NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ.
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 8 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 2 |
Chapter Name | ध्वनि |
Number of Questions Solved | 15 |
Category | NCERT Solutions |
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ
प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)
कहानी से
1. बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था?
उत्तर :
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव बहुत चाव से जाया करता था क्योंकि उसे वहाँ रहने वाला बदलू मनिहार रंग-बिरंगी लाख की गोलियाँ दिया करता था जो उसे बहुत ही प्रिय थींवह बदलू मामा कहने के बजाय बदलू काका इसलिए कहता था क्योंकि उसके मामा के गाँव के बच्चे बदलू को ‘बदलू काका’ कहते थे
2. वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित प्रद्धति क्या है?
उत्तर :
वस्तु-विनिमय वह पद्धति है जिसमें किसी वस्तु को देकर अपनी मनचाही वस्तु खरीदी जाती हैइस प्रकार वस्तुएँ पाने के लिए हम पैसे की जगह वस्तुओं से ही वस्तुओं का लेन-देन करते हैंबदले समाज में आज वस्तुओं से वस्तुएँ नहीं खरीदी जाती हैंआज ऐसा करना संभव नहीं है इसलिए रुपये-पैसों के बदले वस्तुएँ ली-दी जाती हैं
3. ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।’-इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?
उत्तर :
‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ -पंक्ति के माध्यम से मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग करने से उत्पन्न बेकारी और बेरोजगारी की ओर संकेत किया गया हैचूंकि सैकड़ों मनुष्यों का काम करने के लिए केवल कुछ ही मशीनें काफी हैंऐसे में बहुत से कुशल कारीगर बेकार हो जाते हैंवे बेरोजगार होकर भूखों मरने के कगार पर पहुँच जाते हैंकारीगरों की इसी व्यथा की ओर संकेत किया गया है
4. बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर :
चूड़ियाँ बनाने वाले कुशल कारीगर बदलू का काम छिन चुका थावह उपेक्षित, असहाय तथा लाचार हो गया थाजिन काँच की चूड़ियों से उसे चिढ़ थी वही हर ओर दिखाई पड़ रही थींअब कारीगरी के बदले कम सुंदरता तथा चमक को महत्त्व दिया जा रहा हैयह व्यथा लेखक से छिपी ने रह सकी।
5. मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर :
मशीनी युग के कारण बदलू का काम छिन गयावह बेरोजगार हो गयाउसे गरीबी में जीवन बिताना पड़ाउसे अपनी गाय बेचनी पड़ीवह कमजोर तथा वृद्ध हो गयाउसके माथे पर नसें उभर आईंवह बीमार तथा चिंतित रहने लगा
कहानी से आगे
1. आपने मेले-बाज़ार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगाआपके मन में किसी चीज़ को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए
उत्तर :
मैंने मेले-बाजार में हाथ से बने रंग-बिरंगे खिलौने, रंगीन तथा सफेद मोमबत्तियाँ, हाथ के पंखे, जूट के बने सामान देखे हैंये सामान अत्यंत मनमोहक होते हैंमैंने एक कलाकार के पास जूट से बने सामानों को बनाना सीखना शुरू कर दियालगभग छह महीने सीखने के उपरांत मैं अपने-आप सामान बनाकर बेचने लगाइससे मुझे अतिरिक्त आमदनी होने लगी
2. लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए
उत्तर :
लाख से बनी वस्तुओं का निर्माण भारत के राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि में होता हैलाख से सुंदर-सुंदर खिलौने, घर की सजावटी वस्तुएँ, आभूषण, मूर्तियाँ, चूड़ियाँ, डाकखाने में मुहर तथा पैकिंग सील बनाई जाती हैं।
अनुमान और कल्पना
1. घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?
उत्तर :
घर में मेहमान आने पर मैं उन्हें यथोचित प्रणाम कर बैठक में उन्हें बिठाऊँगाउन्हें जलपान कराकर उनसे आने का कारण पूछूगाउसे यदि पिताजी से काम है तो वे कब तक आएँगे यह बताऊँगायदि वे रुककर इंतजार करते हैं तो उनके साथ प्रेमपूर्वक बातें करूँगा तथा उनकी सुविधा का ध्यान रचूँगा
2. आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए
उत्तर :
मुझे छुट्टियों में अपने नाना-नानी के घर जाना सबसे अच्छा लगता हैवहाँ की दिनचर्या यहाँ की दिनचर्या से बिल्कुल अलग होती हैवहाँ मामा के लड़के तथा लड़की के साथ खेलते हुए खेतों की ओर, बाग में पेड़ पर चढ़ना, गर्मियों में आम तोड़ना, बाग में पेड़ों की छाया में अनेक खेल खेलना अच्छा लगता हैशाम को नानी से कहानियाँ सुनना, एक साथ बैठकर गपशप करना अच्छा लगता है
3. मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैंआप अपने आसपास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए
उत्तर :
मशीनी युग में अनेक परिवर्तन हम कहीं भी देख सकते हैंअपने आसपास हुए परिवर्तन का एक उदाहरण मैं प्रस्तुत कर रहा हूँमेरी कॉलोनी से कुछ दूर पर खेत हैकुछ समय पहले तक खेती को अधिकांश काम बैलों तथा हाथों से किया जाता था किंतु आज-कल जुताई ट्रैक्टर से, बुवाई सीडड्रिल से, निराई-गुड़ाई कल्टीवेटर से, खरपतवार हटाने के लिए खरपातीनाशी का मशीनों से छिड़काव, कटाई हारवेस्टिंग मशीन से तथा मड़ाई का कार्य प्रेशर से कर भूसा तथा अनाज ट्रैक्टर से ढोकर घर तक लाते हैं
4. बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिजाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता हैआप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए
उत्तर :
आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग हैआज नित नए आविष्कार होने से तरह-तरह की वस्तुएँ बाजार में आ रही हैंबाजार में वस्तुएँ असीमित मात्रा में उपलब्ध हैंलोगों की रुचि, आवश्यकता तथा उनकी आय देखकर वस्तुएँ बनाई जाने लगी हैंखाने-पहनने तथा नित्य प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं की मात्रा में विविधता बढ़ती जा रही हैनित नए फैशन के कपड़ों से बाजार भरा पड़ा है
5. हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा हैइस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए
उत्तर :
विज्ञान के इस युग में जब सब कुछ बदल रहा हैहमारे खान-पान, रहन सहन और कपड़े भी इस बदलाव से अछूते नहीं हैंइस बदलाव का असर सब पर देखा जा सकता हैकुछ लोगों की बातचीत को आधार मानकर कहा जा सकता है कि कुछ लोगों के विचार से यह बदलाव अच्छा है तथा कुछ इतनी तेजी से हो रहे बदलाव को शुभ संकेत नहीं मानते हैंइस विषय पर दो समूह बनाकर पक्ष-विपक्ष में अपनी बात रखते हुए छात्र स्वयं चर्चा करें तथा बातचीत के आधार पर आलेख तैयार करें।
भाषा की बात
1. ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से और बदलू स्वयं कहता है-“जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैंदूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा हैउसमें व्यंग्य भी हैहारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होतेकुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए
उत्तर :
पाठ से लिए गए कुछ व्यंग्य-वाक्य
- बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से
- जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है, लाख की चूड़ियों में कहाँ संभव है?
- शहरं की बात और है लला वहाँ तो सभी कुछ होता है
- नाजुक तो फिर होता ही है लला
- कहा, जाओ शहर से ले आओअर्थ
(क) इस वाक्य से चूड़ी बनाने वाले बदलू की मनोदशा प्रकट होती हैवाक्य में काँच की चूड़ियों को मशीनी युग का प्रचलन बताया गया हैजिससे उस जैसे कारीगर का रोज़गार छिना जा रहा हैये चूड़ियाँ उसे अंदर-ही-अंदर दुख और पीड़ा पहुँचा रही हैं
(ख) काँच की चूड़ियों को लाख की चूड़ियों से अधिक सुंदर बताकर कारीगरी को भूलकर, बनावटी सुंदरता और चमक-दमक को महत्त्व देने वालों पर व्यंग्य किया गया हैयह वाक्य अपने में गहरा दर्द छिपाए हुए है
(ग) यहाँ शहरी संस्कृति पर व्यंग्य किया गया हैपाश्चात्य संस्कृति के नाम पर शहरी लोग हर अच्छी-बुरी बातें, आदतें तथा रिवाज अपनाते जा रहे हैं, पर गाँवों में वैसा उन्मुक्त वातावरण नहीं हैभले ही गाँवों को पिछड़ा कहा जाए
(घ) लोगों को कारीगरी तथा मजबूती नहीं चाहिएउन्हें बनावटी कोमलता पसंद हैयह कोमलता समय/असमय उन्हें भारी पड़ती जा रही है, पर इसकी फिक्र नहीं।
(ङ) इस वाक्य से बदलू के व्यक्तित्व की दृढ़ता प्रकट होती हैवह कम दाम पाने पर जमींदार जैसे व्यक्ति का प्रतिरोध कर सकता है, किंतु दबाव में आकर झुकता नहीं है
2. ‘बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र हैं और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा हैकिसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैंसंज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा,जैसे-लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे-सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन परंतु उसका अनुभव होता हैपाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए
उत्तर :
व्यक्तिवाचक संज्ञा-बदलू, जनार्दन, नीम, आम, रज्जो।
जातिवाचक संज्ञा-गाँव, बच्चे, मकान, शहर, वृक्ष, अनाज, नव-वधू, मरद, गाय, सड़क, चित्र, लड़की, स्कूल, जमींदार, घरवालीभाववाचक संज्ञा-महत्त्व, पढ़ाई, जिद, सुंदरता, व्यथा, शांति, व्यक्तित्व
3. गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैंकहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता हैइस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं
उत्तर :
मूल शब्द बदला हुआ रूप
मर्द मरद
भैया भइया
वक्त बखत
उम्र उमर
अंजुली अंजलि
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