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How the Dog Found Himself a New Master Summary
How the Dog Found Himself a New Master Summary in English
Long, long ago dogs roamed freely in the forest. They were their own masters like the wolves. But once a dog did not like that way of life. He was sick of wandering alone in search of food. He was also afraid of animals stronger than him.
He, therefore, decided to find a master for himself. He wanted his new master to be stronger than anyone on earth. He first met a wolf who agreed to be the dog’s master. The two of them went on together. At one place the wolf got the smell of a bear. Out of fear he ran off deep into the forest. The bear could eat up both of them. The dog left the weak wolf.
The dog next decided to take up service with the bear. The two set out to find a herd of cows for food. They did see the cows. But suddenly the cows started mooing or lowing in fear. They ran here and there in panic. The bear too hid himself behind a tree. He told the dog that the lion was the ruler of the forest.
The dog said goodbye to the bear also. He became the servant of the lion. The two went on together. The dog had a good and secure life. None dared to touch him.
But one day, the lion while walking with the dog stopped and gave a great roar. Then he began turning back quietly. He had smelled a man coming that way. He suggested the dog that they should run for cover.
So the dog finally decided to take up service with man, the strongest of all creatures. Since then it has been serving man faithfully. He knows no other master now.
How the Dog Found Himself a New Master Summary in Hindi
बहुत समय पूर्व कुत्ते जंगल में आजाद घूमते-फिरते थे। वे भेड़ियों की तरह अपना मालिक स्वयं थे। पर एक बार एक कुत्ते को वह जीवनशैली पसन्द नहीं आई। भोजन की खोज में अकेले भटकते रहने से वह तंग आ गया था। उसे अपने से अधिक ताकतवर पशुओं से भी डर बना रहता था।
इसलिये उसने अपने लिये एक स्वामी खोजने का निर्णय लिया। वह चाहता था कि उसका नया स्वामी धरती पर किसी अन्य की तुलना में अधिक ताकतवर हो। उसकी सर्वप्रथम भेंट एक भेड़िये से हुई जो कुत्ते का मालिक बनने को राजी हो गया। दोनों साथ-साथ घूमने लगे। एक स्थान पर भेड़िये को रीछ की गंध मिल गई। भय के कारण वह घने जंगल में भाग गया। रीछ उन दोनों को मार कर खा सकता था। कुत्ते ने कमजोर भेड़िये का साथ छोड़ दिया।
अगली बार कुत्ते ने रीछ की सेवा करने का निश्चय कर लिया। दोनों गायों के झुण्ड की खोज में निकल पड़े ताकि उनमें से किसी को मारकर पेट भर लें। उन्हें गायें दिख भी गईं। पर अचानक उन गायों ने घबराहट से डकराना या आवाजें निकालना शुरू कर दिया। वे डरकर तितर-बितर हो गईं। रीछ भी एक वृक्ष के पीछे जा छिपा। उसने कुत्ते को बताया कि शेर सबसे ताकतवर है क्योंकि वह जंगल का राजा है।
कुत्ते ने रीछ को अलविदा कह दिया। अब वह शेर का सेवक बन गया। दोनों साथ-साथ घूमने लगे। कुत्ते को यह जीवन अच्छा तथा सुरक्षित लगा। कोई अन्य जीव उसके पास आने से डरते थे।
पर एक दिन शेर कुत्ते के साथ टहलते हुए अचानक रुक गया तथा उसने तगड़ी दहाड़ मारी। फिर वह चुपचाप पीछे खिसकने लगा। उसे मनुष्य की गंध मिल गई थी जो उसी ओर आ रहा था। उसने कुत्ते को सुझाव दिया कि आदमी से बचने के लिये उन्हें भाग जाना चाहिये।
इसी कारण अंत में कुत्ते ने मनुष्य का सेवक बनना स्वीकार कर लिया जो सभी जीवों से अधिक बलशाली था। उस समय से __ कुत्ता मनुष्य की सेवा बहुत निष्ठापूर्वक कर रहा है। अब वह किसी अन्य मालिक को नहीं जानता।