We have given detailed NCERT Solutions for Class 7 Sanskrit Grammar Book वर्णविचारः Questions and Answers come in handy for quickly completing your homework.
Sanskrit Vyakaran Class 7 Solutions वर्णविचारः
वर्णाः (वर्ण : Letters)
भाव-अभिव्यक्ति का प्रमुख एवं मूल साधन भाषा (Language) होती है। भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण या अक्षर (letter) कहते हैं। वर्ण वह ध्वनि होती है, जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं। उदाहरणार्थ-अ, इ, उ, क्, च्, ट्, त्, प् इत्यादि।
संस्कृत भाषा में अब अड़तालीस (48) वर्गों का प्रयोग होता है। वर्ण मुख्यतया तीन भागों में विभक्त हैं-
- स्वर
- व्यंजन
- अयोगवाह
1. स्वर = अच् (Vowels) – स्वर वे ध्वनियाँ हैं, जो स्वयं ही उच्चारण किए जाते हैं अर्थात् जिनका उच्चारण अन्य ध्वनियों की सहायता के बिना किया जा सकता है। स्वरों का उच्चारण स्वतन्त्र रूप से होता है। स्वरों की संख्या 13 है।
(क) ह्रस्व स्वर (Short Vowels): ह्रस्व स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है। इनकी संख्या पाँच है। इन पाँच स्वरों को ‘मूल स्वर’ भी कहते हैं। इनमें से ‘लु’ स्वर का प्रयोग संस्कृत में ही होता है।
(ख) दीर्घ स्वर (Long Vowels): दीर्घ स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं का समय लगता है अर्थात् ह्रस्व स्वर से दुगना समय लगता है। इनकी संख्या आठ है। इनमें से ए, ऐ, ओ, औ को सन्धि स्वर भी कहते हैं क्योंकि ये दो स्वरों के मेल से बनते हैं। यथा- अ + इ = ए, अ + उ = ओ, अ + ए = ऐ, अ + ओ = औ।
विशेष-प्लुत स्वर (Protracted Vowels): ह्रस्व एवं दीर्घ स्वरों के अतिरिक्त प्लुत स्वर भी होते हैं। इनके उच्चारण में तीन मात्राओं का समय लगता है। जब किसी को दूर से पुकारा जाता है अथवा अन्तिम स्वर को खींचकर बोला जाता है, तब प्लुत स्वर का प्रयोग होता है। प्लुत स्वर के लिए ‘३’ अंक का प्रयोग होता है; जैसे- ‘ओ३म्’, ‘ओ३’ इत्यादि।
2. व्यञ्जन = हल् (Consonants) – जो वर्ण दूसरे वर्ण अर्थात् स्वर की सहायता के बिना उच्चरित नहीं हो सकते हैं, उन्हें व्यञ्जन कहते हैं। वास्तव में ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ आदि व्यञ्जनों में ‘अ’ जुड़ा है। हम सभी व्यञ्जनों का उच्चारण ‘अ’ जोड़कर ही करते हैं। यथा- क् + अ = क, ख् + अ = ख। स्वर रहित व्यञ्जन के नीचे हल् का चिह्न (्) लगाया जाता है। जैसे- व्यञ्जन-‘क’-‘अ’ रहित रूप ‘क्’-‘अ’ सहित रूप ‘क’
व्यञ्जनों का वर्गीकरण (Classification of Consonants): उच्चारण के आधार पर व्यञ्जनों को तीन भागों में बाँटा गया है-
व्यञ्जन (33)
वर्गीय व्यञ्जन (25)
क ख, ग, घ, ङ् (‘क’ वर्ग)
च, छ, ज, झ् ञ् (‘च’ वर्ग)
ट्, ठ्, ड्, द, ण, (‘ट’ वर्ग)
त्, थ्, द्, ध्, न्, (त’ वर्ग)
प्, फ्, ब्, भ, म्, (‘प’ वर्ग)
अवर्गीय व्यञ्जन (8)
अन्तस्थः (4) – य, र, ल, व्
उष्मः (4) – श्, ष, स्, ह
(क) वर्गीय व्यञ्जन (स्पर्श व्यञ्जन) (Mutes): जिन व्यञ्जनों के उच्चारण के लिए जिह्वा (tongue) मुख के विभिन्न भागों का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यञ्जन (Mute Consonant) कहा जाता है। ये पच्चीस व्यञ्जन वर्ण पाँच वर्गों में बँटे हुए हैं-
1. ‘क’ वर्ग – क्, ख, ग, घ, ङ्
2. ‘च’ वर्ग – च्, छ्, ज, झ, ञ्
3. ‘ट’ वर्ग – ट्, ल्, ड्, द, ण
4. ‘त’ वर्ग – त्, थ्, द्, ध्, न्
5. ‘प’ वर्ग – प्, फ, ब्, भ, म्
विशेष – सभी वर्गों के अन्तिम वर्ण-ङ्, ज्, ण, न् और म्, ‘अनुनासिक वर्ण’ कहलाते हैं।
(ख) अवर्गीय व्यञ्जन-अन्तःस्थ व्यञ्जन (Semi-vowels): जिन वर्गों के उच्चारण के लिए वायु को मुख से कम शक्ति के साथ छोड़ा जाता है, वे ‘अन्तःस्थ व्यञ्जन’ कहलाते हैं। ये चार हैं- ‘य्, र्, ल् और व्’।
(ग) अवर्गीय व्यञ्जन-उष्माणः उष्म व्यन (Sibilants): जिन वर्गों के उच्चारण के लिए मुख में जिह्वा की सहायता से घर्षण उत्पन्न होता है, वे उष्म व्यञ्जन कहलाते हैं। ये चार हैं- ‘श् ष्, स् और ह्’।
3. अयोगवाह – ये वर्ण संस्कृत भाषा में दो प्रकार के होते हैं- (क) अनुस्वार, (ख) विसर्ग।
(क) अनुस्वार – यह किसी भी स्वर के बाद प्रायः ‘न् या म्’ के स्थान पर आता है; जैसे- गृहं गच्छति। ‘गृहम्’ के ‘म्’ के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है।
(ख) विसर्ग (:) – विसर्ग का प्रयोग स्वर के बाद पृथक् रूप में होता है; जैसे- बालकः, वृक्षः, देवः इत्यादि।
वर्ण संयोग – स्वर तथा व्यञ्जन के मेल से शब्द बनते हैं। जब कोई स्वर व्यञ्जन में जोड़ा जाता है तो मात्रा के रूप में दर्शाया जाता है। यथा- क् + उ = कु, म् + ए = मे, द् + आ = दा, र् + उ = रु इत्यादि। इसी को हम वर्ण संयोग कहते हैं। वर्णों के सार्थक मेल से शब्द बनते हैं।
यथा- व् + ऋ + ष् + भ + अ + : = वृषभः
र् + उ + द् + र् + आ + क् + ष् + अ + : = रुद्राक्षः
न् + इ + र् + म् + अ + ल् + अ + म् = निर्मलम्
वर्णविच्छेद – यह वर्ण संयोग के बिलकुल विपरीत होता है। शब्द के प्रत्येक वर्ण को पृथक् करके क्रमानुसार लिखने को वर्ण विच्छेद कहा जाता है।
यथा- क्रमानुसारम् = क् + र् + अ + म् + अ + न् + उ + स् + आ + र् + अ + म्
व्य ञ्जनम् = व् + य् + अ + ञ् + ज् + अ + न् + अ + म्।
संयुक्त व्यञ्जन – जब एक स्वररहित व्यञ्जन दूसरे व्यञ्जन से जुड़ जाता है तो संयुक्त व्यञ्जन बन जाता है। यथा-
क् + ष् = क्ष् – कक्षा, क्षमा, क्षत्रिय
ज् + ञ् = ज् – ज्ञानी, विज्ञानम्, सर्वज्ञः
द् + य् = – विद्या, विद्युत, विद्यार्थी
त् + र् = त्र् – त्रासः, कुत्र, वृत्रः
श् + र् = श्र् – विश्रामः, आश्रमः, आश्रयः
श् + ऋ् = श्रु – श्रृंखला, शृंगः, शृगारः
ह् + न् = ढ् – मध्याह्नः, चिह्नम्
ह् + र् = ढ् – हृदः, ह्रासः
स् + र् = स्त्र – त्रिस्रः, सहस्रम्
ट् + र् = ट्र – राष्ट्रम्, ट्रकम्
इस प्रकार भाषा में अनेक संयुक्त वर्ण प्रयोग में लाए जाते हैं।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
अधोदत्तानां वर्णानां क्रमें रिक्तस्थानानि पूरयत-
(निम्नलिखित वर्गों के क्रम में रिक्त स्थान भरिए- Fill in the blanks in order of letters of the alphabet)
(क) (i) क्, च्, ___ ____ प
(ii) श् __ स् ___
(iii) य् ____ ____ व्
(ख) (i) क्, ख्, ____ ____ ____
(ii) ___ ___ ड् ___ ण्
(iii) प् फ् ___ ___ ____
(ग) (i) अ, इ, ___ ___ लृ
(ii) अ, आ ___ ___ उ ___ ऋ ___ ____
(iii) ए ___ ___ औ
उत्तरम्
(क) (i) ट्, त्
(ii) ए, ह्
(iii) र्, ल्
(ख) (i) ग्, घ्, ड्
(ii) ट्, ठ, ढ्
(iii) ब्, भ्, म्
(ग) (i) उ, ऋ
(ii) इ, ई, ऊ, ऋ, लु
(iii) ऐ, ओ
प्रश्न 2.
वर्णविच्छेदं कुरुत- (वर्ण-विच्छेद कीजिए- Separate the letters)
1. विसर्गः = व् + ___ + ___ + ___ + ___ + ग् + ___
2. ह्रस्वः = ___ + ___ + ___ + स् + ___ + अः
3. गृहम् = ग् + ___ + ___ + ___ + म्
4. गुरून् = ग् + ___ + र् + ___ + न्
5. मात्रे = म् + आ + ___ + ___ + ए
उत्तरम्-
1. विसर्गः = ___ + इ + स् + अ + र् + ___ + अः
2. ह्रस्वः = ह् + र् + अ + ___ + व् + ___
3. गृहम् = ___ + ऋ + ह् + अ + ___
4. गुरून् = ___ + उ + ___ + ऊ + ___
5. मात्रे = ___ + ___ + त् + र् + ___
प्रश्न 3.
(क) वर्णसंयोगं कृत्वा शब्दान् लिखत- (वर्ण संयोग करके शब्द लिखिए- Joint the letters to form words)
1. त्वम् + एव = त्वमेव
2. वयम् + अपि = _________
3. किम् + इव = _________
4. अहम् + आगच्छामि = _________
5. सत्यम् + एव = _________
उत्तरम्-
1. त्वमेव
2. वयमपि
3. किमिव
4. अहमागच्छामि
5. सत्यमेव
(ख) 1. क् + ष् + अ + त् + र् + इ + य् + अ + : = _________
2. ऋ + ष् + अ + य् + अ + : = _________
3. प् + इ + त् + ऋ + ण् + आ + म् = _________
4. न् + द् + य् + आ + म् = _________
5. र् + आ + ष् + ट् + र् + इ + य् + अ + : = _________
उत्तरम्-
1. क्षत्रियः
2. ऋषयः
3. पितृणाम्
4. नद्याम्
5. राष्ट्रियः।