NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव-गायन (बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’) are part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव-गायन (बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’).
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 7 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 20 |
Chapter Name | विप्लव-गायन (बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’) |
Number of Questions Solved | 7 |
Category | NCERT Solutions |
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव-गायन (बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
(पृष्ठ 142-43)
कविता से
प्रश्न 1.
कण-कण में है व्याप्त वही स्वर ….. कालकूट फणि की चिंतामणि’
(क)‘वही स्वर’ ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वही तान’ आदि वाक्यांश किसके लिए किस/भाव के लिए प्रयुक्त हुआ है?
(ख)वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरी अंतरतर से’-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?
उत्तर
- वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान नवनिर्माण की राहें खोलने हेतु व जनता को जागृत करने के लिए प्रयुक्त हुआ है।
- वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है। ‘निकली मेरे अंतरतर से’ पंक्तियों से सही संबंध बनता है क्योंकि कवि इन पंक्तियों में आवेशपूर्वक जनता को जागृत करना चाहता है परंतु उसके कंठ से वह गीत बाहर नहीं आ सकता जिससे वह और भी अधिक अधीर हो जाता है।
प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए
“सावधान! मेरी वीणा में ………. दोनों मेरी ऐंठी हैं।
उत्तर-
उपर्युक्त पंक्तियों के माध्यम से कवि लोगों को संदेश देते हुए कहते हैं कि परिवर्तन के प्रति सावधान रहने की जरूरत है। और वीणा से कोमल स्वर निकलने की बजाय कठोर स्वर निकलने के कारण उसकी उँगलियों से मिज़राबें टूटकर गिए गईं, जिससे अँगुलियाँ ऐंठ जाती हैं।
कविता से आगे
• स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करनेवाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं।
उत्तर
- कोई यह कहता नहीं अनोखा घर बदलो
बापू ने तुमको दिया, वीरता वर बदलो
पर आज तुम्हें कहने वाला है अखिल राष्ट्र
स्वर बदलो अपना वीरव्रती! वह स्वर बदलो! (माखनलाल चतुर्वेदी) - विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी,
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे वृथा जिए ।
मरा नहीं वही कि जो जिया न आपके लिए।
यही पशु-प्रवृत्ति है कि आप-आप ही चरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे। (मैथिलीशरण गुप्त) - भारति जय-विजय करे!
कनक-शस्य-कमल धरे!
लंका पदतल-शतदल
गर्जितोर्मि सागर-जल,
धोता शुचि चरण युगल
स्तव कर बहु-अर्थ भरे! (सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’)
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक ‘विप्लव गायन’ क्यों रखा गया होगा?
उत्तर-
इस कविता का शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ इसलिए रखा गया होगा, क्योंकि इसमें विप्लव अर्थात् क्रांति लाने की बात कही गई है। इस कविता का मूल भाव है गलत परंपराओं, रूढ़िवादी विचारों व परस्पर भेदभाव त्यागकर नवनिर्माण के लिए जनता को प्रेरित करना। कवि क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना चाहता है। यह क्रांति एक विप्लव के समान होगी। इसीलिए उन्होंने अपनी इस कविता का नाम रखा है- ‘विप्लव गायन’।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे-‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर
काव्य को प्रभावमयी बनाने व शब्दों में प्रवाह लाने हेतु (-) योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2.
कविता में (,-। आदि) विराम-चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम-चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है; जैसे– देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए
‘कण-कण में है व्याप्त …….. वही तान गाती रहती है,
इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है, कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिले तो उन्हें छाँटकर लिखिए।
उत्तर-
कंठ रुका है महानाश का,
मारक गीत रुद्ध होता है।
…………………
टूटी हैं मिज़राबें
रोम-रोम गाता है वह ध्वनि।
प्रश्न 3.
निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए
‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ … एक हिलोर उधर से आए, इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तुक मिलानेवाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तुकबंदी के अन्य शब्दों को छाँटकर लिखिए। छाँटे गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए।
उत्तर
- इधर-उधर
- बैठी/ऐंठी
- रुद्ध/युद्ध
- फणि/मणि
इन शब्दों के आधार पर कविता लिखने का प्रयास कीजिए।
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