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What Happened to the Reptiles Summary in English by Zai Whitaker
What Happened to the Reptiles Summary in English
The narrator Prem lived in a village close to the jungle. There were all kinds of people in the village. They differed in faith, colour and size. They spoke different languages and had different eating habits.
Last year, the people went mad in the name of their religious faith. They fought with one another. They burnt temples and mosques. Prem’s house also went up in flames. With some money and clothes, he fled from the village. He travelled for two days and two nights. He reached a village called Pambupatti. He fainted near a well.
An old man took Prem under his care. So many people came to visit him. Prem was surprised to see such peace and harmony in the village. The old man then told him a stoiy. He explained why the people in that village lived in peace.
The incident happened a long, long time ago. There were no schools then. People lived in caves.’ The forest had only panthers, elephants and reptiles, like snakes, crocodiles, lizards and tortoises.
The reptiles used to meet once a month. The meeting was presided over by the huge and powerful crocodile, called Makara. Nobody dared challenge his authority. They went along with him.
One day Makara decided to get rid of the tortoises. He wrote to them not to come to the meeting. He told the reptiles that tortoises were useless creatures. They were slow and stupid. But without tortoises, the forest was filled with the foul smell of rotting fruits and fishes.
Next month Makara drove all the snakes out because they were slippery and ugly looking. The rats multiplied in the absence of snakes. Then came the turn of insect eating lizards. Now only the crocodiles lived in the forest. But the rats, frogs, insects and foul smell made their lives miserable.
It was a terrible time. The reptiles revolted against Makara. They called all the tortoises, lizards and snakes back. In a short time the forest was back to normal.
The people later on realised that all sorts of creatures played equally important roles in the world.
What Happened to the Reptiles Summary in Hindi
वर्णनकी प्रेम जंगल के निकट स्थित एक गाँव में रहता था। उस गाँव में सभी प्रकार के लोग बसते थे। उनमें हर धर्म के मानने वाले, हर रंग और आकार के लोग थे। वे विभिन्न भाषायें बोलते थे तथा भिन्न प्रकार के भोजन करते थे।
पिछले वर्ष लोगों में धर्म के नाम पर उन्माद छा गया। वे आपस में भिड़ गये। उन्होंने मन्दिरों और मस्जिदों में आग लगा दी। प्रेम का घर भी लपटों में भस्म हो गया। वह कुछ पैसा तथा वस्त्र लेकर गाँव से भाग चला। वह दो दिन और दो रात भागता रहा। वह पंबुपट्टी नामक गाँव में पहुँच गया। एक कुएँ के निकट वह बेहोश हो गया।
एक वृद्ध सज्जन ने उसकी देखभाल की। अनेक लोग उसे देखने आये। प्रेम उस गाँव की शान्ति और सद्भाव को देखकर हैरान रह गया। वृद्ध ने फिर उसे कहानी सुनाई। उसने स्पष्ट किया कि उस गाँव के लोग इतनी शांतिपूर्वक क्यों रहते हैं।
यह घटना बहुत प्राचीन काल में घटी थी। उन दिनों कोई स्कूल आदि न थे। लोग गुफाओं में रहा करते थे। जंगल में चीते, हाथी तथा रेंगने वाले जीव, जैसे साँप, मगरमच्छ, छिपकलियाँ और कछुए रहते थे।
रेंगने वाले जीव माह में एक बार सभा आयोजित करते थे। उसका सभापतित्व एक विशालकाय, बलशाली मगरमच्छ किया करता था जिसका नाम था मकर। किसी में साहस न था कि उसे ललकारे। वे उसी के आदेशों को मान लेते थे।
एक दिन मकर ने सोचा कि कछुओं को जंगल से निकाल दिया जाये। उसने उन्हें पत्र लिखकर सूचित किया कि सभा में वे न आयें। रेंगने वाले जीवों को उसने बोला कि कछुए तो बेकार के जीव होते हैं तथा मंदगति वाले और मंदबुद्धि होते हैं। पर कछुओं के चले जाने के बाद जंगल में सड़ते फलों और नदी में सड़ती मछलियों की दुर्गन्ध फैल गई।
अगले माह मकर ने सभी साँपों को जंगल से बाहर कर दिया क्योंकि वे इतने फिसलनदार या चिकने और कुरूप थे। परिणामस्वरूप जंगल में चूहों की संख्या बहुत अधिक हो गई। फिर बारी आयी कीट-पतंगे खाने वाली छिपकलियों की। अब जंगल में केवल मगरमच्छ ही रह रहे थे। पर चूहों, मेढ़कों, कीट-पतंगों तथा दुर्गन्ध ने उनका जीना मुश्किल कर दिया।
बहुत बुरा समय आ गया। सरकने वाले जीवों ने मकर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। उन्होंने सभी कछुओं, छिपकलियों तथा साँपों को वापस बुला लिया। कुछ ही दिनों में जंगल पुनः सामान्य स्थिति में आ गया।
बाद में लोगों ने महसूस किया कि संसार में सभी प्रकार के जीवों की समान महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।