NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए (विजय तेंदुलकर) are part of NCERT Solutions for Class 7 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए (विजय तेंदुलकर).
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 7 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter Name | पापा खो गए (विजय तेंदुलकर) |
Number of Questions Solved | 15 |
Category | NCERT Solutions |
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए (विजय तेंदुलकर)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
(पृष्ठ 60-62)
नाटक से
प्रश्न 1.
नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?
उत्तर-
नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र हमें कौआ लगा क्योंकि वह उड़-उड़कर सभी घटनाओं की जानकारी रखता है, उसे अन्य जगहों की घटनाओं की जानकारी थी। सज्जन और दुर्जन व्यक्तियों की पहचान थी। अपनी बुद्धिमता से वह बच्ची को उस दुष्ट व्यक्ति से बचाता है और फिर उसे सही सलामत उसके घर तक पहुँचाने की तरकीब भी वही सोचता है।
प्रश्न 2.
पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
उत्तर
पेड़ का जन्म समुद्र के किनारे हुआ था वह अकेला बड़ा होता रहा। कुछ समय के बाद वहाँ एक खंभा लगाया गया तो पेड़ ने उससे मित्रता करने की कोशिश की। जबकि खंभा अपनी अकड़ के कारण पेड़ से नहीं बोलता था। परंतु एक दिन घोर वर्षा और तेज हवाओं के कारण वह खंभा पेड़ के साथ जा टकराया और गिरने से बच गया। पेड़ ने स्वयं घायल होकर उसे धरती पर गिरने से बचाया। उस दिन से ही इन दोनों में गहरी मित्रता हो गई।
प्रश्न 3.
लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
उत्तर
लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहते थे क्योंकि यह पूरे का पूरा लाल रंग में रंगा था। वह पढ़ा-लिखा था। चोरी-चोरी लोगों की चिट्ठियाँ पढ़कर समाज के लिए चिंतित होता था।
प्रश्न 4.
लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर
लाल ताऊ पढ़ा-लिखा, बुद्धिमान, हँसमुख और मिलनसार था। वह नीरस वातावरण को भी भजनों और गानों से सरस बना देता था। इसलिए वह अन्य पात्रों से भिन्न है। निर्जीव होते हुए भी समाज की चिंताएँ उसे सताती थीं।
प्रश्न 5.
नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मज़ेदार लगीं? लिखिए।
उत्तर
नाटक में एकमात्र सजीव पात्र ‘कौआ’ है। वह बुद्धिमान है, क्योंकि बच्ची को बचाने में सबसे बड़ी भूमिका उसी ने निभाई। उसे सामयिक घटनाओं का पूरा ज्ञान है और समाज के अच्छे-बुरे लोगों की भी पहचान है। वह दूरदर्शी व सच्चा मित्र है। कर्कश आवाज़ के बावजूद मन से कोमल और सबके साथ मित्रता स्थापित करने वाला है। उसी की योजनानुसार बालिका को उठाने वाला दुष्ट व्यक्ति भूत के डर से बालिका को छोड़कर भाग जाता है और उसी के परामर्श से बच्ची को सकुशल घर पहुँचाने के लिए पुलिस के आने की प्रतीक्षा की जाती है। अंत में जब यह सोचा जाता है कि पुलिस न आई तो क्या होगा?’ तो कौआ ही लैटरबक्स को बड़े-बड़े अक्षरों में ‘पापा खो गए’ लिखने व सबको यह कहने कि किसी को इस बच्ची के पापा मिलें तो उन्हें यहाँ ले आने की सलाह देता है।
प्रश्न 6.
क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे।
उत्तर-
किसी को उसके घर का पता मालूम नहीं था। वह लड़की इतनी छोटी और भोली थी कि वह ठीक ढंग से अपने पिता का नाम और घर का पता नहीं बता पा रही थी। यही कारण था कि सभी पात्र मिलकर भी उस बच्ची को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे।
नाटक से आगे
प्रश्न 1.
अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर-
बच्चे अपने-अपने घर का पता लिखें तथा चित्र बनाकर रास्ता भी बताएँ।
उदाहरणस्वरूप
वी० 4/13 जी० एफ०-1
डी०एल०एफ० अंकुर विहार
शिव | ||
मंदिर | एम०एम० रोड 120 फुट | बी० ब्लॉक |
प्रश्न 2.
मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर
इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ इसलिए रखा गया क्योंकि लड़की को अपने पिता का नाम व घरे का पता मालूम नहीं था। इस अनोखे शीर्षक के द्वारा ही लोग और पुलिस आकर्षित होकर उस बालिका को घर पहुँचाने की कोशिश करेंगे।
इसका अन्य शीर्षक ‘गुमशुदा लड़की’ रखा जा सकता है जो प्रायः माता-पिता की ओर से पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने के समय दिया जाता है।
प्रश्न 3.
क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?
उत्तर
समाचार पत्रों में, पोस्टरों में या दूरदर्शन पर उसका चित्र दिखाकर लोगों का ध्यान आकर्षित करके, उसके पापा को खोजा जा सकता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा?
उत्तर-
जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा उस समय वह सो रही थी क्योंकि स्वयं बच्ची को उठाने वाले उस व्यक्ति ने कहा था।
प्रश्न 2.
नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या-क्या कर सकते हैं। संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।
- समूह में चलना।
- एकजुट होकर बच्चा उठानेवालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना।
- अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।
उत्तर
अन्य उपाय
- बच्चों को अपने पिता का नाम व घर का पता मालूम होना चाहिए।
- घर के पास किसी विशेष स्थान का नाम भी पता होना चाहिए।
- बच्चों को अपने घर का दूरभाष नंबर भी याद होना चाहिए।
- माता-पिता को भी चाहिए कि बच्चों को घर से बाहर भेजते समय उनकी जेब में एक पर्ची पर उनका नाम, पता व दूरभाष नंबर लिखकर डालें।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे-‘सड़क/रात का समय … दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
उत्तर
यदि हमें रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो हम दिखाएँगे-
रात का समय, लंबी सड़क, दूर टिमटिमाता एक छोटा-सा बल्ब, साँय-साँय चलती हवा, भयानक आवाज़ से झूमते पेड़।
प्रश्न 2.
पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिह्नों की ओर गया होगा। दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए-
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफ़त याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड़ा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते हैं।
उत्तर
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे! वो बिजली थी या आफत! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड़ा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उसे रात की याद हो आती है। अंग थरथर काँपने लगते
प्रश्न 3.
आसपास की निर्जीव चीजों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे-
• चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
• कलम को कॉपी से संवाद
• खिड़की को दरवाजे से संवाद
उत्तर
चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
चॉक-भैया ब्लैक बोर्ड! कितने वर्षों से दीवार पर टॅग रहे हो?
ब्लैक बोर्ड-लगभग पाँच वर्ष हो गए।
चॉक-जब मैं तुम पर घिसा जाता हूँ तो क्या तुम्हें दर्द नहीं होता?
ब्लैक बोर्ड-चॉक! क्या बात करते हो? अरे! दर्द क्यों होगा? मुझे तो प्रसन्नता होती है कि जितना तुम्हें मुझ पर घिसा जाता है उतना ही विद्यार्थी कुछ नया सीखते हैं।
चॉक-यह तो है!
ब्लैक बोर्ड-क्या तुम्हें मुझ पर घिसना अच्छा लगता है?
चॉक-मुझे तो तुम पर घिसना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि जब-जब मुझे शिक्षक घिसने हेतु उठाता है मुझे लगता है कि मैं उनका हथियार हूँ। कितने ही बौद्धिक शब्द मुझसे आकृति पाते हैं।
ब्लैक बोर्ड-हम दोनों के बिना ही शिक्षक का काम नहीं चल सकता।
• कलम का कॉपी से संवाद
कलम-कॉपी! क्या मेरा तुम पर घिसे जाना तुम्हें अच्छा लगता है?
कॉपी-जब तुम्हारे द्वारा विद्यार्थी या अन्य लोग मुझ पर सुंदर-सुंदर शब्द लिखते हैं तो मैं फूली नहीं समाती।
कलम-सच!
कॉपी-लेकिन कभी-कभी तुम्हारी स्याही मुझ पर फैल जाती है तो मुझे बहुत दुख होता है। मेरी सुंदरता बिगड़ जाती है।
कलम-मैं ऐसा बिलकुल नहीं चाहती लेकिन कई बार मुझे सावधानी से चलाया नहीं जाता तो ऐसा होता है।
कॉपी-मुझे तो तुम पर नाज़ होता है क्योंकि तुम्हारे बिना तो मेरा होना न होना एक समान है। तुम ही तो मुझे उपयोगी बनाती हो। मैं तहे दिल से तुम्हारा धन्यवाद करती हूँ।
कलम-ऐसा न कहो, तुम्हारे बिना मेरी भी कोई उपयोगिता नहीं है।
• खिड़की का दरवाज़े से संवाद
खिड़की-दरवाजे भैया! क्या कर रहे हो?
दरवाज़ा-क्या करूं सुबह से परेशान हूँ, न जाने इस घर में आज क्या कार्यक्रम है? इतने लोग आते जा रहे हैं और मुझे बार-बार खुलना बंद होना पड़ रहा है।
खिड़की-परेशान क्यों होते हो?
दरवाज़ा-क्यों! क्या मैं थकता नहीं?
खिड़की-‘भाग्यवान हो’ दरवाजे भैया! कितने लोगों को रास्ता देते हो। एक मैं हूँ, सुबह खुलती हैं तो रात को बंद होती हैं। हाँ! अगर बारिश या तेज़ हवा चल रही हो तो उसी समय धड़ाम से बंद कर दी जाती हैं।
दरवाज़ा-मुझे देखो, सारा दिन खुलना बंद होना। बस यही मेरा काम है और यदि घर वाले कहीं जाएँगे तो इतना बड़ा ताला लगा देंगे कि मैं उस ताले में फँसा-हँसा ही थक जाता हूँ।
खिड़की-मेरा काम तो चिटकनी से ही चल जाता है।
खिड़की-दरवाजे भैया! हर हाल में खुश रहना सीखो! इसी का नाम जीवन है।
प्रश्न 4.
उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा-सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें या शिक्षक की सहायता लेकर कार्य करें।
We hope the NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए (विजय तेंदुलकर) help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए (विजय तेंदुलकर), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.