NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 शक्र तारे के समान

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1.
महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?
उत्तर:
महादेव भाई दूसरों से अपना परिचय गांधी जी का हम्माल तथा पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर के रूप में देते थे।

प्रश्न 2.
‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?
उत्तर:
‘यंग इंडिया’ नामक पत्र में अधिकतर लेख हॉर्नीमैन लिखा करते थे। अंग्रेजों ने उन्हें देश निकाला दे दिया। परिणामस्वरूप इस पत्र में लेख लिखने वालों की कमी हो गई।

प्रश्न 3.
गाँधी जी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?
उत्तर:
‘यंग इंडिया’ के प्रकाशन में गांधी जी ने यह निश्चय किया कि इसे सप्ताह में दो बार निकाला जाए क्योंकि काम बहुत अधिक बढ़ गया है।

प्रश्न 4.
गाँधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?
उत्तर:
गाँधी जी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी किया करते थे।

प्रश्न 5.
महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?
उत्तर:
महादेव भाई के झोलों में ताजे-से-ताजे समाचार पत्र, मासिक पत्र और पत्रिकाएँ भरे रहते थे, जिन्हें वे सफर के दौरान पढ़ते थे।

प्रश्न 6.
महादेव भाई ने गाँधी जी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
उत्तर:
महादेव भाई ने गाँधी जी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ को अंग्रेजी अनुवाद किया।

प्रश्न 7.
अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?
उत्तर:
अहमदाबाद से ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ नामक साप्ताहिक निकलते थे।

प्रश्न 8.
महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?
उत्तर:
महादेव भाई रात होने तक काम करते रहते थे।

प्रश्न 9.
महादेव भाई से गाँधी जी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?
उत्तर:
“ए रे जखम जोगे नहि जशे।” अर्थात यह घाव कभी योग से नहीं भरेगा। गांधी जी द्वारा कहे गए इस वाक्य से उनकी और महादेव भाई की निकटता सिद्ध होती है।

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में लिखिए

प्रश्न 1.
गाँधी जी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
उत्तर:
1919 में पंजाब जाते समय गाँधी जी को पलवल स्टेशन पर अंग्रेज़ सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। गाँधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

प्रश्न 2.
गाँधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
उत्तर:
पंजाब में हो रहे अत्याचारों को बताने के लिए आनेवालों की बातों को महादेव भाई संक्षिप्त टिप्पणियों के रूप में तैयार करते और गांधी जी के सामने प्रस्तुत करते। इसके अलावा वे आनेवालों के साथ गांधी जी के साथ उनकी मुलाकात भी कराते थे।

प्रश्न 3.
महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
उत्तर:
महादेव भाई ने टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’ शीर्षक नाटिका और ‘शरद बाबू की कहानियाँ’ का अनुवाद किया। उन्होंने महात्मा गाँधी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेज़ी अनुवाद किया।

प्रश्न 4.
महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?
उत्तर:
महादेव भाई मगनवाड़ी में रहते थे। उसी समय से गाँव की सीमा पर मकान बनवाए जा रहे थे। वर्धा की असह्य गरमी में मगनवाड़ी से गाँव जाते, दिनभर काम करके शाम को फिर पैदल आते। इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। जो उनकी मृत्यु का कारण बन गया।

प्रश्न 5.
महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गाँधी जी क्या कहते थे?
उत्तर:
गाँधी जी अन्य टिप्पणीकारों को विश्वासपूर्वक यह कहते थे कि महादेव के लिखे नोट से अपने नोट का मिलान कर लो, गलती का पता चल जाएगा। उन्हें विश्वास था कि महादेव जो लिखेंगे, सही लिखेंगे।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1.
पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
उत्तर:
पंजाब में फ़ौजी शासन ने घोर कहर बरपाया और पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इन नेताओं को फ़ौजी कानून के अंतर्गत जन्म कैद की सज़ाएँ देकर काला पानी (अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर) भेज दिया। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ट्रिब्यून के संपादक श्री कालीनाथ राम को दस साल जेल की सजा दी गई।

प्रश्न 2.
महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था? [CBSE 2012]
उत्तर:
महादेव जी जो लिखते थे, वह बड़ा सुंदर व सटीक होता था। वह चाहे साधारण लेख हो या विरोधी समाचार पत्रों की प्रतिक्रियाओं का जवाब, सभी में उनकी शिष्टाचार भरी शैली होती थी। उनके कॉलम सीधी-सादी भाषा में सुस्पष्ट व उच्च भावों से भरे होते थे। वे विरोधियों की बातों का जवाब उदार हृदय से देते थे। यही कारण था कि वे सबके लाड़ले बन गए।

प्रश्न 3.
महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?
उत्तर:
महादेव भाई द्वारा लिखे गए अक्षर मोती जैसे सुंदर और त्रुटिरहित होते थे। पूरे भारत में उनकी लिखावट का सानी न था। वाइसराय को लिखे जाने वाले पत्र उन्हीं की लिखावट में लिखे जाते थे। उनकी लिखावट देख वाइसराय भी सोचने पर विवश हो जाते थे। वे सुंदर लिखते हुए भी तेज़ गति से लिख सकते थे। इन लेखों में इतनी शुद्धता होती थी कि लोग अपने लेख का मिलान महादेव द्वारा लिखे लेख से करते थे। उनकी लिखावट पढ़ने वाले को मंत्रमुग्ध कर देने वाली तथा मनोहारी थी।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1.
अपना परिचय उनके ‘पीर बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’ [CBSE 2012]
उत्तर:
महादेव भाई मज़ाक में अपने आपको गाँधीजी का सेवक, रसोइया, पानी भरने वाला भिश्ती और गधा कहते थे। यह कहने में वे गौरव का अनुभव करते थे। गाँधी जी की सेवा करने में उन्हें आनंद आता था। वे गौरव का अनुभव इसलिए करते थे क्योंकि उन्हें गाँधी जी का सान्निध्य प्राप्त था।

प्रश्न 2.
इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफेद को स्याह करना होता था।
उत्तर:
आशय-महादेव भाई और उनके मित्र नरहरि भाई ने वकालत की पढ़ाई के साथ वकालत भी साथ-साथ शुरू की थी। इस पेशे में सच्चाई और ईमानदारी के लिए कोई जगह नहीं होती। यहाँ तो बुधिकौशल और वाक्पटुता के बल पर सच को झूठ और झूठ को सच साबित किया जाता है। इसी सच और झूठ के चक्कर में कई बार निर्दोष को सज़ा और दोषी को बाइज्जत बरी कर दिया जाता है।

प्रश्न 3.
देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
उत्तर:
इसका आशय यह है कि महादेव की मृत्य अल्पायु में ही हो गई थी। इस संसार से जाने से पहले उन्होंने ऐसा काम किया था कि सारी दुनिया उन पर मुग्ध हो गई थी। वे शुक्रतारे की तरह अल्प समय में अपनी चमक बिखेरकर अस्त हो गए।

प्रश्न 4.
उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
उत्तर:
आशय- महादेव भाई की लिखावट अत्यंत सुंदर थी। यह लिखावट इतनी शुद्ध होती थी कि उसमें कॉमा और मात्रा की भी गलती नहीं होती थी। उनकी लेखन शैली मनोहारी होती थी। शिमला में बैठे वाइसराय को लिखे जाने वाले पत्र महादेव की लिखावट में भेजे जाते थे। इन पत्रों की लिखावट देख वाइसराय लंबी-लंबी साँसें लेने लग जाते थे क्योंकि ब्रिटिश सर्विस में उनके समान अक्षर लिखने वाला मिलना कठिन था।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 1.
‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-

         सप्ताह    –    साप्ताहिक

  1. अर्थ        –    …………………
  2. साहित्य   –    …………………
  3. धर्म        –    …………………
  4. व्यक्ति    –    …………………
  5. मास       –    …………………
  6. राजनीति –    …………………
  7. वर्ष        –    …………………

उत्तर:

  1. अर्थ – आर्थिक
  2. साहित्य – साहित्यिक
  3. व्यक्ति  – वैयक्तिक
  4. धर्म  -धार्मिक
  5. मास  – मासिक
  6. राजनीति – राजनीतिक
  7. वर्ष  – वार्षिक

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए-
अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

  1. आर्य           –     …………………….
  2. आगत         –     …………………….
  3. डर            –      …………………….
  4. आकर्षण     –     …………………….
  5. क्रय           –      …………………….
  6. मार्ग           –      …………………….
  7. उपस्थित     –      …………………….
  8. लोक          –      …………………….
  9. नायक        –      …………………….
  10. भाग्य         –      …………………….

उत्तर:

  1. आर्य – अनार्य
  2. आगत – अनागत
  3. डर – निडर
  4. आकर्षण – विकर्षण
  5. क्रये – विक्रय
  6. मार्ग – कुमार्ग
  7. उपस्थित – अनुपस्थित
  8. लोक – परलोक
  9. नायक – अधिनायक
  10. भाग्य – दुर्भाग्य ।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए,

  1. आड़े हाथों लेना
  2. अस्त हो जाना
  3. दाँतों तले अंगुली दबाना
  4. मंत्र-मुग्ध करना
  5. लोहे के चने चबाना

उत्तर:

  1. आड़े हाथों लेना – जब दुश्मन सामने आए तो नरमी न बरतना। उसे आड़े हाथों लेना
  2. अस्त हो जाना – कभी कांग्रेस में सेवा का भाव था। आज वह पवित्र भावना अस्त हो गई है।
  3. दाँतों तले अँगुली दबाना – नट को एक रस्सी पर चढ़ते देखकर सब लोग दाँतों तले अँगुली दबाने लगे
  4. मंत्र मुग्ध करना – लता मंगेशकर की मधुर आवाज़ ने सबको मंत्र मुग्ध कर दिया
  5. लोहे के चने चबाना – सैनिकों का जीवन आसान नहीं होता। उन्हें युद्ध के मैदान में लोहे के चने चबाने पड़ते हैं

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए

  1. वारिस     –   ……………..
  2. जिगरी     –   ……………..
  3. कहर       –   …………….
  4. मुकाम     –  ……………..
  5. रूबरू    –   ……………..
  6. फ़र्क       –   ……………..
  7. तालीम    –   ……………..
  8. गिरफ्तार –   ……………..

उत्तर:

  1. वारिस – उत्तराधिकारी
  2. जिगरी – हार्दिक
  3. कहर – जुल्म, अत्याचार
  4. मुकाम – लक्ष्य
  5. रूबरू – प्रत्यक्ष
  6. फ़र्क – अंतर
  7. तालीम – शिक्षा
  8. गिरफ़्तार – कैद, बंधक

प्रश्न 5.
उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए-
उदाहरण :
गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

  1. महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गाँधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
  5. गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर:

  1. महादेव भाई ने अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया था।
  2. पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़े थे।
  3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
  4. देश-विदेश के समाचार पत्रों ने गाँधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी की।
  5. गाँधीजी के पत्र हमेशा महादेवी की लिखावट में जाया करते थे।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
गाँधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ को पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
जलियाँवाला बाग में कौन-सी घटना हुई थी? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर:
जलियाँवाला बाग में वैशाखी के दिन जनसभा हुई थी। उस सभा पर जनरल डायर ने गोलियाँ चलवा दी थीं। उसमें हज़ारों लोग मारे गए थे।

प्रश्न 3.
अहमदाबाद में बापू के आश्रम के विषय में चित्रात्मक जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
साबरमती आश्रम साबरमती नदी के तट पर गुजरात में है।

प्रश्न 4.
सूर्योदय के 2-3 घंटे पहले पूर्व दिशा में या सूर्यास्त के 2-3 घंटे बाद पश्चिम दिशा में एक खूब चमकता हुआ ग्रह दिखाई देता है, वह शुक्र ग्रह है। छोटी दूरबीन से इसकी बदलती हुई कलाएँ देखी जा सकती हैं, जैसे चंद्रमा की कलाएँ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.
वीराने में जहाँ बत्तियाँ न हों वहाँ अँधेरी रात में जब आकाश में चाँद भी दिखाई न दे रहा हो तब शुक्र ग्रह (जिसे हम शुक्र तारा भी कहते हैं) के प्रकाश से अपने साए को चलते हुए देखा जा सकता है। कभी अवसर मिले तो इसे स्वयं अनुभव करके देखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
सूर्यमंडल में नौ ग्रह हैं। शुक्र सूर्य से क्रमश: दूरी के अनुसार दूसरा ग्रह है और पृथ्वी तीसरा। चित्र सहित परियोजना पुस्तिका में अन्य ग्रहों के क्रम लिखिए।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 1
उत्तर:
सूर्य से नज़दीकी के क्रम से ग्रह

  1. बुध
  2. शुक्र
  3. पृथ्वी
  4. मंगल
  5. बृहस्पति
  6. शनि
  7. अरुण
  8. वरुण (नेप्च्यून)
  9. यम (प्लूटो)

प्रश्न 2.
‘स्वतंत्रता आंदोलन में गाँधी जी का योगदान’ विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर:

  • गाँधी जी ने दक्षिणी अफ्रीका में स्वतंत्रता की लड़ाई शुरू की।
  • उन्होंने भारत में आकर कांग्रेस की कमान संभाली।
  • उन्होंने डांडी-यात्रा की। नमक आंदोलन किया। 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन चलाया। वे अनेक बार जेल गए। उन्होंने लाखों सत्याग्रहियों को प्रेरित किया। आखिरकार एक दिन देश आज़ाद हुआ।

प्रश्न 3.
भारत के मानचित्र पर निम्न स्थानों को दर्शाएँ :
अहमदाबाद, जलियाँवाला बाग (अमृतसर), कालापानी (अंडमान), दिल्ली, शिमला, बिहार, उत्तर प्रदेश।
उत्तर:
नक्शा लेकर उस पर रंगों से चिह्न लगाएँ।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 9

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 9 साखियाँ एवं सबद

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

साखियाँ

प्रश्न 1.
मानसरोवर’ से कवि का क्या आशय है?[CBSE]
उत्तर:
मानसरोवर से कवि के दो आशय हैं-

  • तिब्बत में हिमालय की ऊँचाई पर स्थित पवित्र झील, जिसमें हंस क्रीड़ा करते हैं।
  • मनुष्य का पवित्र मन रूपी सरोवर।

प्रश्न 2.
कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है? [Imp.] [CBSE]
उत्तर:
कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी बताते हुए कहा है कि सच्चा प्रेमी अपने प्रेम अर्थात् ईश्वर की भक्ति करते हुए ईश्वर को पाने का प्रयास करता है। उसे ईश्वर के अलावा किसी सांसारिक वस्तु को पाने की रुचि नहीं होती है। वह लोभ, मोह, माया से ऊपर उठ चुका होता है। उसके लिए सांसारिक आकर्षण तथा बंधन ईश्वर की प्राप्ति में बाधक नहीं बन पाते हैं।

प्रश्न 3.
तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?
उत्तर:
तीसरे दोहे में कबीर ने उस आध्यात्मिक ज्ञान को महत्त्व दिया है जो व्यक्तिव अनुभव से प्राप्त करता है।

प्रश्न 4.
इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है? [Imp.] [CBSE]
अथवा
‘संत सुजान’ से क्या आशय है? [CBSE 2012]
उत्तर:
इस संसार में सच्चा संत वही है जो-

  1. मोह-माया, लोभ, अपने-पराए की भावना से दूर रहता है।
  2. सांसारिक मोहमाया से दूर रहकर प्रभु की सच्ची भक्ति करता है।
  3. सुख-दुख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा आदि को समान रूप से अपनाता है।
  4. दिखावे की भक्ति नहीं करता है। वे सच्ची भक्ति से प्रभु को प्राप्त करना चाहता है।

प्रश्न 5.
अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीर ने किस तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है?
उत्तर:
अंतिम दो दोहों में कबीर ने जिने संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है, वे हैं-

  • अपने-अपने धर्म को श्रेष्ठ मानने की कट्टरता और दूसरे धर्म की निंदा करना।
  • ऊँचे कुल में जन्म लेने के कारण बड़ा होने का अभिमान करने संबंधी संकीर्णता।

प्रश्न 6.
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या उसके कर्मों से? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
कुछ लोगों का मानना है कि अच्छे कुल में जन्म लेने से ही वह महान नहीं बन जाता है। पहचान बनाने के लिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करने होते हैं। व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे कर्मों से होती है ऊँचे कुल में जन्म लेकर भी व्यक्ति यदि अच्छे कर्म नहीं करता है तो वह सम्मानीय नहीं हो सकता है। इसके विपरीत छोटे या निम्न कुल में ” भी जन्म लेकर व्यक्ति यदि अच्छे कर्म करता है तो सम्माननीय बन जाता है।

प्रश्न 7.
काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए हस्ती चढिए ज्ञान को, सहज दुलीचा डारि। स्वान रूप संसार है, भूकन दे झख मारि।।
उत्तर-
काव्यसौंदर्य
भावसौंदर्य- कवि ने ज्ञान की साधना में जुटे लोगों को देखकर संसार की प्रतिक्रिया की अभिव्यक्ति की है। साधक व्यक्ति को देखकर संसार उस पर तरह-तरह टीका-टिप्पणी करता है।

शिल्य सौंदर्य-

  • मिश्रित शब्दावली युक्त सधुक्कड़ी भाषा है जिसमें तत्सम शब्द का प्रयोग है।
  • दोहा छंद का प्रयोग है।
  • रूपक अलंकार का अति सुंदर प्रयोग है। इस अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  • स्वान रूप संसार में उपमा तथा अनुप्रास अलंकार है।
  • ‘झख मारना’ मुहावरे का सुंदर प्रयोग है।
  • भाषा में चित्रात्मकता है तथा दृश्य बिंबसाकार हो उठा है।

सबद (पद)

प्रश्न 8.
मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता फिरता है? [Imp.] [CBSE]
उत्तर:
मनुष्य ईश्वर को निम्नलिखित स्थानों पर ढूँढ़ता है-

  1. हिंदू ईश्वर को मंदिर तथा अपने पवित्र तीर्थस्थल कैलाश पर्वत पर ढूँढ़ता है।
  2. मुसलमान अपने प्रभु को काबा तथा मस्जिद में खोजता है।
  3. मनुष्य ईश्वर को योग, वैराग्य तथा अनेक प्रकार की धार्मिक क्रियाओं में खोजता है।

प्रश्न 9.
कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है? [CBSE]
उत्तर:
कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए जिन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है, वे हैं-

  • ईश्वर मंदिर-मस्जिद या देवालयों में नहीं रहता है।
  • ईश्वर काबा-काशी जैसे धर्म स्थलों पर नहीं रहता है।
  • ईश्वर को कर्मकांडों जैसे योग-वैराग्य द्वारा नहीं पाया जा सकता है।
  • भक्ति का दिखावा करने से ईश्वर नहीं मिलता है।

प्रश्न 10.
कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँसे में क्यों कहा है? [Imp.] [CBSE]
उत्तर:
सभी प्राणियों की रचना ईश्वर द्वारा की गई है। उसी ईश्वर का अंश आत्मा के रूप में प्रत्येक प्राणी में समाया हुआ है। जीव के अस्तित्व का कारण भी वही है, इसलिए कवि ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में कहा है।

प्रश्न 11.
कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामान्य हवा से न कर आँधी से क्यों की? [CBSE]
उत्तर:
सामान्य हवा के चलने से आस-पास के वातावरण में विशेष परिवर्तन नहीं होता है किंतु आँधी आने से सारा दृश्य बदल जाता है। इसी तरह ज्ञान की आँधी आने से भक्त के मन से छल, कपट, मोह-माया, तृष्णा, लोभ-लालच तथा अज्ञानता का अंधकार नष्ट हो जाता है और व्यक्ति प्रभु भक्ति के आनंद में डूब जाता है इसलिए कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना आँधी से की है।

प्रश्न 12.
ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अथवा
ज्ञान की आँधी आने पर व्यक्ति के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन देखने को मिलते हैं?[CBSE 2012]
उत्तर:
ज्ञान की आँधी के प्रभावस्वरूप भक्त के मन पर पड़ा भ्रम और अज्ञान का पर्दा हट गया। मन में जमा अंधकार दूर हो गया। वह मोह-माया के बंधनों से मुक्त हो गया। उसको मन निश्छल हो गया। वह प्रभुभक्ति में लीन हो सच्ची भक्ति करने लगा। उसकी परमात्मा से पहचान हो गई।

प्रश्न 13.
भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हिति चित्त की है श्रृंनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।। उत्तर- इसका भाव यह है कि ईश्वरीय ज्ञान के आने से स्वार्थ-चिंतन समाप्त हो गया तथा सांसारिक मोह नष्ट हो गया।
(ख) आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भींनाँ।
उत्तर:
(क) भाव यह है कि ज्ञान की आँधी आने से पहले मनुष्य के मन में भ्रम को जो छप्पर पड़ा था उसे सहारा देने वाले स्वार्थ पूर्ण विचारों के खंभे टूट गए और सांसारिक मोह-माया का बंधन टूट गया।

(ख) ज्ञान की आँधी आने के बाद भक्त के हृदय में प्रभु-प्रेम की जो वर्षा हुई उसके आनंद में भक्त का हृदय पूरी तरह से सराबोर हो गया।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 14.
संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
कबीर अपनी साखियों में कहते हैं कि मनुष्य को पक्ष-विपक्ष अर्थात् जातिगत भेदभाव से दूर रहना चाहिए। सबको हिंदू-मुसलमान आदि के झगड़ों से दूर रहना चाहिए। उनकी स्पष्ट धारणा थी कि जो निष्पक्ष होकर हरि का ध्यान करता है, वही ज्ञानी संत कहलाता है। वे हिंदू और मुसलमान दोनों की कट्टरता को फटकारते हुए कहते हैं

हिंदू मूआ राम कहि, मुसलमान खुदाइ।
कहै कबीर सो जीवता, जो दुहुँ के निकट न जाइ।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 15.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-
पखापखी, अनत, जोग, जुगति, बैराग, निरपख
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 9 1

पाठेतर सक्रियता

• कबीर की साखियों को याद कर कक्षा में अंत्याक्षरी का आयोजन कीजिए।
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं।

• एन.सी.ई.आर.टी द्वारा कबीर पर निर्मित फिल्म देखें।
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं।

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NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth

NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth are part of NCERT Solutions for Class 9 English. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth.

Board CBSE
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject English Literature
Chapter Chapter 11
Chapter Name Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth
Number of Questions Solved 8
Category NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth

TEXTUAL EXERCISES
(Page 84)

Question 1.
Parents alone are responsible for inculcating a good sense of dental hygiene amongst children. Do you agree/disagree ? Discuss with your partner.
Answer
For discussion with partners at school level.
Yes, I agree with this. It is the parents who are responsible for inculcating a good sense of dental hygiene amongst their children. Children are children. They can’t be expected to live like the adults who know what is good or bad for them. Actually, children have a limited knowledge. They don’t know what is or will be good or bad for them. Since sweets are tasty they go on eating them and in greater quantities.

But they know it little how harmful they’ll be for their teeth. It is like eating fried food with cold drinks which makes them obese. If it is continued, obesity becomes the mother of many diseases. So parents must teach their children, in fact, must caution them against the results of eating more sweets. These will surely damage their teeth. They will undergo the pain of fillings and the whining drills of the dentist in their mouths. Quite possibly one day they might wear false teeth.

Question 2.
Listen to the poem.
Answer
Class level activity. No questions have been asked in it.

Question 3.
On the basis of your reading of the poem, complete the following table.

Stages in the life of the poet Activities Consequences
(a) Youth eating toffees,

________
________
________
________

_________
_________
_________
_________
(b) Adulthood ________
________
________
gazing at the dentist in despair.

Answer

Stages in the life of the poet Activities Consequences
(a) Youth eating toffees,

eating sweet sticky food,
gobstoppers,
liquorice, sherbet dabs,
peanut brittle

cavities, decay, caps,
possibility of false teeth in the end.
(b) Adulthood eating gobstoppers,
liquorice, hard peanut
brittle
gazing at the dentist in despair.

Question 4.
On the basis of your understanding of the poem, answer the following questions by ticking the correct choice.
(a) The title ‘Oh, I wish I’d looked after me teeth’ expresses _____.

  1. regret
  2. humour
  3. longing
  4. pleasure

(b) The conscience of the speaker pricks her as she has ____.

  1. been careless
  2. been ignorant
  3. been fun-loving
  4. been rude

(c) The speaker says that she has paved the way for cavities and decay by _____

  1. eating the wrong food and not brushing
  2. not listening to her mother
  3. laughing at her mother’s false teeth
  4. not listening to the dentist

(d) The tone of the narrator is one of ____.

  1. joy
  2. nostalgia
  3. regret
  4. sorrow

Answer
(a) 1
(b) 1
(c) 1
(d) 3

Question 5.
Answer the following questions

  1. “… But up-and-down brushin’
    And pokin’ and fussin’
    Didn’t seem worth the time-I could bite !”
    What do these lines convey ?
  2. Why did the poet go to the dentist ? How could she have avoided it ?
  3. “If you got a tooth, you got a friend”, what do you understand from the line ?
  4. With reference to the poem, how can you look after your teeth ? (V. Imp.)
  5. Give an appropriate proverb that conveys the message that this poem carries.

Answer

  1. These lines convey that the narrator continued brushing her teeth up-and-down and checking them. But she never stopped eating various kinds of sweets. She didn’t think it was worth to check all this as she could bite still. She thought her teeth were alright but they had decayed and were in the process of decaying.
  2. The poet went to the dentist to get her teeth repaired and to have fillings of her cavities in them. She could have avoided if she had cared for them and stopped eating sweets at right time.
  3. It means when a new tooth came it became like a friend. Earlier, the mouth was ‘friendless’ without the teeth. Now it was not so. Also it means the tooth was like a ‘friend’ because it had not been affected by the decay.
  4. We can look after our teeth by avoiding all kinds of sweets. Then we can take care of them by regularly brushing them appropriately.
  5. Healthy and sparkling teeth
    Add lustre to your health.

Question 6.
Listen to, the conversation between Doki and his sister, Moki. As you listen complete the idioms and expressions listed below.
Answer

  1. a wink
  2. giving
  3. whip
  4. horse
  5. turn
  6. never cease
  7. past
  8. had sown

Question 7.
Read the following statement where ‘I’ refers to ‘you’
“I can’t afford to, after what Jack’s done to his teeth.”
What is it, you think you can’t afford and why ? Write a diary entry of not less than 125 words.
(in-class activity; not to be set up as homework).
Answer
15 September 20…                                                               9.30 pm
I feel horrified to see Jack with diseased and decaying teeth. How beautiful and sparkling teeth he had earlier ! But now when he opens his mouth it is a scene of decayed and coloured teeth. I simply can’t afford to treat my teeth like Jack. I know sparkling teeth add to our personality. Then with healthy teeth we are almost disease- free. I feel that decaying teeth cause bad breath. They invite a horde of germs of other allied diseases. By keeping good teeth, I can laugh at those people who sit in a dentist’s chair listening to their terror.

This horror is caused by the whining sound of their drill. I am very conscious to eat good and healthy food and avoid junk food. Then brushing the teeth daily and flushing it with liquids like Listerene, has become my hobby. There is no doubt that bright and sparkling teeth are God’s gift. They add to the person’s personality. We must keep them healthy and in a good condition. It is never difficult to afford keeping them fine and bright.

JUST THINK
Question 8.
In line 35, the poet has misspelt the word ‘amalgam’. Why do you think she has done that ? Discuss.
(Teacher would point out the use of ‘me’ instead of ‘my’ and other linguistic variations that make the poem enjoyable.)
Answer
For discussion at class level. Some points are given below to facilitate this.

  • ‘amulgum’ distortion of amalgamation.
  • by saying or adding ‘amulgum’ the poet’s intention is to suggest mispronunciation due to decayed teeth or causing humour.
  • to suggest horror by striking some sort of suspense in the patient’s mind.
  • to alert the patient to be conscious of the fact that ‘mercury’, a part in the filling material, is something to be avoided.
  • to suggest caution in the readers’ minds to be wary of the necessity of keeping one’s teeth healthy.
  • to teach the narrator and readers as well, to avoid eating sweets for the sake of maintaining healthy teeth

We hope the NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 9 English Literature Chapter 11 Oh, I Wish I’d Looked After Me Teeth, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 15

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 15 मेघ आए

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 15 मेघ आए.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
अथवा
मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए? [CBSE]
उत्तर:
बादलों के आने पर प्रकृति में बढ़ी गतिशीलताएँ निम्नलिखित हैं-

  • हवा बहने लगी।
  • पेड़ झुकने और उठने लगे।
  • आँधी चलने से गलियों में धूल उड़ने लगी।
  • बहती नदी अचानक ठिठक गई।
  • पीपल का पेड़ झुकने लगा।
  • लता पेड़ के पीछे छिपने लगी।
  • क्षितिज पर बिजली चमकने लगी।
  • जोरदार बरसात होने लगी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?

  • धूल
  • पेड़
  • नदी
  • लता
  • ताल

उत्तर:

  • धूल – किशोरी लड़की का जो मेहमान के आने की सूचना देने भाग रही है।
  • पेड़ – गाँव के पुरुष।
  • नदी – गाँव की विवाहिता औरतें।
  • लता – नवविवाहिता, जो साल भर से पति का इंतजार कर रही थी।
  • ताल – घर का सदस्य।

प्रश्न 3.
लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर:
लता ने अपने पति मेघ को दरवाजे की ओर से देखा, क्योंकि ग्रामीण संस्कृति में नवविवाहिता नायिका अपने मायके वालों की उपस्थिति में अपने पति से बातें नहीं करती है। वह बात करने के लिए, उसे देखने के लिए उत्सुक रहती है, इसलिए ओट से देखती है।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूघट सरके।
उत्तर:
(क) भाव-लता रूपी नायिका मेघ रूपी मेहमान से क्षमा माँगते हुए कहने लगी मुझे माफ करना क्योंकि एक साल तक तुम्हारे न आने का मेरे मन में भ्रम बन गया था। अन्य भाव-वर्षा होने से व्याकुल ग्रामवासियों के मन का यह भ्रम मिट गया कि इस साल मेघ नहीं बरसेंगे।
(ख) भाव-नदी में उठती-गिरती लहरें देखकर लगता है कि नदी आने वाले मेघ रूपी मेहमान को पूँघट उठाकर तिरछी नजर से देख रही है। अन्य भाव-गाँव की स्त्रियाँ आते मेहमान को देखने के लिए ठिठक गई और पूँघट उठाकर तिरछी नजर से देखने लगीं।

प्रश्न 5.
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
अथवा
मेघों के आने पर गाँव में कैसा वातावरण हो गया? [CBSE]
उत्तर:
मेघ रूपी मेहमान के आने से हवा रूपी नवयुवतियाँ प्रसन्न हो उठीं। वे मेहमान के आने की सूचना देने के लिए घर की ओर भागीं। घर की स्त्रियाँ दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर मेहमान को देखने लगीं। पेड़ गरदन उचकाकर देखने लगे। लताएँ पेड़ों की ओट में छिपने लगीं। आकाश में बादल छा गए और बिजली चमकने लगी। थोड़ी ही देर में बादल बरसने लगे।

प्रश्न 6.
मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर:
बादल काले-काले हुँघराले होते हैं। इनकी सुंदरता देखते ही बनती है। बादलों के बीच कभी सतरंगी इंद्रधनुष दिखता है, जिससे बादलों का सौंदर्य बढ़ जाता है। बादलों के आगमन की सूचना देती या आगवानी करती हवा आई। बादल गाँव में सजे-धजे मेहमान के रूप में आए।

प्रश्न 7.
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
कविता में आए मानवीकरण अलंकार के उदाहरण

  • मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के
  • आगे-आगे नाचती गाती बयार चली,
  • पेड़ झुक कर झाँकने लगे, गरदन उचकाए,
  • आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
  • बाँकी चितवन उठी, नदी ठिठकी
  • बूढे पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
  • बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
  • हरषायो ताल लाया पानी परातभर के

रूपक अलंकार का उदाहरण
क्षितिज अटारी गहराई

प्रश्न 8.
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. मेहमान के आने पर खुशी छा जाना।
  2. गाँववालों द्वारा मेहमान को उत्सुकतापूर्वक देखना।
  3. बड़ों-बूढ़ों द्वारा स्वागत-सत्कार किया जाना।।
  4. घर के किसी सदस्य द्वारा पानी लाना, हाथ-पाँव धुलवाने का प्रबंध करना।

प्रश्न 9.
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए। [CBSE]
उत्तर:
कविता में आकाश में बादलों के आने का वर्णन इस प्रकार है-
आकाश में बादल आते ही हवा चलने लगी। हवा के चलने से पेड़ झुकते-उठते हुए प्रतीत होने लगे। आँधी चलने से धूल उड़ने लगी और दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगीं। नदी का बहाव रुक गया, लता पेड़ की ओट में छिपने लगी। आसमान में बादल गहरे हो गए, बिजली चमकी और बरसात होने लगी।

इसी प्रकार गाँव में मेहमान (दामाद) का वर्णन इस प्रकार है-
गाँव में मेहमान को आता देख लड़कियाँ मेहमान के आने की सूचना देने घर की ओर दौड़ पड़ी। गाँव वाले मेहमान को उचक-उंचंककर देखने लगे। स्त्रियाँ दरवाजे-खिड़कियाँ खोलकर उत्सुकता से देखने लगीं। मेहमान के आने पर घर के बुजुर्ग ने राम-जुहार की। घर का कोई युवा थाल में पानी भर लाया। मेहमान की नवविवाहिता पत्नी ने सालभर बाद आने की उससे शिकायत की। दोनों के मन का भ्रम दूर हुआ और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे।

प्रश्न 10.
काव्य-सौंदर्य लिखिए
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
उत्तर:
काव्य-सौंदर्य
भाव-सौंदर्य – गाँव में मेघ रूपी बादलों के आने का सजीव चित्रण किया गया है।
शिल्प-सौंदर्य-

  • भाषा आम-बोलचाल के शब्दों से युक्त है जिसमें चित्रात्मकता है।
  • सजे-धजे मेहमान द्वारा बादलों को उपमानित करने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।
  • मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के-मानवीकरण एवं अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 11.
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
वर्षा आने से पूर्व ही आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है। वर्षा होने पर चारों ओर उल्लास का वातावरण छा जाता है। पत्ते धुले-धुले से नज़र आने लगते हैं। बच्चे नहाने के लिए बाहर निकल आते हैं। शीतल हवा चलने चलती है। पेड़ झूम-झूमकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। बादल गरज-गरजकर नगाड़े बजाते हुए प्रतीत होते हैं। दादुर और मोर इस धुन के साथ तान मिलाने लगते हैं। वर्षा बंद होते ही लोग रंग-बिरंगे छाते लेकर निकल पड़ते हैं। बच्चे कागज़ की नाव तैराने के लिए तालाब की ओर चल पड़ते हैं।

प्रश्न 12.
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए। [CBSE]
उत्तर:
कवि ने पीपल को ही बुजुर्ग इसलिए माना है क्योंकि पीपल का पेड़ आकार में काफी बड़ा तथा पुराना होता है। यह गाँव के लिए साफ हवा देने के अलावा कल्याणकारी भी होता है।

प्रश्न 13.
कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संस्कृति में अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है परंतु समय और परिस्थितियाँ बदलने से इस परंपरा में बहुत बदलाव आ गया है। पहले यातायात और संचार के साधन कम होने से मेहमान का प्राय; अपना नहीं हो पाता था और न एक-दूसरे से बात करने, हाल-समाचार जानने का मौका मिल पाता था। इसके अलावा तब लोगों की दिनचर्या इतनी व्यस्त न थी। लोग समय निकालकर आव-भगत करते थे। इसके अलावा बढ़ती महँगाई से भी मेहमान की आतिथ्य परंपरा प्रभावित हुई है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 14.
कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर:
कविता में आए मुहावरे                                   वाक्य-प्रयोग

  1. सुधि लेना (याद करना)                         तुम काम में इतने डूबे रहते हो कि माँ की सुधि लेने की भी फुर्सत नहीं रह गई है।
  2. गाँठ खुलना (मन का मैल दूर होना)        तुम्हारी बातें सुनकर मेरे मन की गाँठ खुल गई
  3. बाँध टूटना (धैर्य समाप्त होना)               देखो अपने सब्र का बाँध न टूटने दो, यही परिवार के लिए ठीक होगा।
  4. बन-ठन के आना (सज-सँवरकर आना)  शादी में मेहमान बन-उन कर आए हैं।
  5. गरदन उचकाना (उचक कर देखना)      मेहमान को देखने के लिए लड़कियाँ गरदन उचकाने लगीं।

प्रश्न 15:
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर:
बन-ठन, सँवर, यार, पाहुन, उचकाए, चितवन, जुहार, सुधि, लीन्हीं, ओर, किवार, ताल, परात, अटारी, भरम।

प्रश्न 16.
‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘मेघ आए’ कविता की भाषा प्रवाहमयी, चित्रात्मक, सरल और सजीव है। इसमें शब्दों की क्लिष्टता और जटिलता नहीं है। कवि ने अपनी बात को लोक भाषा में कह दिया है; जैसे-‘मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।’ कविता में आँचलिक शब्दों की बहुलता है। तत्सम शब्द बस नाम मात्र के हैं। जो हैं भी वे आम बोलचाल में प्रचलित हैं। कविता में संवाद ग्रामीणों की जुबान में ही रखे गए हैं; जैसे‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’ तथा क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।’ इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इस कविता की भाषा सरल और सहज है।

पाठेतर सक्रियता

• वसंत ऋतु के आगमन का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
लो वसंत ऋतु आ गई है। उसके स्वागत में प्रकृति का मुखमंडल खिल उठा है। आकाश सजकर सरोवरों के दर्पण में मुँह निहार रहा है। वृक्षों ने उनके स्वागत में धरती पर फूल बिछा दिए हैं। हवा उन्हें पंखा कर रही है। कोयले कू-कू करके उनका अभिनंदन कर रही हैं।

• प्रस्तुत अपठित कविता के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनि यह गई दमक
मेघ बजे
दादुर का कंठ खुला
मेघ बजे
धरती का हृदय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचंदन
मेघ बजे
हल का है अभिनंदन
मेघ बजे
धिन-धिन-धा

  1. ‘हल का है अभिनंदन’ में किसके अभिनंदन की बात हो रही है और क्यों?
  2. प्रस्तुत कविता के आधार पर बताइए कि मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
  3. पंक बना हरिचंदन’ से क्या आशय है?
  4. पहली पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
  5. ‘मेघ आए’ और ‘मेघ बजे’ किस इंद्रिय बोध की ओर संकेत हैं?

उत्तर:

  1. यहाँ स्वयं स्रष्टा अर्थात् भगवान के अभिनंदन की बात हो रही है क्योंकि वही कर्ता है।
  2. मेघ आने पर चारों ओर जल बरसने की संगीत-ध्वनि होने लगी। आकाश में बिजली चमकने लगी। मेंढक आवाज़ करने लगे। धरती साफ-स्वच्छ हो गई। कहीं कीचड़ जम गई।
  3. धरती पर कीचड़ जमा हो गया। परंतु प्रसन्नता के कारण वह चंदन-लेप-सा प्रतीत होने लगा।
  4. अनुप्रास अलंकार।
  5. ‘मेघ आए’ में आँख से देखने का बोध है। (दृश्य बिंब)
    ‘मेघ बजे’ में कान से सुनने का बोध है। (श्रव्य बिंब)

• अपने शिक्षक और पुस्तकालय की सहायता से केदारनाथ सिंह की ‘बादल ओ’, सुमित्रानंदन पंत की ‘बादल’ और निराला की ‘बादल-राग’ कविताओं को खोजकर पढ़िए।
उत्तर:
केदारनाथ सिंह की कविता ‘बादल ओ’ में प्यासी प्रकृति की पुकार है कि बादल शीघ्र बरसें और उनकी प्यास बुझाएँ।
पंत की ‘बादल’ में बादल के विविध रूपों की रोचक वर्णन है।
निराला की ‘बादल-राग’ में बादल क्रांति के दूत बनकर क्रांति का आह्वान करते हैं।
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की ‘मेघ आए’ कविता में बादल को सजे-सँवरे नायक के रूप में दिखाते हुए प्रकृति का बहुरूपी वर्णन है।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 1

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 1 गिल्लू

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पाठ्य-पुस्तक के बोध-प्रश्न

प्रश्न 1.
सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे? [CBSE)
उत्तर:
सोनजुही में लगी पीली कली देखकर लेखिका के मन में गिल्लू से जुड़े अनेक विचार उमड़ने लगे। उसे स्मरण हो आया कि इसी सोनजुही की सघन हरियाली में गिल्लू छिपकर बैठता था। जब लेखिका सोनजुही के निकट आती थी तो उसके कंधे पर कूदकर उसे चौंका देता था। लेखिका को गिल्लू जिस हालत में मिला था तथा दो वर्ष तक उसके साथ की गई क्रियाएँ एक-एककर उसे याद आने लगीं थी।

प्रश्न 2.
पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है? [CBSE 2012]
अथवा
कौओं कब समादरित और कब अनादरित लगने लगता है? [CBSE]
उत्तर:
कौओ एक विचित्र प्राणी है। कभी इसका आदर किया जाता है तो कभी अनादर। श्राद्ध के दौरान लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते हैं। कौए को खाना खिलानेवाला यह मानता है कि उसने अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। कौए के माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नहीं भाती। अतः यह अनादरित होता है।

प्रश्न 3.
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया? [CBSE]
अथवा
लेखिका ने घायल गिल्लू की देखभाल किस प्रकार की? [CBSE]
उत्तर:
गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार करने के लिए उसे गमले और दीवार के बीच से सावधानीपूर्वक निकाला गया। उसके घावों के रक्त को रुई से साफ़ कर उन पर पेंसिलीन का मरहम लगाया गया। कुछ घंटों के प्रयास के बाद उसके मुँह में एक बूंद पानी टपकाया गया। इस तरह लगातार की गई देखभाल से वह तीसरे दिन तक स्वस्थ हो गया।

प्रश्न 4.
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था? [CBSE 2012]
उत्तर:
जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेज़ी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लू यह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका के गिल्लू की समझदारी और इस प्रकार के कार्य-कलापों पर हैरानी होती थी।

प्रश्न 5.
गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?
अथवा
गिल्लू को क्यों और कैसे मुक्त किया गया? [CBSE 2012]
उत्तर:
गिल्लू के जीवन में प्रथम वसंत आने पर वह जाली के पास बैठकर बाहर की गिलहरियों को अपनेपन से झाँका करता था। उसे ऐसा करता देख लेखिका को लगा कि अब उसे मुक्त करना आवश्यक है। उसके लिए उसने खिड़की की कीलें निकालकर जाली का कोना खोल दिया। इसी रास्ते से गिल्लू बाहर जाता, गिलहरियों के साथ खेलता-कूदता और ठीक चार बजे कमरे में वापस आ जाता।

प्रश्न 6.
गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
उत्तर:
एक बार लेखिका मोटर दुर्घटना में घायल हो गई और उसे कई दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा। अस्पताल से घर आने पर गिल्लू ने उसकी सेवा की। वह लेखिका के पास बैठा रहता। वह तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हे-नन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बालों को इस प्रकार सहलाता रहता जिस प्रकार कोई सेविका हल्के हाथों से मालिश करती है। जब तक गिल्लू सिरहाने बैठा रहता लेखिका को ऐसा प्रतीत होता मानो कोई सेविका उसकी सेवा कर रही है। उसका वहाँ से हटना लेखिका को किसी परिचारिका के हटने के समान लगता। इस प्रकार लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू ने परिचारिका की भूमिका निभाई।

प्रश्न 7.
गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है? [CBSE]
उत्तर:
उस दिन गिल्लू ने दिन भर न कुछ खाया और न बाहर गया। वह रात में अपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आया। उसने अपने ठंडे पंजों से लेखिका की उसी अँगुली को पकड़ लिया जिसे उसने बचपन में तब पकड़ा था, जब लेखिका ने उसे मरणासन्न स्थिति में उठाया था। यह सब चेष्टाएँ देखकर लेखिका ने जान लिया कि गिल्लू का अंत समय समीप है।

प्रश्न 8.
‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’-का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विधाता प्रदत्त जीवन के दो पहलू हैं-जीवन और मरण। जीवन खुशी का अनुभव कराता है तो मृत्यु दुख का। गिल्लू के जीवन का मार्मिक अंत हो गया। सुबह का उजाला पुनः फैलाने के लिए वह मृत्यु की गोद में समा गया था। मृत्यु का आभास वेदनापूर्ण था। उसने पारिवारिक माहौल को अवसाद से भर दिया। जिन्हें परिवार के सदस्य की भाँति पाला-पोसा गया हो और जब वही छोड़कर चले जाते हैं तो जीवन को अनुभूति दुखद हो जाती है। गिल्लू भी महादेवी के लिए पारिवारिक सदस्य की भाँति था। उसके साथ उनका साहचर्यजनित लगाव था परंतु अधूरेपन व अल्पावधि का अनुभव कराकर गिल्लू का प्रभात की प्रथम किरण के रूप में मौत की गोद में सो जाना लेखिका को हिलाकर रख गया। मृत्यु पर किसी का वश नही चलता। इसी कारण सभी हाथ पर हाथ रखकर बैठने के सिवा कुछ नहीं कर सकते।

प्रश्न 9.
सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तर:
सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में इस विश्वास का जन्म होता है कि किसी वासंती के दिन गिल्लू जूही के पीले फूल के रूप में अवश्य खिल उठेगा।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 10 दोहे

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पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता? [CBSE]
(ख) हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? [CBSE)
(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है? [CBSE]
अथवा
‘एकै साधे सब सधै’ से रहीम का क्या भाव है? [CBSE)
(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता? (च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा? । [CBSE]
(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है? [CBSE]
अथवा
(ज) “मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए। [CBSE]

उत्तर:
(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले जैसा इसलिए नहीं हो पाता है, क्योंकि टूटने पर जब प्रेम-संबंधों को जोड़ने की कोशिश की जाती है तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। ऐसा करने पर भी मन की मलिनता पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाती है। इससे प्रेम संबंधों में पहले जैसी घनिष्ठता नहीं आ पाती है।

(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर इसलिए प्रकट नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस अपेक्षा के कारण हम दूसरों को अपना दुख सुनाते हैं, सुनने वाले की प्रतिक्रिया उसके विपरीत होती है। जो व्यक्ति हमारे दुखों के बारे में सुनता है वह मदद करने के बजाय हँसी उड़ाने लगता है।

(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि कीचड़ के बीच स्थित थोड़ा-सा पानी दूसरों के काम आता है। विभिन्न पक्षी, कीड़े-मकोड़े और अन्य छोटे-छोटे जीव इसे पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं, जबकि सागर का जल जो असीमित मात्रा में होता है, खारा होने के कारण किसी के काम नहीं आता है।

(घ) एक को साधने अर्थात् एक काम में मन लगाकर पूरा प्रयास करने से काम उसी तरह सध जाता है जिस प्रकार पेड़ की पत्तियों, तना, शाखा आदि को पानी देने के बजाय केवल उसकी जड़ों को पानी देने पर वह भरपूर मात्रा में फल देता है। इसके विपरीत जड़ के अलावा हर जगह पानी देने पर भी वह सूख जाता है।

(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य इसलिए नहीं कर पाता है क्योंकि जल ही कमल की अपनी संपत्ति होती है जिसके सहारे वह जीवित रहता है। इस जल रूपी संपत्ति के अभाव में सूर्य भी कमल की रक्षा करने में असमर्थ हो जाता। है और कमल सूख जाता है।

(च) अवध नरेश अर्थात् श्रीराम को चित्रकूट इसलिए जाना पड़ा था, क्योंकि अपने पिता के वचनों की रक्षा करने एवं उन्हें निभाने के लिए चौदह वर्ष के वनवास के लिए गए। वनवास जाते हुए उन्होंने अपने वनवास के कुछ दिन चित्रकूट में बिताए थे।

(छ) नट अपने शरीर को सिकोड़कर छोटा बनाने और कुंडली मारने की कला में पारंगत होने के कारण ऊपर चढ़ जाता। है, जहाँ जन सामान्य के लिए पहुँचना कठिन होता है।

(ज) मोती के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-उसकी चमक, जिसके कारण मोती बहुमूल्य मानी जाती है और आभूषण बनती है। मनुष्य के संदर्भ में ‘पानी’ का अर्थ है-इज्ज़त, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान। इसके कारण ही व्यक्ति समाज में आदर का पात्र समझा जाता है। चून (आटा) के संदर्भ में पानी’ का अर्थ जल है जिसके मेल से वह रोटियों के रूप में वह प्राणियों का पोषण करता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित को भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
(ख) सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँट न लैहैं कोय।
(ग) रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।।
(घ) दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
(ङ) नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
(च) जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।
(छ) पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष, चून। ‘

उत्तर:
(क) प्रेम संबंध एक बार टूटने से दुबारा नहीं बनते। यदि दुबारा बनते भी हैं तो उनमें पहले के समान घनिष्ठता नहीं रहती। मन में अविश्वास बना रहता है।

(ख) मनुष्य को अपना दुख सबके सामने प्रकट नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें अपने हृदय में छिपाकर रखना चाहिए। लोग उसे जानकर केवल मज़ाक उड़ाते हैं। कोई भी उन दु:खों को बाँटता नहीं है।

(ग) अनेक देवी-देवताओं की भक्ति करने की अपेक्षा अपने इष्टदेव के प्रति आस्था रखना अधिक अच्छा होता है। जिस प्रकार जड़ को सींचने से पेड़ के फूल-पत्तों तक का पोषण हो जाता है। उसी प्रकार इष्ट के प्रति ध्यान कर लें तो सांसारिक सुख स्वयं मिल जाते हैं।

(घ) दोहा छंद आकार में छोटा है, परंतु अर्थ बहुत गहरा लिए हुए होता है। उसका गूढ़ अर्थ ही उसकी गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति को स्पष्ट कर देता है। ठीक वैसे ही जैसे नट कुंडली को समेटकर रस्सी पर चढ़ जाता है।

(ङ) हिरण संगीत पर मुग्ध होकर शिकारियों को अपना जीवन तक दे देता है अर्थात अपनी अस्तित्व समर्पित कर देता है तथा मनुष्य दूसरों पर प्रसन्न होकर उसे धन देता है और उसका हित भी करता है। किंतु जो दूसरों पर प्रसन्न होकर भी उसे कुछ नहीं देता, वह पशु तुल्य होता है।

(च) प्रत्येक मनुष्य का अपना महत्त्व होता है। समयानुसार उसकी उपयोगिता है। कवि ने तलवार और सुई के उदाहरण द्वारा यह तथ्य सिद्ध किया है। जहाँ छोटी वस्तु का उपयोग होता है वहाँ बड़ी वस्तु किसी काम की नहीं होती और जहाँ बड़ी वस्तु उपयोगी सिद्ध होती है वहाँ छोटी वस्तु बेकार साबित होती है। सुई जो काम करती है वह काम तलवार नहीं कर सकती और जिस काम के लिए तलवार है वह काम सुई नहीं कर सकती। हर चीज़ की अपनी उपयोगिता है।

(छ) मोती में यदि चमक न रहे, वह व्यर्थ है। मनुष्य यदि आत्म-सम्मान न बनाए रखे तो बेकार है। सूखा आटा पानी के बिना किसी का पेट भरने में सहायक नहीं होता। पानी के बिना मोती, मनुष्य और चून नहीं उबर सकते। मोती की चमक, मनुष्य को आत्म-सम्मान व आटे की गुँथना सभी पानी के द्वारा ही संभव है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है

  1. जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
  2. कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
  3. पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।

उत्तर:

  1. जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देश।
  2. बिगरी बात बनत नहिं, लाख करौ किन कोय।
  3. रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।

प्रश्न 4.
उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण :

          कोय            –       कोई,                       जे         –       जो

  1. ज्यों             –       ……………….               कछु       –       ………………
  2. नहिं             –       ………………               कोय       –       ………………
  3. धनि             –       ………………              आखर      –      ………………
  4. जिय            –        ……………..              थोरे          –      ……………..
  5. होय             –        ……………..              माखन      –      ……………..
  6. तरवारि         –       ……………..              सचिबो      –      ……………..
  7. मूलहिं          –        ……………..             पिअत       –       ……………..
  8. पिआसो       –         ……………..             बिगरी        –      ……………..
  9. आवे            –         …………….             सहाय         –      ……………..
  10. ऊबरै           –        ……………..             बिनु           –      ……………..
  11. बिथा            –        ……………..            अठिलैहैं     –       ………………
  12. परिजाये       –        ………………

उत्तर:

  1. ज्यों   –  ज्यों                       कछु   – कुछ
  2. नहिं    –  नहीं                     कोय  –  कोई
  3. धनि    –  धन्य                    आखर  –  अक्षर
  4. जिय  –  जीव                      थोरे  –  थोड़े
  5.  होय  –  होता                     माखन  –  मक्खन
  6. तरवारि  –  तलवार              सचिबो  –  सींचना
  7. मूलहिं  –  मूल को               पिअत  –  पीते ही
  8. पिआसो  –   प्यासा              बिगरी  –  बिगड़ी
  9. आवे  –  आए                     सहाय  –  सहायक
  10. ऊबरे  –  उबरे                   बिना   –  बिथा
  11.  बिथा  –  व्यथा                   अठिलैहैं  –  इठलाएँगे
  12. परिजाय  –  पड़ जाए।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
‘सुई की जगह तलवार काम नहीं आती’ तथा ‘बिन पानी सब सून’ इन विषयों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर:
सुई की जगह तलवार काम नहीं आती पहला छात्र-सुई का काम सुई से ही हो सकता है। दूसरा छात्र-तलवार सुई का काम नहीं कर सकती। तीसरा छात्र-तलवार का महत्त्व अपनी जगह है। चौथा छात्र-सुई जोड़ती है, तलवार काटती है।

प्रश्न 2.
चित्रकूट’ किस राज्य में स्थित है, जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश में

परियोजना कार्य

प्रश्न1.
नीति संबंधी अन्य कवियों के दोहे/कविता एकत्र कीजिए और उन दोहों/कविताओं को चार्ट पर लिखकर भित्ति पत्रिका परं लगाइए।
उत्तर:
रहीम के दोहे चार्ट पर लिखकरे कक्षा में टाँगिए।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 मेरे बचपन के दिन

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 मेरे बचपन के दिन.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।’ इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि
(क) उस समय लड़कियों की दशा कै री थी?
(ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं?
उत्तर:
(क) महादेवी वर्मा के बचपन के समय लड़कियों की दशा बहुत अच्छी न थी। लड़कियों के प्रति समाज की सोच अच्छी न थी। लड़कियों को बोझ समझा जाता था। उनके पैदा होने पर लोगों को दुख होता था। वे उन्हें मार देते थे। खुद लेखिका का परिवार इसका उदाहरण है जहाँ दो सौ वर्षों तक कोई लड़की पैदा नहीं हुई।

(ख) उस समय की तुलना में आज लड़कियों की दशा में बहुत बदलाव आ गया है। यद्यपि विज्ञान और तकनीक का कुछ लोग दुरुपयोग करके कन्या भ्रूणहत्या करवा देते हैं पर इसके विरुद्ध कानून बन जाने से स्थिति में सुधार आया है। विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे-लाडली योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, विभिन्न स्थानों पर महिलाओं के लिए आरक्षण, बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा, छात्रवृत्ति आदि सुलभ होने के कारण अब लड़कियों को बोझ नहीं समझा जाता है। इस तरह परिस्थितियों में सुधार आया है।

प्रश्न 2.
लेखिका उर्द-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं?
उत्तर:
लेखिका उर्दू-फ़ारसी इसलिए नहीं सीख पाई क्योंकि

  1. उसके घर में उर्दू-फारसी का माहौल न था, जिससे बचपन में उसे इस भाषा को सीखने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिला।
  2. लेखिका के मन में यह बात बैठ गई थी कि उर्दू-फारसी सीखना उसके वश की बात नहीं।
  3.  इस भाषा को सीखने में वह रुचि नहीं लेती थी।
  4. उर्दू सिखाने वाले मौलवी के आने पर वह चारपाई के नीचे छिप जाया करती थी।

प्रश्न 3.
लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
उत्तर:
लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की अनेक विशेषताओं का उल्लेख किया है-

  • वह परिवार में हिंदी भाषा लाई
  • पूजा-पाठ में उनकी विशेष रुचि थी।
  • वे संस्कृत जानती थी और गीता पढ़ती थीं।
  • वे मीरा के पद तथा प्रभाती ‘जागिए कृपा निधान पंछी बन बोले’ गाती थी।
  • वे ब्रज भाषा में पद रचना भी करती थीं।

प्रश्न 4.
जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है? [Imp.]
उत्तर:
जवारा के नवाब और लेखिका का परिवार एक ही कंपाउंड में रहता था। मुसलमान और हिंदू परिवार होने के बाद भी दोनों परिवारों के संबंध बहुत अच्छे थे। दोनों के त्योहारों को एक-दूसरे के परिवार वाले मिल-जुलकर मनाते थे। एक का जन्मदिन दूसरे के परिवार में मनाया जाता था।

रक्षाबंधन के दिन लेखिका नवाब के बेटे को राखी बाँधती थी तो मुहर्रम के दिन लेखिका के परिवार के बच्चे हरे कपड़े पहनते थे। लेखिका के छोटे भाई को मनमोहन नाम नवाब की पत्नी द्वारा ही दिया गया था।

आज हिंदू और मुसलमान के नाम पर जगह-जगह दंगे होते हैं। इसके अलावा धर्म, संप्रदाय आदि के नाम पर वैमनस्यता उत्पन्न हो गई है। उस तरह के सांप्रदायिक सद्भाव सचमुच स्वप्न बनकर रह गए हैं।

प्रश्न 5.
जेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। जेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं/होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती?
उत्तर:
जेबुन्निसा की जगह यदि मैं होती तो और महादेवी वर्मा का कुछ काम करती तो महादेवी से अपेक्षा भी रखती कि

  • वे पढ़ाई में मेरी मदद कर दिया करें।
  • वे मुझे तुकबंदी करना सिखाएँ।
  • वे अपने साथ मुझे भी कवि सम्मेलनों में ले जाया करें ताकि कविता पाठ का आनंद मैं भी उठा सकें।

प्रश्न 6.
महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे/करेंगी?
उत्तर:
देशहित में या देश पर आई किसी आपदा निवारण के लिए मैं पुरस्कार में मिली कोई वस्तु या अपनी निजी वस्तु सहर्ष दे दूंगा। पुरस्कार से प्यार तो मुझे भी है पर देशहित की बात आने पर यह प्यार देश के लिए बढ़ जाएगा। मेरे लिए व्यक्तिगत हित, देशहित के सामने कोई महत्त्व नहीं रखता है।

प्रश्न 7.
लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।
उत्तर:
महादेवी क्रास्थवेट गर्ल्स स्कूल के छात्रावास में रहती थीं वहाँ कई प्रांतों से लड़कियाँ पढ़ने आती थीं। उनकी मातृभाषा और बोली-भाषा अलग थी। उनमें कुछ अवधी बोलती थी तो कुछ ब्रज और कुछ बुंदेलखंडी। सब हिंदी में पढ़ाई करती थी। सब एक ही मेस में खाती थी। एक ही प्रार्थना में खड़ी होती। वहाँ सांप्रदायिकता या वाद-विवाद जैसी कोई बात नहीं थी।

प्रश्न 8.
महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए।
उत्तर:
मैं जहाँ रहता हूँ वहीं पास में कुछ मुसलमानों के घर भी हैं। एक बार पाकिस्तान | भारत के साथ क्रिकेट के एक नजदीकी मुकाबले में हार गया। कुछ शरारती लड़कों ने मुसलमानों के घर के पास पटाखे फोड़ दिया। यह बात मुसलमानों को नागवार गुजरी। उन्होंने एक हिंदू लड़के को पीट दिया। बस क्या था, दंगे जैसी स्थिति बन गई।

पता चला कि दोनों ओर के दस आदमी घायल हो चुके हैं। मैं उस दिन अपनी कोचिंग की कक्षाएँ समाप्त कर दस बजे लौट रहा था कि सबसे किनारे वाले मकान के रऊफ चाचा ने मुझे अंदर खींच लिया और सारी बातों से अवगत कराया। उन्होंने मेरे घरवालों को फोन किया।
घरवाले पुलिस के साथ वहाँ आए और रऊफ चाचा को धन्यवाद देकर मुझे घर ले गए। यह घटना याद कर मैं आज भी रऊफ चाचा का कृतज्ञ हो उठता हूँ।

प्रश्न 9.
महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का जिक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उस पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए।
उत्तर:
सोमवार
15 अगस्त, 2016 आज विद्यालय में प्रातः 9 बजे स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम मनाया गया। इस राष्ट्रीय पर्व के शुभ अवसर पर आगंतुकों, अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई तथा मंच सजाया गया। प्रातः 8बजे से ही देशभक्तिपूर्ण गीत बजाए जा रहे थे। मुख्य अतिथि के आते ही दीप प्रज्वलित करके सरस्वती वंदना की गई और सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो गया।

इसी कार्यक्रम में मुझे राष्ट्र कवि दिनकर की कविता ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। का पाठ करना था। मन में भय की लहर जब-तब दौड़ जाती थी। एक उत्सुकता भी थी कि कब मेरा नाम पुकारा जाए, अंततः उद्घोषक ने मेरा नाम पुकारा। मैं सहमा-सा मंच गया। मन में सरस्वती माँ का स्मरण किया और कविता पढ़ना शुरू कर दिया। कविता होते ही जब तालियाँ बजी तब मन खुशी से भर गया। मैं खुशी मन से आकर अपनी सीट पर बैठ गया और बाकी कार्यक्रम का आनंद उठाने लगा।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 10.
पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए

  1. विद्वान,
  2. अनंत,
  3. निरपराधी,
  4. दंड,
  5. शांति।

उत्तर:

  1. विद्वान – विदुषी (विपरीतलिंग)
  2. अनंत – अंत
  3. निरपराधी – अपराधी
  4. दंड – पुरस्कार
  5. शांति – बेचैनी।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए
निराहारी               –     निर्      +     आहार       +     ई
सांप्रदायिकता
अप्रसन्नता
अपनापन
किनारीदार
स्वतंत्रता
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 1

प्रश्न 12.
निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो-दो शब्द लिखिए
उपसर्ग – अन्, अ, सत् स्व, दुर्
प्रत्यय – दार, हार, व, अनीय
उत्तर:
उपसर्ग   –

  • अन् – अनधिकार, अनादर ,
  • अ – अन्याय, अकाल
  • सत् – सत्संगति, सत्पथ
  • स्व – स्वाध्याय, स्वराज्य
  • दुर – दुर्गति, दुराचार

प्रत्यय    –

  • दार – हवादार, देनदार
  • हार – तारनहार, पालनहार
  • वाला – ताँगेवाला, रिक्शावाला
  • अनीय – दयनीय, पूजनीय।

प्रश्न 13.
पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए-
पूजा -पाठ                                   पूजा और पाठ
……………………..                            …………………….
…………………….                             …………………….
…………………….                             …………………….
…………………….                             …………………….
उत्तर:
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 7 2

पाठेतर सक्रियता

• बचपन पर केंद्रित मैक्सिम गोर्की की रचना ‘मेरा बचपन’ पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं।

• ‘मातृभूमि : ए विलेज विदआउट विमेन’ (2005) फिल्म देखें। मनीष झा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में कन्या भ्रूण हत्या की त्रासदी को अत्यंत बारीकी से दिखाया गया है।
उत्तर:
परीक्षोपयोगी नहीं।

• कल्पना के आधार पर बताइए कि लड़कियों की संख्या कम होने पर भारतीय समाज का रूप कैसा होगा? :
उत्तर:
यदि देश में लड़कियों की संख्या कम हो गई तो बहुत ही चिंताजनक स्थितियाँ बन जाएंगी। प्रत्येक पुरुष का विवाह नहीं हो सकेगा। इसलिए कुँवारे पुरुष गलत रास्तों की ओर चल पड़ेंगे। समाज में बलात्कार जैसी घटनाएँ बढ़ेगी। स्त्रियों का बाजारों में निकलना भी कठिन हो जाएगा। दूसरी ओर वेश्यावृत्ति बढ़ेगी। यह भी हो सकता है कि एक स्त्री का दो-तीन पुरुषों के साथ विवाह हो। इससे हमारी समाज-व्यवस्था में उथल-पुथल मच जाएगी।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1.
‘शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं। आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे?
उत्तर:
शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं। मेरी समझ में इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  • माटी वाली नाटे कद की बुढ़िया थी जो कंटर में माटी लाया करती थी।
  • माटी वाली यह कार्य करने वाली अकेली महिला थी जो घर-घर लाल माटी दिया करती थी।
  • टिहरी शहर की रेतीली मिट्टी से लिपाई नहीं की जा सकती थी। इसलिए उसकी मिट्टी की ज़रूरत हर घर को थी।
  • वह टिहरी शहर में वर्षों से मिट्टी दे रही थी।
  • शहर में रहने वाले यहाँ तक किराएदार भी उसी से मिट्टी लेते थे।
  • उसका कंटर, जिसमें ढक्कन नहीं होता था, अपनी विशेष पहचान रखता था।

प्रश्न 2.
माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था? [Imp.]
उत्तर:
माटी वाली समाज के अत्यंत गरीब मजदूर वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। वह सुबह जल्दी उठकर माटाखान जाती तथा मिट्टी खोदकर कंटर में भरती और मिट्टी सहित कंटर सिर पर रख शहर में घर-घर घूमती थी। इसके बदले में लोग उसे एक-दो सूखी रोटियाँ कभी-कभी ताजा-बासी साग या चाय दे देते। उसे अपनी बीमार पति की चिंता भी रहती थी।
उसकी देखभाल भी वही करती थी। अपनी इसी दिनचर्या को अपनी नियति मानकर वह जिए जा रही थी। ऐसे में उसके पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में सोचने का ज्यादा समय न था।

प्रश्न 3.
“भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ अभिप्राय यह है कि भूख ने होन पर यदि स्वादिष्ट और उच्च कोटि का भोजन मिलता है। तो भी खाने का मन नहीं करता है। इसके विपरीत यदि भूख लगी हो तो रूखा-सूखा या बासी खाना जैसे भी खाने को मिल जाए तो भी रुचिकर लगता है। उसे खाकर पेट ही नहीं भरते वरन संतुष्टि की अनुभूति करते हैं। अतः भोजन मीठा नहीं होता है, भूख मीठी होती है।

प्रश्न 4.
पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’-मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
हमारे घरों में पूर्वजों के अथक परिश्रम से बनाई हुई कुछ पुरानी वस्तुएँ होती हैं जो उनके न रहने पर भी पूर्वजों की याद दिलाती हैं। पीढ़ियों से चली आ रही यही धरोहर विरासत के नाम से जानी जाती है।
हमें इनका महत्त्व इनका मूल्य देखकर नहीं समझना चाहिए। हमें यह अनुमान लगाना चाहिए कि अपनी आवश्यक आवश्यकताओं को पूरा करने में भी कमी करके बचाई गई राशि से उन्होंने यह सब बनाया होगा। इसके लिए उन्हें कितनी ही मेहनत करनी पड़ी होगी।
लोग धरोहर का मूल्य समझे बिना, उन्हें अनुपयोगी वस्तु समझकर औने-पौने दाम में बेच दिया करते हैं। वे आज के दौर की सौंदर्य वृदृधि वाली वस्तुएँ खरीद लेते हैं तथा अपने पूर्वजों की यादें नष्ट करते हैं। हमें अपने पूर्वजों की बनाई वस्तुओं को सहेजकर रखना चाहिए तथा उनकी रक्षा करनी चाहिए।

प्रश्न 5.
माटी वाली की रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है? [Imp.]
उत्तर:
माटी वाली जब किसी घर में चाय के समय पर माटी देने पहुँच गई तो घर की मालकिन ने उसे दो रोटियाँ दीं, जिनमें से माटी वाली ने एक खा लिया और दूसरा कपड़े में लपेट दिया। सामने वाले घर से कामिनी नामक लड़की के बुलाने पर जब वहाँ गई तो माटी लाने के लिए उसे दो रोटियाँ और मिल गईं जिन्हें उसने कपड़े में बाँध लिया। घर जाते हुए वह सोच रही थी कि ये रोटियाँ वह अपने बीमार अशक्त बुड्ढे के सामने परोस देगी। वह हद से हद एक या डेढ़ रोटियाँ ही खा सकेगा। बाकी डेढ़ रोटियों से वह अपना काम चला लेगी। उसके द्वारा रोटियों का ऐसा हिसाब लगाया जाना उसकी घोर गरीबी की ओर संकेत करता है कि वह किस तरह दूसरे घरों से मिली रोटियों पर गुजर करने को विवश है।

प्रश्न 6.
आज माटी वाली बुड़े को कोरी रोटियाँ नहीं देगी-इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
माटी वाली को घर-घर माटी पहुँचाने से इतनी आय नहीं हो पाती थी कि वह कुछ साग या सब्जी खरीद सके। उसे घर की मालकिनों से जो एक-दो रोटियाँ मिल जाती थीं उन्हें ही बचाकर अपने बीमार पति (बूढ़े) के लिए ले जाती थी। वह इन रोटियों को साग या सब्ज़ी के बिना ही खा लिया करता था।
माटी वाली इस बात से दुखी है पर विवश है कि वह कुछ कर भी नहीं सकती है। उस दिन जब वह तीन रोटियाँ बचाकर ले जा रही थी तो सोच रही थी कि आज वह कुछ प्याज (एक-पाव) खरीद कर ले जाएगी और अपने बूढ़े को रोटियों के साथ प्याज कूटकर देगी। रोज सूखी रोटियाँ खाने वाला उसका बीमार पति आज तो प्याज के साथ रोटियाँ खा लेगा।

प्रश्न 7.
‘गरीब आदमी का श्मशान नहीं उजड़ना चाहिए।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। [Imp.]
उत्तर:
‘गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए’–कथन का आशय यह है कि गरीब आदमी अपनी गरीबी के बोझ तले दबा होता है। ऐसे आदमी के पास न रहने का कोई ठिकाना होता है न जीविका का कोई साधन। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को मरने के बाद शमशान घाट पर ही ठिकाना मिलता है जहाँ उसकी माटी जलाई या दफनाई जाती है। शमशान उजड़ने के बाद गरीब आदमी का अंतिम ठिकाना भी नष्ट हो जाएगा। अतः गरीब आदमी का शमशान हर हाल में बचा रहना चाहिए।

प्रश्न 8.
विस्थापन की समस्या पर एक अनुच्छेद लिखिए। [Imp.]
उत्तर:
आज व्यक्ति, समाज, देश सभी प्रगति के पथ पर अग्रसर होकर विकास करना चाहते हैं। विकास के लिए देश में बिजली, पानी, सड़कें आदि की अच्छी व्यवस्था बहुत ही आवश्यक है।

जिन स्थानों पर बिजली, सड़क संबंधी परियोजनाएँ स्थापित की जाती हैं वहाँ के नागरिकों की जमीन को अधिग्रहीत कर लिया जाता है। इसके बदले उन्हें कहीं अन्यत्र स्थान दिया जाता है। विस्थापितों के लिए मात्र जगह दे देने से ही समस्या हल नहीं हो जाती है। लोगों को अपना बसा-बसाया घर छोड़ने के साथ व्यवसाय तथा खेती-बारी से भी दूर होना पड़ता है।

सरकारी आदेश की अवहेलना भी नहीं की जा सकती है। लोग अपने पुरखों की बनाई ज़मीन-जायदाद, घर आदि को छोड़ना नहीं चाहते हैं। उनके लिए ऐसा कर पाना बहुत ही कष्टकर होता है।

कुछ लोग इस दुख को नहीं सह पाते हैं और विक्षिप्त जैसे हो जाते हैं तो कुछ लोग मृत्यु को प्राप्त कर लेते हैं।
सबसे बुरी स्थिति उन लोगों की होती है जो किसी ज़मीन पर रहते तो हैं पर उनके पास जमीन का कोई प्रमाण पत्र नहीं होता है। इसके अभाव में वे नई जगह में अपना आवास नहीं बना सकते हैं तथा उनके पास जो था उससे भी हाथ धो बैठते हैं।

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 12 एक फूल की चाह.

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) कविता की उन पंक्तियों को लिखिए, जिनसे निम्नलिखित अर्थ का बोध होता है-
(i) सुखिया के बाहर जाने पर पिता का हृदय काँप उठता था।
उत्तर:
मेरा हृदय काँप उठता था,
बाहर गई निहार उसे;

(ii) पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिर की अनुपम शोभा।
उत्तर:
ऊँचे शैल-शिखर के ऊपर
मंदिर था विस्तीर्ण विशाल;
स्वर्ण-कलश सरसिज विहसित थे
पाकर समुदित रवि-कर-जाले।

(iii) पुजारी से प्रसाद/फूल पाने पर सुखिया के पिता की मन:स्थिति।
उत्तर:
भूल गया उसका लेना झट,
परम लाभ-सा पाकर मैं।
सोच,-बेटी को माँ के ये
पुण्य-पुष्प हूँ जाकर मैं।

(iv) पिता की वेदना और उसका पश्चाताप।
उत्तर:
अंतिम बार गोद में बेटी,
तुझको ले न सका मैं हा!
एक फूल माँ का प्रसाद भी
तुझको दे न सका मैं हा!

(ख) बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की?
उत्तर:
बीमार बच्ची सुखिया ने अपने पिता के सामने यह इच्छा प्रकट की कि वह उसके लिए (सुखिया के लिए) मंदिर से देवी के प्रसाद का एक फूल ला दें।

(ग) सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?
उत्तर:
सुखिया के पिता पर निम्नलिखित आरोप लगाकर दंडित किया गया-

  • वह अछूत है। उसने मंदिर में जबरदस्ती प्रवेश करके मंदिर की पवित्रता और देवी की गरिमा नष्ट की है।

(घ) जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?
उत्तर:
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने सुखिया को घर में नहीं पाया। उसकी मृत्यु जानकर वह श्मशान भागा हुआ गया जहाँ उसके निकट संबंधी सुखिया को जला चुके थे। चिता की आग बुझ चुकी थी। अब वहाँ राख की ढेरी मात्र थी। उसने अपनी फूल-सी बच्ची को राख की ढेरी के रूप में पाया।

(ङ) इस कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए। [CBSE]
उत्तर:
इस कविता का केंद्रीय भाव यह है कि छुआछूत मानवता पर कलंक है। किसी को जन्म के आधार पर अछूत मानना और उसे मंदिर में प्रवेश न करने देना अपराध है। सुखिया के पिता को तथाकथित भक्तों ने केवल इसलिए पीटा क्योंकि वह अछूत था। इस कारण उसे मंदिर में नहीं आने दिया गया। न्यायालय ने भी उस पर अन्याय किया। उसे सात दिनों की सज़ा केवल इसलिए सुनाई गई क्योंकि उसने मंदिर में घुसकर मंदिर की पवित्रता नष्ट की थी। कवि कहना चाहता है कि अछूतों पर किए जाने वाले ये अत्याचार घिनौने हैं। इन्हें रोका जाना चाहिए।

(च) इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/बिंबों को छाँटकर लिखिए-
उदाहरण : अंधकार की छाया
उत्तर:

  1. कितना बड़ा तिमिर आया!
  2. कब आई संध्या गहरी
  3. हाय वही चुपचाप पड़ी थी
  4. मंदिर था विस्तीर्ण विशाल
  5. हुई राख की थी ढेरी!

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए-
(क)अविश्रांत बरसा करके भी
 आँखें तनिक नहीं रीतीं
उत्तर:
आशय-सुखिया के पिता की आँखें निरंतर बहती रहीं। फिर भी उनमें से आँसू नहीं थमे। उसके हृदय की वेदना कम नहीं हुई।
अर्थ-सौंदर्य-इसमें सुखिया के पिता की असीम वेदना पूरे वेग से प्रकट हुई है। उसकी वेदना अनंत है। विशेषोक्ति अलंकार का कुशलतापूर्वक प्रयोग किया गया है। बहुत कुछ बरसने के बाद भी वे आँसुओं से भरी रहीं।

(ख) बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी
उत्तर:
आशय- सुखिया के पिता ने देखा कि सुखिया की चिता बुझ चुकी थी। उसकी फूल जैसी कोमल बच्ची अब इस दुनिया में नहीं थी। उसे अपनी बच्ची की जगह राख की ढेरी मिली। इससे उसके हृदय का दुख और भी बढ़ गया।

अर्थ सौंदर्य- सुखिया के पिता ने देखा कि उसके निकट संबंधियों ने जो चिता जलाई थी, वह बुझ चुकी है, परंतु इससे सुखिया के हृदय की चिता धधकने लगी। एक चिता का बुझना, दूसरी को धधकना हृदय के बढ़े दुख की अभिव्यक्ति कर रहा है।

(ग) हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर ।
उत्तर:
आशय-सुखिया के पिता ने अपनी बेटी को बीमारी की अवस्था में बिस्तर पर पड़े देखा। उसे याद आया कि सुखिया बहुत चंचल थी, शरारती थी। वह पल-भर के लिए भी टिककर नहीं बैठती थी। आज वही नटखट लड़की बीमारी की लाचारी के कारण बिस्तर पर ऐसे चुपचाप लेटी पड़ी थी मानो वह शांति की स्थिर मूर्ति हो।
अर्थ-सौंदर्य-इसमें बीमारी की मनोदशा में उत्पन्न होने वाली मौन उदासी का हृदयद्रावक चित्रण हुआ है।
‘अटल शांति-सी’ उपमा बहुत सुंदर बन पड़ी है। ‘हाय’ शब्द से हृदय की वेदना व्यक्त हो चली है।

(घ) पापी ने मंदिर में घुसकर ।
किया अनर्थ बड़ा भारी
उत्तर:
आशय- सुखिया का पिता अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए मंदिर से देवी का प्रसाद लेने गया। उस अछूत के मंदिर में प्रवेश करने को मंदिर की पवित्रता भंग करने और देवी को अपमानित करने वाला माना गया। उसका मंदिर में प्रवेश करना भारी अनर्थ होने जैसा था।
अर्थ-सौंदर्य- एक अछूत द्वारा मंदिर में प्रवेश करना समाज के तथाकथित उच्च वर्ग को ऐसा लग रहा था, जैसे बड़ा भारी अनर्थ हो गया। अर्थात् अब देवी रुष्ट हो जाएगी और भारी तबाही मच जाएगी। इस भाव के लिए बड़ा भारी अनर्थ शब्द का प्रयोग हुआ है।

योग्यता-विस्तार

प्रश्न 1.
‘एक फूल की चाह’ एक कथात्मक कविता है। इसकी कहानी को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
‘एक फूल की चाह’ का संक्षिप्त कहानी रूप सुखिया नाम की एक अछूत कन्या थी, जो सदैव हँसती-खेलती रहती थी। एक बार उस क्षेत्र में भयंकर महामारी फैली, जिसकी चपेट में सुखिया भी आ गई। उसे बुखार ने जकड़ लिया। धीरे-धीरे उसका चलना-फिरना, उठना-बैठना बंद हो गया। उसका शरीर कमज़ोर हो गया। यहाँ तक कि आवाज़ भी कमज़ोर पड़ने लगी। उसने अर्ध बेहोशी की हालत में अपने पिता से मंदिर से देवी के प्रसाद का एक फूल लाने के लिए कहा। उसके पिता ने उसकी इच्छा पूरी करने की कोशिश की और स्वच्छ कपड़े पहनकर मंदिर में चला गया। वहाँ पूजा के समय दीप-धूप चढ़ाकर प्रसाद के फूल लेकर आ रहा था कि मंदिर में कुछ सवर्ण भक्तों ने पहचान लिया और चिल्लाकर कहा कि यह अछुत मंदिर में कैसे आ गया।

उन्होंने उस अछूत पिता को मारा-पीटा और न्यायालय ले गए जहाँ उसे सात दिनों का कारावास मिला। कारावास का दंड भोगकर जब वह घर गया तो सुखिया उसे नहीं मिली। उसके मरने की बात जानकर वह भागा-भागा श्मशान गया जहाँ उसे अपनी बच्ची की जगह राख की ढेरी मिली। उसने अपना दुख प्रकट करते हुए कहा, “हाय ! मेरी फूल-सी बच्ची राख की ढेरी बन चुकी है। मैं माता के प्रसाद का एक फूल देकर उसकी अंतिम इच्छा भी न पूरी कर सका।”

प्रश्न 2.
‘बेटी’ पर आधारित निराला की रचना ‘सरोज-स्मृति’ पढ़िए।
उत्तर:
पुस्तकालय से पुस्तक निकलवाकर पढ़िए।

प्रश्न 3.
तत्कालीन समाज में व्याप्त स्पृश्य और अस्पृश्य भावना में आज आए परिवर्तनों पर एक चर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर:
समाज की तत्कालीन परिस्थितियों और वर्तमान परिस्थितियों पर छात्र स्वयं चर्चा करें।

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NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo are part of NCERT Solutions for Class 9 English. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo.

Board CBSE
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject English Beehive (poem)
Chapter Chapter 7
Chapter Name The Duck and the Kangaroo
Category NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo

COMPREHENSION QUESTIONS

Read the extracts given below and answer the questions that follow each :

1. Said the Duck to the Kangaroo,
“Good gracious ! how you hop !
Over the fields and the water too,
As if you never would stop !
My life is a bore in this nasty pond,
And I long to go out in the world beyond !
I wish I could hop like you !”
Said the Duck to the Kangaroo. (Page 94)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo 1

Questions

(a) How does the Duck speak to the Kangaroo ?
(b) How does the Duck look at the Kangaroo’s jumping ?
(c) What is the Duck’s desire ?
(d) Give the meaning of‘hop’.

Answers

(а) The Duck speaks to the Kangaroo most respectfully.
(b) The Duck looks at the Kangaroo’s jumping over the fields and water as never-ending.
(c) The Duck wishes she could hop like him.
(d) It is ‘jump’.

2. “Please give me a ride on your back !”
Said the Duck to the Kangaroo.
“I would sit quite still, and say nothing but ‘Quack’,
The whole of the long day through !
And we’d go to the Dee, and the Jelly Bo Lee,
Over the land, and over the sea ;
Please take me a ride ! O do !”
Said the Duck to the Kangaroo. (Page 95) (Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo 2

Questions

(a) What did the Duck request the Kangaroo for ?
(b) What shall the Duck do the whole day ?
(c) How did the Duck request the Kangaroo ? How do you know ?
(d) Give the rhyme scheme used in this stanza.

Answers

(a) The Duck requested the Kangaroo for a ride.
(b) The Duck would quack the whole day.
(c) She requested the Kangaroo very much. It is seen in her repeating the request for a ride.
(d) It is ab ab cc dd.

3. Said the Kangaroo to the Duck,
“This requires some little reflection ;
Perhaps on the whole it might bring me luck,
And there seems but one objection,
Which is, if you’ll let me speak so bold,
Your feet are unpleasantly wet and cold,
And would probably give me the roo-
Matiz !” said the Kangaroo. (Page 95) (Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo 3

Questions

(a) What is ‘This’ in the second line here ?
(b) What is the objection ?
(c) How would the Kangaroo like to speak ?
(d) What will the Kangaroo have in the end ?

Answers

(a) This’ here means ‘giving the Duck a ride’.
(b) It is that the Duck’s feet are ‘wet and cold’.
(c) The Kangaroo would like to speak boldly.
(d) He will have cold.

4. Said the Duck. “As I sat on the rocks,
I have thought over that completely,
And I bought four pairs of worsted socks Which fit my web-feet neatly.
And to keep out the cold I’ve bought a cloak,
And every day a cigar I’ll smoke,
All to follow my own dear true
Love of a Kangaroo !” (Page 96) (V. Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo 4

Questions

(a) When did the Duck think over ‘that’ ? What is ‘that’ ?
(b) Why did the Duck buy socks ?
(c) What for did she buy a cloak and other things ?
(d) Give the meaning of‘neatly’.

Answers

(a) When the Duck sat on the rocks, she thought over ‘that’. That’ here is her request for a ride.
(b) She bought these to protect her feet from cold.
(c) She bought all these for the love of Kangaroo.
(d) It means ‘completely’.

5. Said the Kangaroo. “I’m ready !
All in the moonlight pale ;
But to balance me well, dear Duck, sit steady !
And quite at the end of my tail!”
So away they went with a hop and a bound,
And they hopped the whole world three times round ;
And who so happy—O who,
As the Duck and the Kangaroo ? (Page 96) (M. Imp.) (CBSE 2016)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 7 The Duck and the Kangaroo 5

Questions

(a) How djd the kangaroo react ?
(b) Where did the kangaroo ask the duck to sit ?
(c) What is the rhyme scheme of the stanza ?
(d) Give the meaning of ‘steady’.

Answers

(a) The kangaroo reacted saying that he was ready. But the duck should sit steady to balance him well.
(b) The kangaroo asked the duck to sit quietly at the end of his tail to balance him well.
(c) The rhyme scheme of the stanza is : ab ab cc dd.
(d) It means ‘still’ or ‘not moving’.

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NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree are part of NCERT Solutions for Class 9 English. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree.

Board CBSE
Textbook NCERT
Class Class 9
Subject English Beehive (poem)
Chapter Chapter 8
Chapter Name On Killing a Tree
Category NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree

I. COMPREHENSION QUESTIONS

Read the extracts given below and answer the questions that follow each :

1. It takes much time to kill a tree,
Not a simple jab of the knife
Will do it. It has grown Slowly consuming the earth,
Rising out of it, feeding
Upon its crust, absorbing
Years of sunlight, air, water,
And out of its leprous hide
Sprouting leaves. (Page 110)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree 1

Questions

(a) What will a simple jab of the knife not do to a tree ?
(b) Where has the tree grown ?
(c) What did the tree need to grow ?
(d) How does its bark look ?

Answers

(а) It will not kill a tree.
(b) It has grown on the earth’s surface.
(c) It needed sunlight, air, water and the earth’s crust.
(d) It looks like the leprous hide.

2. So hack and chop
But this alone won’t do it.
Not so much pain will do it.
The bleeding bark will heal
And from close to the ground
Will rise curled green twigs,
Miniature boughs
Which if unchecked will expand again
To former size. (Page 110) (Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree 2

Questions

(a) What alone will not do to the tree ?
(b) What will happen after the bark bleeds ?
(c) When will small boughs grow to their former size ?
(d) Give the meaning of ‘miniature’.

Answers

(a) Hacking and chopping will not kill the tree.
(b) It will soon heal.
(c) When they will not be checked.
(d) It is ‘small’.

3. No,
The root is to be pulled out —
Out of the anchoring earth ;
It is to be roped, tied,
And pulled out—snapped out Or pulled out entirely,
Out from the earth-cave, (Pages 110-111) (V. Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree 3

Questions

(a) What shall one have to do to kill the tree ?
(b) How does the earth give protection to the tree ?
(c) How is the earth seen in relation to it ?
(d) Name the poetic device used in the last line here.

Answers

(a) One shall have to pull out or snap out the tree from the roots.
(b) It anchors the tree and keeps it firmly standing.
(c) It is like a cave to preserve it.
(d) It is ‘metaphor’.

4. And the strength of the tree exposed
The source, white and wet,
The most sensitive, hidden
For years inside the earth. (Page 111)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree 4

Questions

(a) What happens when the tree is pulled out ?
(b) How does the source of the tree look ?
(c) Where has the source of the tree laid ?
(d) Give the meaning of ‘sensitive’.

Answers

(a) Its strength is seen.
(b) It looks white and wet.
(c) It has laid inside the earth.
(d) It is ‘that is easily affected’.

5. Then the matter
Of scorching and choking In sun and air,
Browning, hardening,
Twisting, withering,
And then it is done. (Page 111) (M. Imp.)
NCERT Solutions for Class 9 English Beehive Poem Chapter 8 On Killing a Tree 5

Questions

(a) What happens to the tree after it is pulled out ?
(b) Which colour does the tree acquire then and how does it look ?
(c) What happens to the tree after all these stages ?
(d) What is ‘it’ in the last line ?

Answers

(a) It is scorched and choked.
(b) It acquires brown colour. It looks hardened.
(c) It is then killed.
(d) ‘It’ here means the action of killing the tree.

II. TEXTUAL QUESTIONS
(Page 111)

Thinking About the Poem

I.

  1. Can a “simple jab of the knife” kill a tree ? Why not ?
  2. How has the tree grown to its full size ? List the words suggestive of its life and activity.
  3. What is the meaning of “bleeding bark” ? What makes it bleed ?
  4. The poet says “No” in the beginning of the third stanza. What does he mean by this ?
  5. What is the meaning of “anchoring earth” and “earth cave” ?
  6. What does he mean by “the strength of the tree exposed” ? (CBSE 2016)
  7. What finally kills the tree ?

Answers

  1. No, it can’t. It is because the bark of the tree will heal on its own after some time.
  2. It has consumed the earth and fed on its crust. It has absorbed light, air and water for years. The words are : consuming, feeding, absorbing sunlight, air and water.
  3. It means the bark giving out juice etc., after it is cut. A knife’s or axe’s cut makes it bleed.
  4. By ‘No’ he means to say that to kill a tree one should not hack, chop or jab it with a
  5. It means the earth that gives protection to the tree. The earth, that is, the soil keeps the tree in its grip and gives life to it. ‘Earth cave’ means a hole inside it. This looks like a small cave. The tree has its roots in it.
  6. The strength of the tree are its roots. When the tree is pulled out, these are exposed.
  7. Pulling out the tree in one jerk with ropes etc., finally kills the tree.

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