्रिया के आधार को ‘अधिकरण कारक’ कहते हैं। यथा-
1. बाल: उद्याने क्रीडति (बालक बगीचे में खेलता है।)
2. वृक्षे वानराः कूर्दन्ति। (पेड़ पर बन्दर कूदते हैं।)।
3. कक्षायाम् छात्राः न सन्ति । (कक्षा में छात्र नहीं हैं।)
8. सम्बोधन-‘सम्बोधन’ कर्ता को ही पुकारा जाने वाला रूप होता है। अतः इसे कारक नहीं माना जाता है। इसे अष्टमी विभक्ति भी कहते हैं। यथा-
1. हे मातः! अहम् नमामि। (हे माँ! मैं नमस्कार करता हूँ।)
2. भोः छात्र! अत्र आगच्छ। (हे छात्र! यहाँ आओ।)
3. अये पुत्र! त्वं किं करोषि ?(अरे पुत्र! तुम क्या कर रहे हो?)
उपपद विभक्ति – जो विभक्ति किसी पद विशेष के योग में (अर्थात् किसी विशेष शब्द के साथ) आती है, उसे उपपद विभक्ति कहा जाता है; जैसे-‘प्रति’ के योग में द्वितीया उपपद विभक्ति होती है। द्वितीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक उपपद विभक्तियाँ होती हैं । अर्थात् विशेष पद के साथ लगने वाली विशेष विभक्ति को उपपद विभक्ति कहते हैं।
कुछ प्रमुख उपपद विभक्तियाँ उदाहरण सहित निम्न तालिका में दी जा रही हैं-
अभ्यासः
1. हिंदी भाषायाः वाक्यांशान् संस्कृत-भाषायाम् परिवर्तयत-
(हिंदी भाषा के वाक्यांशों को संस्कृत में बदलिए- Change the Hindi phrases into Sanskrit.)
1. वृक्षों को = ______________
2. बालक द्वारा = ______________
3. लताओं का = ______________
4. वृक्षों का = ______________
5. मुनि के लिए = ______________
6. पशुओं को = ______________
7. माता पर = ______________
8. पिता का = ______________
9. मेरा = ______________
10. तुम्हारा = ______________
उत्तरम्-
1. वृक्षान्
2. बालकेन
3. लतानाम्
4. वृक्षाणाम्
5. मुनये
6. पशून्
7. मातरि
8. पितुः
9. मम
10. तव
2. उचितं विकल्पं चित्वा वाक्यपूर्तिं कुरुत-
(उचित विकल्प चुनकर वाक्यपूर्ति कीजिए-Pick out the correct option and complete the sentences.)
1. छात्राः ______________ प्रति गच्छन्ति। (विद्यालयस्य, विद्यालयम्, विद्यालयः)
2. ______________ उभयतः जनाः स्थिताः। (मार्गम्, मार्गस्य, मार्गेण)
3. गुरुः ______________ पृच्छति। (शिष्यात्, शिष्येन, शिष्यम्)
4. ______________ बहिः कुक्कुरः तिष्ठति। (गृहस्य, गृहात्, गृहम्)
5. ______________ उपरि ध्वजा शोभते। (भवनम्, भवनस्य, भवने)
6. माता ______________ स्निह्यति। (पुत्रम्, पुत्रेण, पुत्रे)
7. ______________ नमः। (अध्यापिकाम्, अध्यापिकायै, अध्यापिकया)
8. अम्बा ______________ सह गच्छति। (कन्यायाः, कन्याम्, कन्यया)
9. अहम् ______________ त्रस्यामि। (अन्धकारे, अन्धकारात्, अन्धकारेण)
10. वृक्षाः ______________ फलानि यच्छन्ति। (सर्वान्, सर्वाय, सर्वेभ्यः)
उत्तरम्-
1. विद्यालयम्
2. मार्गम्
3. शिष्यम्
4. गृहात्
5. भवनस्य
6. पुत्रे
7. अध्यापिकायै
8. कन्यया
9. अन्धकारात्
10. सर्वेभ्यः
3. कोष्ठकदत्तस्य शब्दस्य उचितं रूपं प्रयुज्य वाक्यानि पूरयत।
(कोष्ठकदत्त शब्द में उचित विभक्ति लगाकर वाक्य पूरे कीजिए। Complete the sentences by using the correct form of the word given in bracket.)
(क) 1. अलं ______________। (विवाद)
2. ______________ अलम्। (रावण)
3. रामः ______________ आम्रं रोचते। (बालक)
4. ______________ परितः शिष्याः सन्ति। (गुरु)
5. त्वं ______________ निपुणः। (किक्रेट-खेले)
उत्तरम्-
1. विवादेन
2. रावणाय
3. बालकाय
4. गुरुम्
5. क्रिकेट-खेले।
(ख) 1. मध्याह्ने छात्राः ______________ आगच्छन्ति। (विद्यालय)
2. जनक ______________ आगमिष्यति। (रविवासर)
3. ______________ सदस्याः मिलित्वा भोजनम् अकुर्वन्। (परिवार)
4. ______________ जलम् मलिनम् जातम्। (नदी)
5. ______________ नौका तरति। (नदी)
6. ______________ खगाः नीडम् रचयन्ति। (वृक्ष)
7. प्रधानाचार्यः ______________ पुरस्कारम् अयच्छत्। (छात्रा)
8. भक्तः ______________ फलानि आनयति। (मुनि)
9. ______________ खगाः उपविशन्ति। (शाखा)
10. वयम् ______________ नमामः। (गुरु)
उत्तरम्-
1. विद्यालयात्
2. रविवासरे
3. परिवारस्य
4. नद्याः
5. नद्याम्
6. वृक्षे / वृक्षेषु
7. छात्रायै
8. मुनये
9. शाखायाम्
10. गुरुम्।